इमरान खान पीएम रहते तो नष्ट हो जाता पाकिस्तान: पूर्व सेना प्रमुख
© AP Photo / K.M. ChaudaryFormer Pakistani Prime Minister Imran Khan waves to his supporters during an anti government rally, in Lahore, Pakistan, Thursday, April 21, 2022.
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पूर्व पीएम और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष को अपना पद छोड़ने पर मजबूर किए जाने के बाद से कानूनी लड़ाई में व्यस्त हैं। खान कहते रहे कि उन्हें राजनीतिक कारणों से निकाल दिया गया था।
पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा कि इमरान खान देश के लिए खतरा हैं, और अगर उनकी सरकार देश को चलाना जारी रखती, तो पाकिस्तान नष्ट हो जाता।
एक पाकिस्तानी मीडिया को वीडियो साक्षात्कार देते हुए बाजवा ने कहा कि कैबिनेट बैठक में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बारे में बोलते हुए खान द्वारा अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया गया था। बाजवा ने यह भी कहा कि जब क्राउन प्रिंस को इसके बारे में मालूम हुआ, तो उन्होंने खान से सभी संपर्क खत्म कर दिए और उनसे फोन पर बात करने से भी इन्कार किया।
पूर्व प्रधान मंत्री से बुरे संबंधों के कारणों के बारे में बताते हुए सेवानिवृत्त सेना प्रमुख ने कहा कि अगर वे "खान का समर्थन करते, तो वे गौरव के साथ सेवानिवृत्त बनते। लेकिन उन्होंने देश के नाम पर अपनी प्रतिष्ठा का त्याग करने का विकल्प चुना।"
© AP Photo / Anjum NaveedIn this March 23, 2019 photo, Pakistan's Army Chief Gen. Qamar Javed Bajwa, center, watches a parade with Prime Minister Imran Khan, left, and President Arif Alvi, in Islamabad, Pakistan.
In this March 23, 2019 photo, Pakistan's Army Chief Gen. Qamar Javed Bajwa, center, watches a parade with Prime Minister Imran Khan, left, and President Arif Alvi, in Islamabad, Pakistan.
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यह पहली बार नहीं है जब खान और बाजवा एक-दूसरे पर आरोप लगाते नज़र आए हैं। खान ने बहुत बार दावा किया था कि बाजवा ने विपक्षी दलों के साथ साजिश रची थी, जिसके नतीजे यह निकला कि पिछले साल के अप्रैल में उनकी सरकार गिर गई और बाजवा ने खान पर उनके प्रधान मंत्री पद के कार्यकाल में गलतियां करने या सत्ता का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया।
सऊदी अरब पाकिस्तान के तेल के मुख्य आपूर्तिकर्ताओं और वित्तीय सहायता के दान दाताओं में से है। जनवरी में रियाद ने इस्लामाबाद को 1 अरब डॉलर की सहायता राशी भेजी थी और इस्लामिक विकास बैंक से 4.2 अरब डॉलर की सहायता भी प्रदान किया थी ।
दिसंबर 2022 में सऊदी अरब ने पाकिस्तान को एक साल के लिए 4 प्रतिशत पर 3 अरब डॉलर का एक और ऋण दिया था। यह सहायता ऐसे समय में आई जब पाकिस्तान के पास तीन सप्ताह से कम कि विदेशी मुद्रा भंडार शेष था और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने इस देश को 7 अरब डॉलर की सहायता देना अस्वीकार कर दिया था ।