https://hindi.sputniknews.in/20230515/aaj-senaa-ke-pahle-bhaaratiiy-janral-fild-maarshal-ke-em-kariyappaa-kii-30viin-punyatithi-1970893.html
आज सेना के पहले भारतीय जनरल फील्ड मार्शल के एम करियप्पा की 30वीं पुण्यतिथि
आज सेना के पहले भारतीय जनरल फील्ड मार्शल के एम करियप्पा की 30वीं पुण्यतिथि
Sputnik भारत
28 जनवरी 1899 को भारत में कर्नाटक के कूर्ग में करियप्पा का जन्म हुआ, 1919 में वे ब्रिटिश भारतीय सेना में शामिल हुए और उनकी पहली नियुक्ति राजपूत लाइट इन्फैंट्री की दूसरी बटालियन में सेकंड लेफ्टिनेंट के तौर पर हुई थी।
2023-05-15T19:04+0530
2023-05-15T19:04+0530
2023-05-15T19:04+0530
भारत
भारतीय सेना
भारतीय सशस्त्र सेनाएँ
ऑफबीट
दक्षिण एशिया
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/05/0f/1978341_0:75:800:525_1920x0_80_0_0_e2d3b31a49a4296002ff3a1f191f31b8.jpg
28 जनवरी 1899 को भारत में कर्नाटक के कूर्ग में करियप्पा का जन्म हुआ, 1919 में वे ब्रिटिश भारतीय सेना में शामिल हुए और उनकी पहली नियुक्ति राजपूत लाइट इन्फैंट्री की दूसरी बटालियन में सेकंड लेफ्टिनेंट के तौर पर हुई थी।करियप्पा ने अपनी सेवा द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बर्मा में आजाद हिन्द फौज के खिलाफ की और उन्हें सैन्य संचालन के उप निदेशक नियुक्त किया गया। उनकी सेवाओं के लिए उन्हें ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर से नवाजा गया।भारत को 1947 में स्वतंत्रता मिलने के बाद ब्रिटिश जनरल रॉय बुचर के बाद साल 1949 में उन्हें भारतीय सेना के कमांडर-इन-चीफ के रूप में नियुक्त किया गया और फिर उन्होंने 1953 में अपनी सेवानिवृत्ति तक अपनी सेवाएं दी।1949 में भारतीय सेना के कमांडर-इन-चीफ के तौर पर नियुक्त किये जाने वाले फील्ड मार्शल कोडंडेरा मडप्पा करियप्पा इस पद पर पहले भारतीय अधिकारी थे। करिअप्पा भारतीय संघ में रियासतों के एकीकरण के प्रबल पक्षधर थे। उन्होंने मैसूर के महाराजा को भारत में शामिल होने के लिए राजी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, और उनके प्रयासों ने अन्य रियासतों के शांतिपूर्ण एकीकरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। करियप्पा को उनके करियर के दौरान कई पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया गया, जिनमें पद्म भूषण और लीजन ऑफ मेरिट शामिल हैं। फील्ड मार्शल करियप्पा का 1993 में 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। उन्हें उनके जबरदस्त नेतृत्व, समर्पण और भारतीय सेना के विकास में योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
भारत
दक्षिण एशिया
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
2023
धीरेंद्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/135790_0:0:719:720_100x100_80_0_0_8e4e253a545aa4453ae659b236312d73.jpg
धीरेंद्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/135790_0:0:719:720_100x100_80_0_0_8e4e253a545aa4453ae659b236312d73.jpg
खबरें
hi_IN
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/05/0f/1978341_0:0:800:600_1920x0_80_0_0_55efe52f00bf3b50681b87fef5fe8f11.jpgSputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
धीरेंद्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/135790_0:0:719:720_100x100_80_0_0_8e4e253a545aa4453ae659b236312d73.jpg
फील्ड मार्शल के एम करियप्पा की 30वीं पुण्यतिथि, फील्ड मार्शल के एम करियप्पा, करियप्पा की 30वीं पुण्यतिथि, करियप्पा की पुण्यतिथि, फील्ड मार्शल के एम करियप्पा का जन्म, द्वितीय विश्व युद्ध के समय सेवा
फील्ड मार्शल के एम करियप्पा की 30वीं पुण्यतिथि, फील्ड मार्शल के एम करियप्पा, करियप्पा की 30वीं पुण्यतिथि, करियप्पा की पुण्यतिथि, फील्ड मार्शल के एम करियप्पा का जन्म, द्वितीय विश्व युद्ध के समय सेवा
आज सेना के पहले भारतीय जनरल फील्ड मार्शल के एम करियप्पा की 30वीं पुण्यतिथि
फील्ड मार्शल करियप्पा ने तत्कालीन भारतीय-ब्रिटिश सेना में द्वितीय विश्व युद्ध के समय सेवा करते थे। उन्होंने 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पश्चिमी मोर्चे पर भारतीय सेना का भी नेतृत्व किया था। आज तक भारतीय सेना में केवल दो अधिकारियों को पांच सितारा रैंक मिली है, एक थे फील्ड मार्शल के एम करियप्पा और दूसरे फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ।
28 जनवरी 1899 को भारत में कर्नाटक के कूर्ग में करियप्पा का जन्म हुआ, 1919 में वे ब्रिटिश भारतीय सेना में शामिल हुए और उनकी पहली नियुक्ति राजपूत लाइट इन्फैंट्री की दूसरी बटालियन में सेकंड लेफ्टिनेंट के तौर पर हुई थी।
करियप्पा ने अपनी सेवा द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बर्मा में आजाद हिन्द फौज के खिलाफ की और उन्हें सैन्य संचालन के उप निदेशक नियुक्त किया गया। उनकी सेवाओं के लिए उन्हें ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर से नवाजा गया।
भारत को 1947 में स्वतंत्रता मिलने के बाद ब्रिटिश जनरल रॉय बुचर के बाद साल 1949 में उन्हें भारतीय सेना के कमांडर-इन-चीफ के रूप में नियुक्त किया गया और फिर उन्होंने 1953 में अपनी सेवानिवृत्ति तक अपनी सेवाएं दी।
1949 में भारतीय सेना के कमांडर-इन-चीफ के तौर पर नियुक्त किये जाने वाले फील्ड मार्शल कोडंडेरा मडप्पा करियप्पा इस पद पर पहले भारतीय अधिकारी थे।
करिअप्पा भारतीय संघ में रियासतों के एकीकरण के प्रबल पक्षधर थे। उन्होंने मैसूर के महाराजा को भारत में शामिल होने के लिए राजी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, और उनके प्रयासों ने अन्य रियासतों के शांतिपूर्ण एकीकरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। करियप्पा को उनके करियर के दौरान कई पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया गया, जिनमें पद्म भूषण और लीजन ऑफ मेरिट शामिल हैं।
फील्ड मार्शल करियप्पा का 1993 में 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। उन्हें उनके जबरदस्त नेतृत्व, समर्पण और भारतीय सेना के विकास में योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा।