विश्व
खबरें ठंडे होने से पहले इन्हें पढ़िए, जानिए और इनका आनंद लीजिए। देश और विदेश की गरमा गरम तड़कती फड़कती खबरें Sputnik पर प्राप्त करें!

ट्रैक 1.5 संवाद: म्यांमार पर थाई-आरंभिक गोलमेज सम्मेलन का आयोजन करेगा भारत

© AP Photo / Aung Shine OoMyanmar military officers leave the venue during a parade to commemorate Myanmar's 78th Armed Forces Day in Naypyitaw, Myanmar, Monday, March 27, 2023.
Myanmar military officers leave the venue during a parade to commemorate Myanmar's 78th Armed Forces Day in Naypyitaw, Myanmar, Monday, March 27, 2023. - Sputnik भारत, 1920, 24.04.2023
सब्सक्राइब करें
"ट्रैक 1.5 डायलॉग" नाम की पहल थाईलैंड द्वारा प्रस्तावित की गई थी, और भारत मार्च में बैंकॉक में आयोजित पहले सत्र में शामिल हुआ था।
थाई सार्वजनिक प्रसारण सेवा (TPBS) के अनुसार, म्यांमार में मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने और फरवरी 2021 में एक सैन्य तख्तापलट के बाद से दक्षिण पूर्व देश को घेरने वाले संकट के संभावित समाधानों का पता लगाने के लिए भारत मंगलवार को "ट्रैक 1.5 डायलॉग" नामक एक थाई-पहल गोलमेज बैठक आयोजित करेगा।
आगामी दिल्ली-आयोजित संवाद विश्व मामलों की भारतीय परिषद में होगा, जो भारत की राजधानी में स्थित एक थिंक टैंक है और विदेश मंत्रालय से संबंधित है, एक सूत्र ने बताया।
दरअसल दूसरी बैठक में उच्च पदस्थ अधिकारी, आसियान (ASEAN) सदस्य देशों के विश्लेषक और म्यांमार के साथ अपनी सीमा साझा करने वाले संवाद भागीदार शामिल होंगे। बैठक में शामिल होने वाले प्रमुख लोगों में थाईलैंड, लाओस, बांग्लादेश, भारत, चीन, कंबोडिया, इंडोनेशिया और जापान के प्रतिनिधि शामिल हैं।
Myanmar's military chief Min Aung Hlaing stands in a car as he oversees a military display at a parade ground to mark the country's Independence Day in Naypyidaw on January 4, 2023 - Sputnik भारत, 1920, 04.01.2023
विश्व
विदेशी हस्तक्षेप के खतरे के बावजूद म्यांमार को संप्रभुता की रक्षा करने का इरादा
गौरतलब है कि साल 1949 से 1990 के दशक के मध्य तक, प्रमुख राष्ट्रीय अल्पसंख्यकों से युक्त सशस्त्र संरचनाओं ने म्यांमार (पूर्व में बर्मी) सेना के खिलाफ गृह युद्ध छेड़ दिया। क्षेत्रीय पर्यवेक्षकों के अनुसार, म्यांमार में सैन्य अधिग्रहण के बाद 2021-2022 में म्यांमार की सेना और जातीय विद्रोहियों के बीच सशस्त्र संघर्षों का प्रकोप एक राष्ट्रव्यापी गृहयुद्ध में तब्दील हो गया।
बता दें कि भारत में उत्तर-पूर्वी राज्य मिज़ोरम और मणिपुर हजारों शरणार्थियों का शरणगाह बना हुआ है, इन शरणार्थियों में से अधिकतर म्यांमार के पूर्वी चिन राज्य के साथ-साथ सागैंग से हैं, जहां भयंकर लड़ाई हो रही है।
न्यूज़ फ़ीड
0
loader
चैट्स
Заголовок открываемого материала