बजट सशस्त्र सेनाओं को आधुनिक और भविष्य देखकर बनाया है: रक्षा विशेषज्ञ
18:10 02.02.2023 (अपडेटेड: 20:33 02.02.2023)
© AFP 2023 MONEY SHARMAAn Indian Army contingent marches during India's 73rd Republic Day parade at the Rajpath in New Delhi in January 26, 2022.
© AFP 2023 MONEY SHARMA
सब्सक्राइब करें
भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रक्षा खर्च में 5.94 ट्रिलियन ($ 72.6 बिलियन) का प्रस्ताव रखा, जो पिछली बार से 13% अधिक है।
Sputnik ने बात की भारत के रक्षा विशेषज्ञ भारतीय सेना से सेवानिवृत्त मेजर जनरल पी.के.सहगल से, उन्होंने बताया कि 13 प्रतिशत रक्षा बजट बढ़ने से भारतीय सशस्त्र सेनाएँ आधुनिकता और डिजिटलीकरण की और अग्रसर होंगी।
वित्त मंत्री ने रक्षा पूंजी परिव्यय के लिए 1.63 ट्रिलियन रुपये आवंटित किए हैं जिसके तहत नए हथियार, विमान, युद्धपोत और अन्य सैन्य हार्डवेयर शामिल होंगे, ₹2.77 ट्रिलियन सैन्य वेतन और लाभ के लिए, 1.38 ट्रिलियन सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए पेंशन पर और विविध मदों के लिए शेष राशि होगी।
मंत्री सीतारमण ने मार्च में समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के रक्षा बजट को भी संशोधित कर 5.25 ट्रिलियन के पहले के अनुमान से 5.85 ट्रिलियन रुपये कर दिया है।
इस रक्षा बजट की बढ़ोतरी, इसके प्रभाव और इस राशि के उपयोग पर Sputnik ने भारतीय सेना से सेवानिवृत्त मेजर जनरल पी.के.सहगल से बात की।
इस रक्षा बजट की बढ़ोतरी, इसके प्रभाव और इस राशि के उपयोग पर Sputnik ने भारतीय सेना से सेवानिवृत्त मेजर जनरल पी.के.सहगल से बात की।
भारत के रक्षा विशेषज्ञ भारतीय सेना से सेवानिवृत्त मेजर जनरल पी.के.सहगल ने Sputnik को बताया कि यह बजट भारतीय डिफेन्स फोर्सेज की आवश्यकता और भविष्य को देखकर बनाया गया है।
"यह बजट मोदी सरकार के सभी पिछले बजटों से अच्छा है। यह बजट देश की आवश्यकताओं और भविष्य को देखते हुए है। मुझे अच्छा लगा की इस बार आवंटन 'Make in India' और आधुनिकीकरण को ध्यान में रख कर किया गया है," मेजर जनरल पी.के.सहगल ने कहा।
रक्षा विशेषज्ञ सहगल ने आगे बताया की बजट में की गई बढ़ोतरी से आर्मी, एयर फोर्स और नेवी की जरूरतें पूरी की जाएगी और सेना को आधुनिक बनाया जाएगा।
"इस बार के बजट में एक बड़ा हिस्सा सेना को आधुनिक बनाने की शुरुआत करने में जैसे वायु सेना के लिए ज्यादा एयरक्राफ्ट का आयात करना, देश में बने TEJAS एयर क्राफ्ट और मिसाइल की मैन्यफैक्चरिंग बढ़ाने और अन्य आधुनिक उपकरणों पर खर्च करने में किया जाएगा। वही सेना को भी पश्चिमी लद्दाख और उत्तरी सिक्किम के लिए हल्के टैंक की जरूरत है। इस बजट से थल सेना को आधुनिक बनाने, डिजिटलीकरण करने और अन्य जरूरते पूरी करने के लिए किया जाएगा," मेजर जनरल पी.के.सहगल ने कहा।
बजट के बढ़ने से पड़ोसी देश चीन पर इसके क्या प्रभाव होंगे तो इस पर रक्षा विशेषज्ञ सहगल ने Sputnik को दिए इंटरव्यू में बताया कि दोनों देशों के बजट आवंटन में बड़ा अंतर है और इसको कम करने के लिए जल्दी से जल्दी काम किया जाना चाहिए।
"भारतीय सशस्त्र सेनाओं को काफी जरूरत है और जरूरतों को जल्दी से जल्दी पूरा कर लेना चाहिए जिससे किसी की हिम्मत भारत को डराने की न हो। इस तरह का आवंटन एक सही कदम है। चीन का बजट 30-35 सालों से हमसे कई गुना अधिक रहा है और दोनों सेनाओ में तादात और कहीं कहीं गुड़वत्ता को लेकर काफी अंतर है। हम आने वाले सही समय तक इस अंतर को कम कर सकते हैं इसलिए हम सिर्फ अपने डिफेन्स को मजबूत बना रहे हैं जिससे कोई भी देश हमारी प्रादेशिक गरिमा पर सवाल न उठाए," मेजर जनरल पी.के.सहगल ने कहा।
भारतीय सेना के सेवनिव्रत मेजर जनरल सहगल ने Sputnik को बताया कि बजट बढ़ाने से भू-राजनीतिक परिदृश्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। अमेरिका जैसे देश का बजट हमेशा कई गुणा अधिक है और भारत सिर्फ अपनी सुरक्षा को मजबूत बना रहा है। हमारी कोई भी मनसा पाकिस्तान को डराने की है और न ही एक इंच चीन की जमीन लेने की है।