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ब्रह्मोस के आदेशों का पोर्टफोलियो $6 अरब का है, जल्द ही $9 अरब तक बढ़ सकता है: कंपनी का सह-निदेशक
ब्रह्मोस के आदेशों का पोर्टफोलियो $6 अरब का है, जल्द ही $9 अरब तक बढ़ सकता है: कंपनी का सह-निदेशक
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ब्रह्मोस कंपनी (एक रूसी-भारतीय उद्यम) के आदेशों का पोर्टफोलियो 6 अरब डॉलर से अधिक है, निकट भविष्य में यह बढ़कर 9 अरब डॉलर तक पहुँच सकता है
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ब्रह्मोस कंपनी की स्थापना सन 1998 में हुई थी, उस समय इसकी अधिकृत पूँजी 25 करोड़ डॉलर थी। कंपनी का नाम ब्रह्मपुत्र और मास्को नदियों के नामों को जोड़कर बनाया गया है। ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों का लाभ और विशेषता यह है कि इनका प्रयोग थलसेना, नौसेना और वायुसेना सहित सेना के सभी कोरों द्वारा किया जा सकता है।इस साल अप्रैल में भारत सरकार ने राष्ट्रीय नौसेना के लिए 2.7 अरब डॉलर की राशि में ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने के फैसले को मंजूरी दी थी।दक्षिण पूर्व एशियाई देश ब्रह्मोस खरीदने के इच्छुक हैंदक्षिण पूर्व एशियाई देश ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने में रुचि रखते हैं। फिलीपींस पहला देश हो गया जिसके साथ निर्यात अनुबंध संपन्न हुआ। सन 2023 में देश में मिसाइलों का पहला वितरण होगा और इसका इस्तेमाल तट रक्षक के लिए किया जाएगा। कथित तौर पर वियतनाम, इंडोनेशिया और थाईलैंड जैसे दक्षिण पूर्व एशिया के कई अन्य देशों ने भी इसे खरीदने में रुचि व्यक्त की है।
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ब्रह्मोस के आदेशों का पोर्टफोलियो $6 अरब का है, जल्द ही $9 अरब तक बढ़ सकता है: कंपनी का सह-निदेशक
क्रोनस्टेड (Sputnik) - ब्रह्मोस कंपनी (एक रूसी-भारतीय उद्यम) के आदेशों का पोर्टफोलियो 6 अरब डॉलर से अधिक है, निकट भविष्य में यह बढ़कर 9 अरब तक पहुँच सकता है, इंटरनेशनल नवल सैलून में उद्यम के प्रबंध सह-निदेशक अलेक्जेंडर मक्सिचेव ने Sputnik को बताया।
ब्रह्मोस कंपनी की स्थापना सन 1998 में हुई थी, उस समय इसकी अधिकृत पूँजी 25 करोड़ डॉलर थी। कंपनी का नाम ब्रह्मपुत्र और मास्को नदियों के नामों को जोड़कर बनाया गया है।
ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों का लाभ और विशेषता यह है कि इनका प्रयोग थलसेना, नौसेना और वायुसेना सहित सेना के सभी कोरों द्वारा किया जा सकता है।
"अब आदेशों का पोर्टफोलियो 6 अरब डॉलर से अधिक है। हमें निकट भविष्य में और बड़े आदेश की उम्मीद है", मैक्सिचेव ने कहा।
इस साल अप्रैल में भारत सरकार ने राष्ट्रीय नौसेना के लिए 2.7 अरब डॉलर की राशि में ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने के फैसले को मंजूरी दी थी।
दक्षिण पूर्व एशियाई देश ब्रह्मोस खरीदने के इच्छुक हैं
दक्षिण पूर्व एशियाई देश ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने में रुचि रखते हैं। फिलीपींस पहला देश हो गया जिसके साथ निर्यात अनुबंध संपन्न हुआ। सन 2023 में देश में मिसाइलों का पहला वितरण होगा और इसका इस्तेमाल तट रक्षक के लिए किया जाएगा।
कथित तौर पर वियतनाम, इंडोनेशिया और थाईलैंड जैसे दक्षिण पूर्व एशिया के कई अन्य देशों ने भी इसे खरीदने में रुचि व्यक्त की है।