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पश्चिम में भारतीय प्रवासी समुदाय: नई दिल्ली की संपत्ति या भारत विरोधी 'हथियार'?

© AP Photo / Manish SwarupIndian Sikhs protesting against the pulling down of Indian flag from the Indian High Commission building in London gather with Indian flags outside the British High Commission in New Delhi, India, Monday, March 20, 2023.
Indian Sikhs protesting against the pulling down of Indian flag from the Indian High Commission building in London gather with Indian flags outside the British High Commission in New Delhi, India, Monday, March 20, 2023. - Sputnik भारत, 1920, 28.03.2023
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संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार दुनिया में सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय भारतीय है, हर साल लाखों लोग मुख्य रूप से शिक्षा और रोजगार प्राप्त करने के लिए दूसरे देशों में जाते हैं।
पश्चिम में खालिस्तान आंदोलन यानी भारत से सिखों के लिए एक अलग राज्य करने के लिए आंदोलन के पुनरुत्थान के कारण उसको लेकर सवाल उठाए गए हें कि इस में भारत में पैदा हुए और अब विदेशों में और विशेष रूप से अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और कनाडा में रहने वाले लोगों द्वारा निभाई गई भूमिका क्या है।
संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (UNDESA) के अनुसार, भारतीयों के प्रवास के लिए अमेरिका सब से दिलचस्प स्थलों में से एक है।
और कनाडा को भारतीय राज्य पंजाब के बाहर दुनिया में सबसे बड़ी सिख आबादी का घर माना जाता है। हर साल किसी भी अन्य देश के लोगों की तुलना में सबसे अधिक भारतीय प्रवासी इस देश में रहने के लिए आते हैं।
यूके की 2021 जनगणना के अनुसार, इस देश में भी बहुत भारतीय मूल के लोग रहते हैं।
पिछले हफ्ते से, नई दिल्ली खालिस्तान के समर्थकों के बढ़ते हमलों की कड़ी आलोचना कर रहा है, जिन्होंने विदेशों में भारतीय राजनयिक मिशनों और कर्मचारियों पर हमले किए हैं।
भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) द्वारा बेंगलुरु में हाल ही में आयोजित एक कार्यक्रम में, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि विदेशों में रहने वाले भारतीय प्रवासियों की केवल "छोटी संख्या" का मूल देश को लेकर दृष्टिकोण नकारात्मक है।
हालांकि, उन्होंने प्रवासी भारतीयों के कुछ वर्गों को लेकर चिंता व्यक्त की, जो विदेशी सरकारों द्वारा उन्हें प्रदान की गई नागरिक स्वतंत्रता का "दुरुपयोग" करते हुए "कट्टरपंथ, हिंसा और आतंकवाद का समर्थन" करते हैं।

जयशंकर ने चेतावनी देते हुए कहा, "कभी-कभी विरोधियों द्वारा उनका दुरुपयोग किया जाता है। और आज यही हो रहा है। अधिकार प्राप्त करने और अधिकारों का दुरुपयोग करने में अंतर है ... और जब अन्य सरकारें इस अंतर को नहीं समझती हैं, तो मुझे लगता है कि उन्हें याद दिलाने की आवश्यकता है।"

प्रवासी भारतीयों में से कौन भारत के हितों का 'दुरुपयोग' करता है और क्यों?

भाजपा की विदेश नीति सेल के पूर्व संयोजक और इस दल की नैशनल इग्ज़ेक्यटिव के सदस्य विजय जौली के अनुसार, पश्चिमी देशों में भारत के विरोधी लंबे समय से भारतीय मूल के "अल्पसंख्यक" लोगों से लाभ उठा रहे हैं।

"यह दुखद स्थिति है कि विदेशों में रहनेवाले और शायद पश्चिमी वातावरण में पालन-पोषित किए गए कुछ भाइयों और बहनों को गुमराह किया गया है। [...] और वे भारत विरोधी एजेंडे वाले कुछ लोगों से प्रभावित हुए हैं," जौली ने Sputnik को बताया।

धार्मिक मामलों और खासकर मुस्लिम समुदाय से जुड़ी घटनाओं को लेकर भारतीय सरकार को बार-बार पश्चिमी आलोचना का सामना करना पड़ा।
अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (USCIRF) ने जम्मू और कश्मीर में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के प्रति व्यवहार के लिए नियमित रूप से नई दिल्ली की आलोचना की थी, लेकिन नई दिल्ली ने बार-बार उन आरोपों को पूर्वाग्रह तुष्टीकरण कहकर खारिज कर दिया है।
Activists of Sikh organisations hold swords as they shout pro-Khalistan and anti-government slogans after offering prayers on the occasion of the 37th anniversary of Operation Blue Star, at the Golden Temple in Amritsar on June 6, 2021. - Sputnik भारत, 1920, 27.03.2023
विश्व
कनाडा में अपने मिशनों की सुरक्षा को लेकर भारत चिंतित
जौली ने मुख्य रूप से इस्लामाबाद के "विफल सैन्य और राजनीतिक ईस्टैब्लिश्मन्ट" को अपनी आर्थिक और राजनीतिक गलतियों को छिपाने के लिए भारतीय सरकार को बदनाम करने की कोशिश करने के लिए दोषी ठहराया।
कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पश्चिम में खालिस्तान समर्थक आंदोलन इस्लामाबाद की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) से सीधे रूप से संबंधित है।
जौली ने कहा कि पश्चिम में कुछ लोग वैश्विक मामलों में नई दिल्ली के बढ़ते आर्थिक और रणनीतिक प्रभाव से ईर्ष्या करते हैं। उन्होंने पिछले सप्ताह लंदन में भारतीय उच्चायोग में हुई बर्बरता पर जिक्र किया, जब खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय ध्वज को नीचे उतारने की कोशिश की थी और यहां तक कि मिशन की इमारत में घुसने की कोशिश की थी।
“भारतीय मिशन की रक्षा करने में यूके मेट्रोपॉलिटन पुलिस की कमजोरी को समझना मुश्किल है। प्रदर्शनकारियों को भारतीय मिशन पर चढ़ने की अनुमति क्यों दी गई?” जौली ने पूछा।
भाजपा राजनेता ने कहा, "भारत का बढ़ता प्रभाव पश्चिमी दुनिया में कुछ लोगों के लिए चिंता का विषय हो सकता है। लेकिन ये असंतुष्ट पक्ष प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की बड़ी वैश्विक शक्ति बनने की इच्छा को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं।"

अधिकांश प्रवासी भारतीय मातृभूमि के प्रति 'वफादार' हैं

जौली ने कहा कि पश्चिम और अन्य क्षेत्रों में अधिकांश भारतीय प्रवासी "मातृभूमि के प्रति वफादार" बने हुए हैं।
उन्होंने कहा कि विदेशों में रहने वाले भारतीय न केवल अपने मेजबान देशों और समुदायों में, बल्कि भारत में भी राजनीतिक और आर्थिक "योगदान" करते हैं।
उन्होंने विदेशों से भारत में पैसों के बढ़ते हस्तांतरण का हवाला दिया। विश्व बैंक के अनुसार अमेरिका वह देश है जिससे सबसे अधिक पैसों का हस्तांतरण होता है, और खाड़ी क्षेत्र से पैसों के हस्तांतरण का हिस्सा महत्वपूर्ण है।
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