जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में कमी: राजनाथ सिंह
18:16 19.04.2023 (अपडेटेड: 18:18 19.04.2023)
© AP Photo / Mukhtar KhanIndian army vehicles move in a convoy in the cold desert region of Ladakh, India, Tuesday, Sept. 20, 2022. Nestled between India, Pakistan and China, Ladakh has not just faced territorial disputes but also stark climate change.
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सेना कमांडरों के सम्मेलन में बोल रहे थे, सेना कमांडरों का सम्मेलन एक शीर्ष-स्तरीय द्विवार्षिक कार्यक्रम है जो हर साल अप्रैल और अक्टूबर में आयोजित किया जाता है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के बारे में बात करते हुए कहा कि शांति और स्थिरता का जम्मू कश्मीर गवाह है और यहां आतंकवादी गतिविधियों में भी कमी देखी गई है।
"पूर्वोत्तर राज्यों में भी, भारतीय सेना द्वारा चलाए गए अभियानों के बाद आंतरिक सुरक्षा परिदृश्य में काफी सुधार हुआ है। फिर भी, हमें शांति के लिए सरकार के प्रयासों को चुनौती देने वाले राष्ट्र-विरोधी संगठनों के खिलाफ सतर्क रहना होगा," सिंह ने कहा।
सेना के कमांडरों का पांच दिन चलने वाला सम्मेलन सोमवार से शुरू हुआ। यह चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए युद्धक क्षमता को बढ़ाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है।
Attended the Army Commanders’ Conference in New Delhi today.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) April 19, 2023
Had extensive deliberations upon all aspects of existing security scenarios, situation along the borders and the challenges before the present security apparatus in the country. https://t.co/GDU3SuAQMO pic.twitter.com/vP9tueWytp
"आज के बदलते दौर में खतरों और हथियारों का दायरा काफी व्यापक हो गया है। इसके अनुसार अपनी रक्षा तैयारियों का आकलन करने की जरूरत है," उन्होंने कमांडरों से कहा।
रक्षा मंत्री ने कहा कि वास्तविक समय की खुफिया जानकारी का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग सुनिश्चित करने की आवश्यकता है ताकि हम भविष्य में ऐसी किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हो सकें। राजनाथ सिंह ने सेना से चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर कड़ी निगरानी रखने को कहा क्योंकि पीपल लिबरेशन आर्मी (PLA) सैनिकों की तैनाती के मद्देनजर उत्तरी क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
"उत्तरी क्षेत्र में पीएलए सैनिकों की तैनाती के कारण स्थिति तनावपूर्ण है। हमारे सशस्त्र बलों, विशेष रूप से भारतीय सेना को एलएसी की सुरक्षा बनाए रखने के लिए लगातार अपनी सतर्कता रखनी होगी," सूत्रों के मुताबिक मीडिया ने बताया।
सिंह ने यह टिप्पणी पूर्वी लद्दाख में तीन साल से चल रहे सीमा विवाद की पृष्ठभूमि में आई है।
उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। मैं आप सभी को विश्वास दिलाता हूं कि सरकार की पूरी कोशिश है कि सीमा पर तैनात हर जवान को बेहतरीन हथियार और सुविधाएं मुहैया कराई जाए।