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केरल में पिछले पांच साल में जानवरों के हमले में 637 लोगों की मौत

© AP Photo / ASSOCIATED PRESSPeople run as they follow a wild elephant that strayed into the town of Siliguri in West Bengal state, India, Wednesday, Feb. 10, 2016. The elephant had wandered from the Baikunthapur forest on Wednesday, crossing roads and a small river before entering the town. The panicked elephant ran amok, trampling parked cars and motorbikes before it was tranquilized.
People run as they follow a wild elephant that strayed into the town of Siliguri in West Bengal state, India, Wednesday, Feb. 10, 2016. The elephant had wandered from the Baikunthapur forest on Wednesday, crossing roads and a small river before entering the town. The panicked elephant ran amok, trampling parked cars and motorbikes before it was tranquilized. - Sputnik भारत, 1920, 01.02.2023
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इंसानी आवासों में जंगली जानवरों का घुसना आम हो गया है जिसके बाद राज्य में पिछले कुछ महीनों से लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
राज्य के वन मंत्री एके ससींद्रन ने बुधवार को विधान सभा में बताया कि पिछले पांच वर्षों में केरल में जंगली जानवरों के हमले में कम से कम 637 लोग मारे गए हैं।
दरअसल मंत्री विपक्ष द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे, जिसमें कहा गया था कि जानवरों के हमले के मामलों में सरकार ने कुछ भी सुरक्षा के उपाय नहीं किए और सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को खुद ही सुरक्षा उपाय करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
"जानवरों के हमले बढ़ गए हैं लेकिन यह सच नहीं है कि सरकार सुरक्षारात्मक उपाय नहीं कर रही है। वन अधिकारी नुकसान को कम करने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं और इस तरह के आरोप उन्हें हतोत्साहित ही करेंगे," मंत्री ने कहा।
गौरतलब है कि राज्य विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश करते हुए कांग्रेस सदस्य सनी जोसेफ ने कहा कि जंगल से सटे क्षेत्रों और पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों की रातों की नींद हराम है क्योंकि बार-बार होने वाले जानवरों के हमलों के कारण उनका जीना दुश्वार हो गया है।

उन्होंने कहा कि सरकार मौत के बाद मुआवजे की घोषणा करती है लेकिन यह रवैया बदलना चाहिए और ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय करने चाहिए।

बता दें कि राज्य में पिछले महीने हाथी और बाघ के अलग-अलग दो हमलों में दो लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद सरकार ने पिछले महीने वन्य जीव आबादी को प्रतिबंधित करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर करने की घोषणा की थी।
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