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पुतिन: सोवियत लोगों के ख़िलाफ़ द्वितीय विश्व युद्ध का जनसंहार स्वीकार करना बहुत अहम है

 - Sputnik भारत, 1920, 02.02.2023
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द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सोवियत लाल सेना से लेनिनग्राद की घेराबंदी तोड़ने की 80वीं जयंती मनाने के लिए आयोजित कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में व्लादिमीर पुतिन ने सेंट पीटर्सबर्ग में द्वितीय विश्व युद्ध के रूसी सैन्य अनुभवियों से मुलाकात की।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को दावा किया कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सोवियत संघ की नागरिक आबादी के खिलाफ जनसंहार को स्वीकार करना "बहुत महत्वपूर्ण" है
पुतिन ने याद दिलाई कि 1945-1946 के नूर्नबर्ग परीक्षण के दौरान इस विषय पर चर्चा की गई थी। उन्होंने कहा कि उस समय "इस जनसंहार का साबित करनेवाले सब तथ्यों पर विचार करना और उन्हें प्रस्तुत करना असंभव था"।
इसके साथ पुतिन ने लेनिनग्राद के रक्षकों और नागरिकों का सम्मान करके इस बात पर जोर दिया कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उनके बहादुर व्यवहार के बारे में जानकारी आने वाली पीढ़ियों को देना जरूरी है ताकि "हमारे इतिहास के ये पृष्ठ लोगों की याद में हमेशा रहें।"
© Sputnik / Борис Кудояров / मीडियाबैंक पर जाएंTanks moving from Palace Square during the siege of Leningrad.
Tanks moving from Palace Square during the siege of Leningrad. - Sputnik भारत, 1920, 02.02.2023
Tanks moving from Palace Square during the siege of Leningrad.
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान लाल सेना से लेनिनग्राद की घेराबंदी तोड़ने की 80वीं जयंती रूस के सभी नागरिकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
18 जनवरी, 1943 को इस्क्रा (स्पार्क) ऑपरेशन के हिस्से के रूप में घेराबंदी तोड़ दी गई थी। वह घटना उस वर्ष लाल सेना की पहली बड़ी जीत बन गई, जिसके बाद स्टालिनग्राड में दूसरी महत्वपूर्ण जीत हुई। लेनिनग्राद की घेराबंदी के दौरान दस लाख से अधिक नागरिकों की मौत हो गई।
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