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मणिपुर में हिंसा के कारण 133 लोगों की मौत

© AFP 2023 -Indian Army and Assam Rifles personnel take part in a search operation of illegal weapons in Waroching village in Kangpokpi district some 24 km from Imphal on June 3, 2023, following ongoing ethnic violence in India's northeastern Manipur state.
Indian Army and Assam Rifles personnel take part in a search operation of illegal weapons in Waroching village in Kangpokpi district some 24 km from Imphal on June 3, 2023, following ongoing ethnic violence in India's northeastern Manipur state.  - Sputnik भारत, 1920, 30.06.2023
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यह आंकड़ा शुक्रवार को 30 जून को भारतीय मीडिया में मणिपुर अधिकारियों के हवाले से घोषित किया गया था। गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रमुख इन दिनों मणिपुर के दौरे पर हैं।
पूर्वोत्तर भारतीय राज्य मणिपुर में मई की शुरुआत से चल रही झड़पों में मरे हुए लोगों की संख्या 133 तक बढ़ गई है।

गुरुवार को मणिपुर के कांगपोकपी जिले में पहाड़ी गाँवों पर हमला करते हुए हथियारबंद चरमपंथियों और पुलिसवालों के बीच गोलीबारी के नतीजे में तीन लोग मर गए, जिनमें से एक पुलिसवाला था।
स्थिति सामान्य करने के लिए भारतीय अधिकारियों ने राज्य में सैनिकों को तैनात किया है, जो अब तक अशांति से प्रभावित 10 क्षेत्रों में स्थिति को नियंत्रित करने में कामयाब हुए। लेकिन अभी तक सुरक्षा बल सशस्त्र चरमपंथियों की गतिविधियों को पूरी तरह से रोक नहीं पाया है, जो नागरिकों, सरकारी अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों पर हमले करते रहते हैं।
Indian Army personnel patrol during a combing operation at Kanto Sabal village near Imphal on June 20, 2023, during ongoing ethnic violence in India's north-eastern Manipur state. - Sputnik भारत, 1920, 27.06.2023
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मणिपुर में हिंसा के लिए म्यांमार के रास्ते तस्करी कर लाए गए हथियार: रिपोर्ट
टकराव की वजह मैतै समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त करने की इच्छा है। लेकिन बात यह है कि मणिपुर में कुकी जनजाति राज्य की आबादी का 50% से अधिक है, सो मैतै की माँग के जवाब में उनके प्रतिनिधियों ने मैतै को कई अनुसूचित जनजातियों (ST) में शामिल करने को उनके अधिकारों पर हमला माना, और "आदिवासी एकजुटता का मार्च" शुरू किया। यह दर्जा अपने प्रतिनिधियों को कई विशेषाधिकार देता है, जिनमें किसी राज्य संस्थान या उद्यम में नौकरी पाने, उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश करना और कई अन्य विशेषाधिकार भी शामिल हैं।परिणामस्वरूप मणिपुर के इलाकों पर इन दोनों जनजातियों के प्रतिनिधियों के बीच झड़पें शुरू हो गईं।
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