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भारत में जॉनसन एंड जॉनसन की टीबी दवा का पेटेंट खारिज
भारत में जॉनसन एंड जॉनसन की टीबी दवा का पेटेंट खारिज
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भारतीय पेटेंट कार्यालय ने अमेरिकी फार्मास्युटिकल कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन के एक ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) उपचार पर अपने पेटेंट का विस्तार करने के आवेदन को खारिज कर दिया है।
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भारतीय पेटेंट कार्यालय ने गुरुवार को अमेरिकी फार्मास्युटिकल कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन के एक ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) उपचार पर अपने पेटेंट का विस्तार करने के आवेदन को खारिज कर दिया है।साल 2019 में मुंबई में ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) से दो बचे हुए लोगों द्वारा दवा को और अधिक किफायती बनाने के लिए चुनौती दिए जाने के बाद साल 2020 में, ने घोषणा की कि वह बेडक्वीलाइन टैबलेट की कीमत में कटौती कर रहा है, जो लगभग 135 देशों में स्टॉप टीबी पार्टनरशिप के अंतर्गत छह महीने के उपचार अवधि के लिए 340 से 400 डॉलर में उपलब्ध कराया गया था।दरअसल मेडिकल चैरिटी डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (MSF) ने फार्मास्युटिकल कॉरपोरेशन से भारत और अन्य देशों में पेटेंट आवेदन वापस लेने का भी आह्वान किया, और कहा कि साल 2023 में ट्यूबरक्लोसिस यानी क्षयरोग के उपचार के लिए कम कीमत पर जेनेरिक संस्करण उपलब्ध कराए जाने चाहिए।गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की साल 2022 ग्लोबल ट्यूबरक्लोसिस रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में क्षयरोग (टीबी) के 10.6 मिलियन मामलों में भारत में लगभग 29 प्रतिशत मामले हैं।
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दवा पेटेंट खारिज, भारतीय पेटेंट कार्यालय, कीमत में कटौती, ट्यूबरक्लोसिस के उपचार, पेटेंट का विस्तार
दवा पेटेंट खारिज, भारतीय पेटेंट कार्यालय, कीमत में कटौती, ट्यूबरक्लोसिस के उपचार, पेटेंट का विस्तार
भारत में जॉनसन एंड जॉनसन की टीबी दवा का पेटेंट खारिज
15:54 24.03.2023 (अपडेटेड: 15:56 24.03.2023) जॉनसन एंड जॉनसन ने ट्यूबरक्लोसिस के उपचार में उपयोग किए जाने वाले बेडक्वीलाइन दवा पर अपने पेटेंट को वर्ष 2023 से साल 2027 तक बढ़ाने के लिए आवेदन किया था।
भारतीय पेटेंट कार्यालय ने गुरुवार को
अमेरिकी फार्मास्युटिकल कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन के एक
ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) उपचार पर अपने पेटेंट का विस्तार करने के
आवेदन को खारिज कर दिया है।
पेटेंट और डिजाइन की सहायक नियंत्रक लतिका ने गुरुवार को जॉनसन एंड जॉनसन के आवेदन के खिलाफ यह कहते हुए फैसला सुनाया कि कंपनी पेटेंट कानून की आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है।
साल 2019 में मुंबई में ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) से दो बचे हुए लोगों द्वारा दवा को और अधिक किफायती बनाने के लिए चुनौती दिए जाने के बाद साल 2020 में, ने घोषणा की कि वह बेडक्वीलाइन टैबलेट की कीमत में कटौती कर रहा है, जो लगभग 135 देशों में स्टॉप टीबी पार्टनरशिप के अंतर्गत छह महीने के उपचार अवधि के लिए 340 से 400 डॉलर में उपलब्ध कराया गया था।
दरअसल मेडिकल चैरिटी डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (MSF) ने फार्मास्युटिकल कॉरपोरेशन से भारत और अन्य देशों में पेटेंट आवेदन वापस लेने का भी आह्वान किया, और कहा कि साल 2023 में ट्यूबरक्लोसिस यानी क्षयरोग के उपचार के लिए कम कीमत पर जेनेरिक संस्करण उपलब्ध कराए जाने चाहिए।
गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की साल 2022 ग्लोबल ट्यूबरक्लोसिस रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में क्षयरोग (टीबी) के 10.6 मिलियन मामलों में भारत में लगभग 29 प्रतिशत मामले हैं।