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अधिकारी के मुताबिक झारखंड के 36 मजदूर ताजिकिस्तान में फंसे

© AP Photo / Channi AnandIndian workers carry metal rods on an overpass bridge in Jammu, India
Indian workers carry metal rods on an overpass bridge in Jammu, India - Sputnik भारत, 1920, 14.02.2023
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पिछले महीने भी झारखंड के 44 मजदूरों को ताजिकिस्तान की एक एजेंसी ने बंधक बना लिया था। विदेश मंत्रालय और राज्य सरकार के हस्तक्षेप पर उनकी रिहाई सुनिश्चित हो पाई थी।
भारतीय मीडिया ने एक अधिकारी के हवाले से बताया गया है, कि भारत के झारखंड राज्य के कम से कम 36 प्रवासी मजदूर पिछले दो महीनों से ताजिकिस्तान में फंसे हुए हैं।
प्रवासी मजदूरों के लिए कार्य करने वाले झारखंड के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली इस मामले को सरकारी अधिकारियों के सामने लेकर आए।

उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से फंसे हुए मजदूरों ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत करते हुए आरोप लगाया है कि बिजली ट्रांसमिसन लाइन बिछाने वाली कंपनी ने उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए हैं। इसके साथ साथ उन्हें भोजन और पैसे भी नहीं दिए जा रहे हैं।

सामाजिक कार्यकर्ता ने आगे कहा कि हजारीबाग, बोकारो और गिरिडीह जिलों के मजदूर 19 दिसंबर 2022 को भारत से बाहर अच्छे वेतन के तलाश में मध्य एशियाई देश के लिए रवाना हुए थे।
हजारीबाग की उपायुक्त नैन्सी सहाय ने समाचार एजेंसी को बताया कि उन्हें फंसे मजदूरों के परिजनों से शिकायत मिली है कि उन्हें बंधुआ मजदूरों की तरह जीवन जीने के लिए मजबूर किया गया है।

"शिकायतों के आधार पर, मैंने राज्य प्रवासी प्रकोष्ठ को संबंधित अधिकारियों के साथ इस मुद्दे को उठाने और जल्द से जल्द अपने मूल स्थानों पर मजदूरों की रिहाई और सुरक्षित घर वापसी के रास्ते खोजने के लिए सूचित किया है," उपायुक्त नैन्सी सहाय ने कहा।

अब उनके परिजनों ने मजदूरों की स्थिति देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार से जल्द से जल्द फंसे हुए मजदूरों की सकुशल घर वापसी सुनिश्चित कराने की मांग की है।
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