https://hindi.sputniknews.in/20230424/schin-kaa-50-vaan-jnmdin-jaane-kriket-ke-bhgvaan-schin-tendulkrike-baarie-men-1661775.html
सचिन का 50 वां जन्मदिन: जाने क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर के बारे में
सचिन का 50 वां जन्मदिन: जाने क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर के बारे में
Sputnik भारत
आज सचिन अपना 50 वां जन्मदिन मना रहे हैं। इसी पर आज Sputnik आज आपको बता रहा है सचिन से जुड़ी कुछ जानकारियां और उनके द्वारा बनाए गए कुछ ऐसे कीर्तिमान जिन्हे तोड़ना शायद आने वाली पीड़ियों के लिए आसान नही होगा।
2023-04-24T15:04+0530
2023-04-24T15:04+0530
2023-04-24T15:04+0530
भारत
सचिन तेंदुलकर
खेल
क्रिकेट
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (icc)
भारतीय क्रिकेट टीम
पाकिस्तान क्रिकेट टीम
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/04/18/1664380_0:124:1171:782_1920x0_80_0_0_1b0c67ddbd96f7a9c215004b4a4de255.jpg
महज 16 साल की उम्र में भारत के लिए पहली बार साल 1989 में सचिन ने अपना पहला मैच खेलने के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर ही नहीं देखा। 24 साल के अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में उन्होंने कई कीर्तिमान अपने नाम स्थापित किए। क्रिकेट को अलविदा कहे सचिन तेंदुलकर को 10 साल का वक्त हो चुका है परंतु अभी भी उनके चाहने वाले उनके खेल को याद करते हैं।आज सचिन अपना 50 वां जन्मदिन मना रहे हैं। इसी पर आज Sputnik आज आपको बता रहा है सचिन से जुड़ी कुछ जानकारियां और उनके द्वारा बनाए गए कुछ ऐसे कीर्तिमान जिन्हे तोड़ना शायद आने वाली पीड़ियों के लिए आसान नही होगा। सचिन का पहला मैचसचिन अपना पहला मैच केवल 16 वर्ष और 205 दिन के आयु में खेले थे, वह सन 1989 में देश के सबसे कम उम्र के नवोदित खिलाड़ी थे । और यह उससमय एक रिकॉर्ड था जो अभी भी कायम है। उस समय उस किशोर के लिए इससे कड़ी परीक्षा नहीं हो सकती थी जब उसने पाकिस्तान का सामना किया हालांकि तेंदुलकर पहले टेस्ट में सिर्फ 15 रन बनाने में सफल रहे और इसके बाद वे फैसलाबाद में भारत के लिए अपना पहला अर्धशतक बनाए। यह अर्धशतक उस वक्त आया जब भारत अच्छी स्थिति में नहीं था और पिच पर खेलना काफी कठिन था। उस अर्धशतक के बाद सचिन ने पीछे मुड़कर ही नही देखा।100 शतकों में पहला शतक पाकिस्तान के खिलाफ पदार्पण करने के एक साल बाद भारतीय टीम इंग्लैंड के दौरे पर गई तब किशोर सचिन ने घोषणा की कि वह यहां रुकने के लिए आए हैं। 14 अगस्त 1990 को, उन्होंने इंग्लैंड के ओल्ड ट्रैफर्ड में भारत के लिए अपना पहला शतक बनाया। 17 साल और 112 दिन का भारतीय मध्यक्रम का बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर टेस्ट शतक लगाने वाले दूसरे सबसे युवा खिलाड़ी बनगए । अंग्रेजी समाचार पत्रों ने उनके इस पारी को टीनेज वंडर और स्कूलबॉय प्रोडिजी ब्रेक्स इंग्लैंड्स हार्ट्स जैसी सुर्खियों के साथ कवर किया वहीं एक और समाचार पत्र ने अपने शीर्षक में लिखा 'द किड्स इन डेज'।पिता के निधन के कुछ दिनों बाद यादगार पारी वैसे तो तेंदुलकर के जीवन में कई ऐसे मौके आए जब उन्होंने साबित किया की उन्हें क्यूँ क्रिकेट का भगवान कहा जाता है लेकिन उनके द्वारा खेली गई एक पारी ऐेसी भी है जिसे आज भी दुनिया भर में याद किया जाता है। जब उन्होंने 1999 के विश्व कप के ग्रुप चरण में केन्या के खिलाफ शतक बनाया था। यह शतक उन्होंने ऐसे वक्त बनाया था जब उनके पिता को मरे हुए केवल चार दिन हुए थे। तेंदुलकर महज 101 गेंदों में 140 रन बनाकर नाबाद रहे जिससे भारत ने 94 रनों से जीत दर्ज की।सचिन का अंतिम मैच सचिन ने अपने करियर का आखिरी मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ वानखेड़े स्टेडियम में खेला और वह 16 नवंबर, 2013 को उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया। उन्होंने अपनी आखिरी पारी में 74 रन बनाए जब उन्होंने क्रिकेट छोड़ा तो उन्होंने संयुक्त रूप से क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में भारत के लिए 164 अर्धशतक और 100 शतकों के साथ 34,357 रन बनाए थे। क्रिकेट छोड़ने के एक दशक बीत जाने के बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उन्हें कोई पछतावा नहीं है। सचिन के वह रिकार्ड जिन्हे आज भी तोड़ना मुश्किलक्रिकेट के महान खिलाड़ियों में से एक सचिन तेंदुलकर ने एक दिवसीय क्रिकेट में 1989 से 2012 के बीच अपने करियर के दौरान 463 मैचों में प्रभावशाली 18,426 रनों के साथ सबसे ज्यादा रन बनाए हैं। तेंदुलकर के नाम क्रिकेट के सभी प्रारूपों में सबसे अधिक शतक बनाने का रिकॉर्ड भी है, उन्होंने अपने पूरे करियर में 100 शतक लगाए हैं। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर की बल्लेबाजी से तो सभी ज्ञात हैं, लेकिन यह बात बहुत कम लोग ध्यान दे पाए हैं कि वे एक शानदार बॉलर भी रहे हैं। तेंदुलकर ने लेग ब्रेक और ऑफ स्पिन गेंदबाजी से अपने करियर में 150 से अधिक विकेट भी चटकाए हैं। सचिन इकलौते ऐसे खिलाड़ी है जिन्होंने आखिरी ओवर में 6 या उससे कम रनों को रोककर मैच भारत के नाम किया है। यह कारनामा उन्होंने 1993 में हीरो कप के सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ और उसके बाद 1996 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया था।
भारत
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
2023
धीरेंद्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/135790_0:0:719:720_100x100_80_0_0_8e4e253a545aa4453ae659b236312d73.jpg
धीरेंद्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/135790_0:0:719:720_100x100_80_0_0_8e4e253a545aa4453ae659b236312d73.jpg
खबरें
hi_IN
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/04/18/1664380_0:14:1171:892_1920x0_80_0_0_ecaad1c283d355fed47cc2f527b93542.jpgSputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
धीरेंद्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/135790_0:0:719:720_100x100_80_0_0_8e4e253a545aa4453ae659b236312d73.jpg
सचिन का 50 वां जन्मदिन, सचिन से जुड़ी कुछ जानकारियां, सचिन के कीर्तिमान, क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर, सचिन का पहला मैच, 100 शतकों में पहला शतक, पिता के निधन के कुछ दिनों बाद यादगार पारी, सचिन का अंतिम मैच, सचिन के वह रिकार्ड जिन्हे आज भी तोड़ना मुश्किल
सचिन का 50 वां जन्मदिन, सचिन से जुड़ी कुछ जानकारियां, सचिन के कीर्तिमान, क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर, सचिन का पहला मैच, 100 शतकों में पहला शतक, पिता के निधन के कुछ दिनों बाद यादगार पारी, सचिन का अंतिम मैच, सचिन के वह रिकार्ड जिन्हे आज भी तोड़ना मुश्किल
सचिन का 50 वां जन्मदिन: जाने क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर के बारे में
सचिन तेंदुलकर किसी ने उन्हें मास्टर ब्लास्टर का नाम दिया, किसी ने लिटल मास्टर, कुछ के लिए क्रिकेट का भगवान और कुछ के लिए आधुनिक समय का ब्रैडमैन। क्रिकेट के इतिहास में ऐसे न जाने कितने नामों से सचिन को जाना जाता है।
महज 16 साल की उम्र में भारत के लिए पहली बार साल 1989 में सचिन ने अपना पहला मैच खेलने के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर ही नहीं देखा। 24 साल के अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में उन्होंने कई कीर्तिमान अपने नाम स्थापित किए। क्रिकेट को अलविदा कहे सचिन तेंदुलकर को 10 साल का वक्त हो चुका है परंतु अभी भी उनके चाहने वाले उनके खेल को याद करते हैं।
आज सचिन अपना 50 वां जन्मदिन मना रहे हैं। इसी पर आज Sputnik आज आपको बता रहा है सचिन से जुड़ी कुछ जानकारियां और उनके द्वारा बनाए गए कुछ ऐसे कीर्तिमान जिन्हे तोड़ना शायद आने वाली पीड़ियों के लिए आसान नही होगा।
सचिन अपना पहला मैच केवल 16 वर्ष और 205 दिन के आयु में खेले थे, वह सन 1989 में देश के सबसे कम उम्र के नवोदित खिलाड़ी थे । और यह उससमय एक रिकॉर्ड था जो अभी भी कायम है। उस समय उस किशोर के लिए इससे कड़ी परीक्षा नहीं हो सकती थी जब उसने पाकिस्तान का सामना किया हालांकि तेंदुलकर पहले टेस्ट में सिर्फ 15 रन बनाने में सफल रहे और इसके बाद वे फैसलाबाद में भारत के लिए अपना पहला अर्धशतक बनाए। यह अर्धशतक उस वक्त आया जब भारत अच्छी स्थिति में नहीं था और पिच पर खेलना काफी कठिन था। उस अर्धशतक के बाद सचिन ने पीछे मुड़कर ही नही देखा।
पाकिस्तान के खिलाफ पदार्पण करने के एक साल बाद भारतीय टीम इंग्लैंड के दौरे पर गई तब किशोर सचिन ने घोषणा की कि वह यहां रुकने के लिए आए हैं। 14 अगस्त 1990 को, उन्होंने इंग्लैंड के ओल्ड ट्रैफर्ड में भारत के लिए अपना पहला शतक बनाया। 17 साल और 112 दिन का भारतीय मध्यक्रम का बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर टेस्ट शतक लगाने वाले दूसरे सबसे
युवा खिलाड़ी बनगए । अंग्रेजी समाचार पत्रों ने उनके इस पारी को टीनेज वंडर और स्कूलबॉय प्रोडिजी ब्रेक्स इंग्लैंड्स हार्ट्स जैसी सुर्खियों के साथ कवर किया वहीं एक और समाचार पत्र ने अपने शीर्षक में लिखा 'द किड्स इन डेज'।
पिता के निधन के कुछ दिनों बाद यादगार पारी
वैसे तो तेंदुलकर के जीवन में कई ऐसे मौके आए जब उन्होंने साबित किया की उन्हें क्यूँ क्रिकेट का भगवान कहा जाता है लेकिन उनके द्वारा खेली गई एक पारी ऐेसी भी है जिसे आज भी
दुनिया भर में याद किया जाता है। जब उन्होंने 1999 के विश्व कप के ग्रुप चरण में केन्या के खिलाफ शतक बनाया था। यह शतक उन्होंने ऐसे वक्त बनाया था जब उनके पिता को मरे हुए केवल चार दिन हुए थे। तेंदुलकर महज 101 गेंदों में 140 रन बनाकर नाबाद रहे जिससे भारत ने 94 रनों से जीत दर्ज की।
इस पारी के बाद भारत के पूर्व खिलाड़ियों ने सचिन की पारी के बारे में लिखा कि तेंदुलकर को सुपर ह्यूमन कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी वहीं पूर्व खिलाड़ी बिशन सिंह बेदी ने लिखा कि यह बच्चा अद्भुत है।
सचिन ने अपने करियर का आखिरी मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ वानखेड़े स्टेडियम में खेला और वह 16 नवंबर, 2013 को उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया। उन्होंने अपनी आखिरी पारी में 74 रन बनाए जब उन्होंने क्रिकेट छोड़ा तो उन्होंने संयुक्त रूप से क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में भारत के लिए 164 अर्धशतक और 100 शतकों के साथ 34,357 रन बनाए थे। क्रिकेट छोड़ने के एक दशक बीत जाने के बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उन्हें कोई पछतावा नहीं है।
सचिन के वह रिकार्ड जिन्हे आज भी तोड़ना मुश्किल
क्रिकेट के महान खिलाड़ियों में से एक सचिन तेंदुलकर ने एक दिवसीय क्रिकेट में 1989 से 2012 के बीच अपने करियर के दौरान 463 मैचों में प्रभावशाली 18,426 रनों के साथ सबसे ज्यादा रन बनाए हैं।
तेंदुलकर के नाम क्रिकेट के सभी प्रारूपों में सबसे अधिक शतक बनाने का रिकॉर्ड भी है, उन्होंने अपने पूरे करियर में 100 शतक लगाए हैं।
सचिन ने 1989 में अपने पदार्पण से 2012 में सेवानिवृत्ति तक 49 शतक और 96 अर्धशतक बनाए, उनका व्यक्तिगत सर्वोच्च स्कोर 200 रन था जो उन्होंने यह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2010 में बनाया था। तेंदुलकर ने अपना एकदिवसीय करियर 44.83 के औसत और 86.23 के स्ट्राइक रेट के साथ समाप्त किया।
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर की बल्लेबाजी से तो सभी ज्ञात हैं, लेकिन यह बात बहुत कम लोग ध्यान दे पाए हैं कि वे एक शानदार बॉलर भी रहे हैं। तेंदुलकर ने लेग ब्रेक और ऑफ स्पिन गेंदबाजी से अपने करियर में 150 से अधिक विकेट भी चटकाए हैं।
सचिन इकलौते ऐसे खिलाड़ी है जिन्होंने आखिरी ओवर में 6 या उससे कम रनों को रोककर मैच
भारत के नाम किया है। यह कारनामा उन्होंने 1993 में हीरो कप के सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ और उसके बाद 1996 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया था।