हिमनदी झीलों की बाढ़ के खतरे में भारत और पाकिस्तान समेत चार देशों के 1.5 करोड़ लोग
© AFP 2023 HANDOUT / NASAThis undated photo courtesy of NASA shows Thwaites Glacier in Western Antarctica
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नेचर कम्युनिकेशंस (Nature Communications) पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, दुनिया भर में कम से कम 1.5 करोड़ लोग हिमनदी झील की बाढ़ के खतरे में हैं।
अध्ययन में कहा गया है कि, ग्लेशियरों के पिघलने के परिणामस्वरूप निर्मित पिघले पानी की झीलें बढ़ने के कारण खतरा पैदा हो जाता है।
इस में भी कहा गया है कि इसके परिणामस्वरूप जीवन के लिए महत्वपूर्ण चीजों को नुकसान हो सकता है। दुनिया भर में 1.5 करोड़ लोग संभावित हिमनद झीलों की बाढ़ स्थलों के निकट में रहकर प्रभावित हो सकते हैं।
यह ध्यान दिया जाता है कि संकेतित लोगों में से आधे से अधिक चार देशों के निवासी हैं यानी भारत, पाकिस्तान, पेरू और चीन के।
शोधकर्ता सार्वजनिक पूर्व चेतावनी प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर जोर देते हैं, इस के साथ -साथ वे अधिक प्रभावी शमन रणनीतियों (भूमि क्षेत्रीकरण जैसे) को विकसित करने और जोखिम वाले क्षेत्रों पर बेहतर ढंग से अध्ययन करने की आवश्यकता पर भी ध्यान देते हैं।
शोधकर्ता सार्वजनिक पूर्व चेतावनी प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर जोर देते हैं, इस के साथ -साथ वे अधिक प्रभावी शमन रणनीतियों (भूमि क्षेत्रीकरण जैसे) को विकसित करने और जोखिम वाले क्षेत्रों पर बेहतर ढंग से अध्ययन करने की आवश्यकता पर भी ध्यान देते हैं।
अध्ययन के सह-लेखक और न्यूजीलैंड कैंटरबरी विश्वविद्यालय में एक वरिष्ठ व्याख्याता टॉम रॉबिन्सन के अनुसार हिमनद बांध निर्मित बांधों से अलग नहीं हैं।
वैज्ञानिक ने जोड़ा कि "यदि आप उदाहरण के लिए हूवर बांध को लेते हैं, इसके पीछे एक विशाल झील है, लेकिन यदि आप इसे अचानक हटा देते हैं, तो पानी को कहीं जाना होगा, और यह विशाल बाढ़ की लहरों के रूप में घाटी में बह जाएगा," उसने जोड़ा।