विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

इसरो ने नए प्रक्षेपण यान के लिए सेमीक्रायोजेनिक इंजन का सफल परीक्षण किया

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इसरो अगले महीने के दो बड़े मिशनों की तैयारी कर रहा है: 'चंद्रयान 3' चंद्रमा पर उतरने के लिए बनाया गया है और 'आदित्य एल-1' सूर्य का अध्ययन करने वाला भारत का पहला मिशन है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने तमिलनाडु के महेंद्रगिरि क्षेत्र में हाल ही में लागू किए गए सेमीक्रायोजेनिक इंटीग्रेटेड इंजन एंड स्टेज टेस्ट फैसिलिटी में सेमीक्रायोजेनिक इंजनों का सफल परीक्षण किया है।
2000 किलोन्यूटन शक्ति वले सेमी-क्रायोजेनिक इंजन भविष्य के प्रक्षेपण यानों के पहले चरण के बूस्टरों को अमल में लाएंगे।
एक मीडिया बयान में भारत की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने कहा कि बुधवार को किया गया परीक्षण बहुत महत्त्वपूर्ण चरण है और उन परीक्षणों में से एक है जिनका लक्ष्य कम दबाव और उच्च दबाव के टर्बो-पंपों, गैस जनरेटर और नियंत्रण के घटकों सहित प्रोपेलेंट फ़ीड सिस्टम के डिजाइन का परीक्षण करना है।
इसरो के अनुसार, इंटरमीडिएट कॉन्फ़िगरेशन यानी पावर हेड टेस्ट आर्टिकल (PHTA) में थ्रस्ट चैंबर के अलावा सभी इंजन सिस्टम शामिल हैं।
© Photo : ISRO

इसरो ने अपने सेमीक्रायोजेनिक इंजनों का परीक्षण शुरू किया है।

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इसरो ने अपने सेमीक्रायोजेनिक इंजनों का परीक्षण शुरू किया है।

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इसरो ने अपने सेमीक्रायोजेनिक इंजनों का परीक्षण शुरू किया है। 

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