https://hindi.sputniknews.in/20230512/yuukren-men-british-misaailen-shkti-sntuln-ko-shaayd-hii-prbhaavit-kriengii-visheshgya-1921370.html
यूक्रेन में ब्रिटिश मिसाइलें शक्ति संतुलन को शायद ही प्रभावित करेंगी: विशेषज्ञ
यूक्रेन में ब्रिटिश मिसाइलें शक्ति संतुलन को शायद ही प्रभावित करेंगी: विशेषज्ञ
Sputnik भारत
रूस को यूक्रेन में ब्रिटिश क्रूज मिसाइलों स्टॉर्म शैडो का मुकाबला करने के तरीकों पर काम करने की आवश्यकता होगी, लेकिन वे शक्ति संतुलन को महत्वपूर्ण रूप से शायद ही प्रभावित करेंगी।
2023-05-12T13:10+0530
2023-05-12T13:10+0530
2023-05-12T13:10+0530
यूक्रेन संकट
यूक्रेन
यूनाइटेड किंगडम
विशेष सैन्य अभियान
हथियारों की आपूर्ति
सैनिक सहायता
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/05/0c/1922765_0:160:3073:1888_1920x0_80_0_0_2ed0c1e0123534674c9be54384637d4c.jpg
ब्रिटेन ने घोषणा की कि उसने यूक्रेन को स्टॉर्म शैडो क्रूज मिसाइलें दी हैं, जिनकी निर्यात संशोधन के हमले की दूरी लगभग 250 किलोमीटर है। इसके साथ एक पश्चिमी मीडिया के अनुसार, लंदन को कीव से आश्वासन मिला कि उनका उपयोग केवल उन क्षेत्रों में किया जाएगा जिन्हें यूक्रेन अपना क्षेत्र मानता है।उनके अनुसार, संभावित मिसाइल हमलों का मुकाबला करने के लिए तरीकों और रणनीतिक उपायों पर काम करना आवश्यक है।रूस ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन में अपने विशेष सैन्य अभियान को शुरू किया था, जब उसको डोनबास गणराज्यों का उन्हें कीव के हमलों से बचाने का अनुरोध मिला था। अप्रैल 2022 में मास्को ने नाटो सदस्य देशों को कीव के लिए उनकी सैन्य सहायता की निंदा करते हुए एक नोट भेजा था। रूसी विदेश मंत्री सर्गे लवरोव ने चेतावनी दी थी कि यूक्रेन में हथियारों की कोई भी आपूर्ति रूसी सेना के लिए "वैध लक्ष्य" होगी।
https://hindi.sputniknews.in/20230510/faikt-chek-yuukren-ne-riuusii-kinjl-haaiprisonik-misaail-ko-nhiin-maari-giriaayaa--1894334.html
यूक्रेन
यूनाइटेड किंगडम
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
2023
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
खबरें
hi_IN
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/05/0c/1922765_170:0:2901:2048_1920x0_80_0_0_1cf1f504d84927e4d12d7d44acf09a06.jpgSputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
यूक्रेन में ब्रिटिश मिसाइलें, यूक्रेन में शक्ति संतुलन, यूक्रेन में पश्चिमी हथियार, यूक्रेन में पश्चिमी मिसाइलें, ब्रिटिश क्रूज मिसाइल स्टॉर्म शैडो, यूक्रेन में ब्रिटिश क्रूज मिसाइल स्टॉर्म शैडो, यूक्रेन में नए प्रकार का हथियार, यूक्रेन में नए प्रकार की मिसाइल
यूक्रेन में ब्रिटिश मिसाइलें, यूक्रेन में शक्ति संतुलन, यूक्रेन में पश्चिमी हथियार, यूक्रेन में पश्चिमी मिसाइलें, ब्रिटिश क्रूज मिसाइल स्टॉर्म शैडो, यूक्रेन में ब्रिटिश क्रूज मिसाइल स्टॉर्म शैडो, यूक्रेन में नए प्रकार का हथियार, यूक्रेन में नए प्रकार की मिसाइल
यूक्रेन में ब्रिटिश मिसाइलें शक्ति संतुलन को शायद ही प्रभावित करेंगी: विशेषज्ञ
सिम्फेरोपोल, क्रीमिया (Sputnik) – रूसी पक्ष को यूक्रेन में ब्रिटिश लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलों स्टॉर्म शैडो का सामना करने के तरीकों पर काम करने की आवश्यकता होगी, लेकिन वे शक्ति संतुलन को महत्वपूर्ण रूप से शायद ही प्रभावित करेंगी, सेवस्तोपोल में सीआईएस देशों के संस्थान के कार्यकारी निदेशक सैन्य विशेषज्ञ सर्गेई गोर्बाचेव ने Sputnik को बताया।
ब्रिटेन ने घोषणा की कि उसने
यूक्रेन को स्टॉर्म शैडो क्रूज मिसाइलें दी हैं, जिनकी निर्यात संशोधन के हमले की दूरी लगभग 250 किलोमीटर है। इसके साथ एक पश्चिमी मीडिया के अनुसार, लंदन को कीव से आश्वासन मिला कि उनका उपयोग केवल उन क्षेत्रों में किया जाएगा जिन्हें यूक्रेन अपना क्षेत्र मानता है।
"वे शक्ति संतुलन को महत्वपूर्ण रूप से शायद ही प्रभावित करेंगी, हालांकि हमारे सामने कुछ समस्याएं खड़ी करेंगी। वे खतरों की संख्या और प्रकृति में वृद्धि से संबंधित हैं, और यह नए प्रकार का हथियार है जिसका सामना करना हमें सीखना चाहिए,” गोर्बाचेव ने कहा।
उनके अनुसार, संभावित मिसाइल हमलों का मुकाबला करने के लिए तरीकों और रणनीतिक उपायों पर काम करना आवश्यक है।
रूस ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन में अपने विशेष सैन्य अभियान को शुरू किया था, जब उसको डोनबास गणराज्यों का उन्हें कीव के हमलों से बचाने का अनुरोध मिला था। अप्रैल 2022 में मास्को ने
नाटो सदस्य देशों को कीव के लिए उनकी सैन्य सहायता की निंदा करते हुए एक नोट भेजा था। रूसी विदेश मंत्री सर्गे लवरोव ने चेतावनी दी थी कि यूक्रेन में हथियारों की कोई भी आपूर्ति रूसी सेना के लिए "वैध लक्ष्य" होगी।