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नरेन्द्र मोदी ने छात्रों को दिया तनाव मुक्ति का मंत्र: परीक्षा से परे भी जीवन है

© Photo : Twitter/@PMOIndiaNarendra Modi interacts with students during 'Pariksha Pe Charcha'
Narendra Modi interacts with students during 'Pariksha Pe Charcha' - Sputnik भारत, 1920, 27.01.2023
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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने तनाव मुक्त परीक्षा अवधि के लिए छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के साथ सुझावों को साझा करने के लिए साल 2018 में परीक्षा पर चर्च कार्यक्रम शुरू की तबसे हर साल यह आयोजित हो रहा है।
दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में पीएम मोदी ने लाखों छात्रों के साथ परीक्षा पर चर्चा की। छात्रों के अलावा कार्यक्रम में शिक्षक और अभिभावक भी शामिल थे।
Sputnik ने इस कार्यक्रम के दौरान कहे गए सबसे अच्छे उद्धरणों को चुना है, उन्हें पढ़ें:
१) सामाजिक प्रतिष्ठा के लिए उम्मीदें न रखें
"परिवारों को अपने बच्चों से उम्मीदें होना स्वाभाविक है, लेकिन अगर यह सिर्फ सामाजिक स्थिति बनाए रखने के लिए है, तो यह खतरनाक हो जाता है।"
२) दबाव के दबाव में ना रहें
"यदि आप अच्छा करेंगे तो भी हर कोई आप से नई अपेक्षा करेगा। चारों ओर से दबाव होता है, लेकिन क्या हमें इस दबाव से दबना चाहिए? ऐसे ही आप भी यदि अपनी एक्टिविटी पर फोकस रहते हैं तो आप भी ऐसे संकट से बाहर आ जाएंगे। कभी भी दबाव के दबाव में ना रहें।"
३) हार्डवर्क स्मार्टली करें
"पहले काम को समझिए। हमें भी जिस चीज की जरूरत है उसी पर फोकस करना चाहिए। अगर मुझे कुछ हासिल करना है तो मुझे स्पेसिफिक एरिया पर फोकस करना होगा, तभी परिणाम मिलेगा। हमें स्मार्टली हार्डवर्क करना चाहिए, तभी अच्छे नतीजे मिलेंगे।"
४) एक एग्जाम के कारण जीवन नहीं रुकता
"हम दिन-रात प्रतिस्पर्धा के भाव में जीते हैं। हम अपने लिए जिएं और अपनों से सीखते हुए जिएं। सीखना सबसे चाहिए लेकिन अपने सामर्थ्य पर भी बल देना चाहिए। एक एग्जाम के कारण जीवन एक स्टेशन पर रुकता नहीं है।"
५) डंडा लेकर डिसिप्लिन वाला रास्ता न चुनें
"आज भी छात्र अपने शिक्षक की बात को बहुत मूल्यवान समझता है। हमें डंडा लेकर डिसिप्लिन वाला रास्ता ना चुन कर अपनेपन का रास्ता चुनना चाहिए। अपनेपन का रास्ता चुनेंगे तभी लाभ होगा।"
६) अपनी क्षमता को पहचानें

"जब एक बार आप इस सच्चाई को स्वीकार कर लेते हैं कि मेरी एक क्षमता है और मुझे अब इसके अनुकूल चीजों को करना है। आप जिस दिन अपने सामर्थ्य को जान जाते हैं, उस दिन बहुत बड़े सामर्थ्यवान बन जाते हैं।"

बता दें कि वार्षिक चर्चा के छठे संस्करण में भाग लेने के लिए 3.8 मिलियन से अधिक छात्रों ने पंजीकरण कराया, जिनमें से 1.6 मिलियन राज्य बोर्डों से थे।

इस आयोजन में भागीदारी एक प्रतियोगिता के माध्यम से चयन के माध्यम से होती है, जिसमें विजेताओं को कार्यक्रम में भाग लेने का मौका मिलता है। कुछ विजेताओं को प्रधानमंत्री से सीधे प्रश्न करने का भी मौका मिलता है।
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