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अमेरिका में बैंकों के पतन के बारे में आपको क्या जानना चाहिए?

© AP Photo
 - Sputnik भारत, 1920, 14.03.2023
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मार्च में सिल्वरगेट बैंक, सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) और सिग्नेचर बैंक को बंद करने की घोषणा की गई। उनकी कुल संपत्ति 330 अरब डॉलर से अधिक है, जो पिछले साल यूक्रेन को दी गई पश्चिमी सहायता की तुलना में दोगुनी राशि है।
एसवीबी बैंक बंद होने के कारण कई लोग 2008 में विश्व अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित करने वाले वित्तीय संकट से इस स्थिति की तुलना करने लगे।

एक अमेरिकी मीडिया आउटलेट ने चेतावनी दी कि अगर एसवीबी के ग्राहकों को मदद देने के लिए कोई कार्य योजना जल्दी से नहीं बनाई जाएगी तो बाइडन प्रशासन को बैंकिंग संकट का सामना करना पड़ेगा।

अमेरिका में बैंकों के इस पतन की क्या है वजह ?

सब से पहले सिल्वरगेट बैंक का पतन हुआ था जिसने क्रिप्टो संपत्ति पर काम किया था। उसके बाद बाजार में चिंता दिखाई दी। निवेशकों ने शेयर बेचना शुरू किया, और जमाकर्ता अमेरिकी प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काम करने वाले समान बैंकों से धन लेने लगे।
नतीजतन, एसवीबी बैंक की समस्याएं भी रोशनी में आईं, जो संपत्ति की संख्या के अनुसार 16वें स्थान पर था। थोड़ी देर बाद, सिग्नेचर बैंक का पतन भी हुआ।

इन बैंकों ने अमेरिका के प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काम किया था, जिस में हाल के वर्षों में एक बार और बड़ी वृद्धि हुई। एसवीबी में जमा की मात्रा हाल के वर्षों में तीन गुनी बढ़कर 200 अरब डॉलर तक पहुंच गई।

बैंक ने जमाकर्ताओं के पैसे को 5-10 सालों के लिए ऋणपत्रों में निवेश किया था। यानी किसी अन्य बैंक की तरह इस बैंक के पास "हाथ में" सभी राशि नहीं थी। उसको आय प्राप्त करने के लिए निवेश किया गया था।
बाजार में घबराहट की स्थिति में ग्राहकों ने बड़े पैमाने पर बैंक से अपने पैसे लेना शुरू किया, लेकिन उस बैंक के पास वे नहीं थे।
ग्राहकों को पैसे देने के लिए बैंक को अपने ऋणपत्रों को बेचना पड़ा। लेकिन उनका मूल्य तेजी से गिर गया, इसलिए उन्हें बहुत कम कीमत पर बेचना पड़ा।
लेकिन ज्यादा पैसे की जरूरत थी, इसलिए अपने शेयरों को भी बेचना पड़ा। लेकिन भयभीत निवेशकों ने पतन के कगार पर पहुंचे बैंक के शेयरों को खरीदने के बजाय उन शेयरों को बेचना शुरू कर दिया जो उनके पास थे।
इन अमेरिकी बैंकों के पतन के संदर्भ में 13 मार्च 2023 को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अमेरिकी बैंकिंग प्रणाली के नियामक मानकों को ज्यादा मजबूत करने की इच्छा की घोषणा की।
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