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मणिपुर में हिंसा के लिए म्यांमार के रास्ते तस्करी कर लाए गए हथियार: रिपोर्ट

© AFP 2023 -Indian Army personnel patrol during a combing operation at Kanto Sabal village near Imphal on June 20, 2023, during ongoing ethnic violence in India's north-eastern Manipur state.
Indian Army personnel patrol during a combing operation at Kanto Sabal village near Imphal on June 20, 2023, during ongoing ethnic violence in India's north-eastern Manipur state. - Sputnik भारत, 1920, 27.06.2023
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मणिपुर के सीमा पर असम राइफल्स बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, जबकि भारत-म्यांमार खुली सीमा पर निगरानी रखी जा रही है।
भारतीय राज्य मणिपुर में हिंसक अशांति फैलाने के लिए जिन हथियारों का इस्तेमाल किया गया था, उनकी तस्करी म्यांमार के रास्ते की गई थी, एक खुलासे में खुफिया सूत्रों ने दावा किया।
गोपनीय सूत्रों के हवाले से भारतीय मीडिया रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि मणिपुर में सक्रिय विद्रोही समूहों द्वारा तीन वाहनों में हथियारों का एक बड़ा जखीरा खरीदा गया था। कथित तौर पर ये हथियार मणिपुर ले जाए जाने से पहले म्यांमार-चीन सीमा के पास स्थित काले बाज़ार से लाए गए थे।
इस बीच, हथियारों की तस्करी के मामले में मंगलवार को सुरक्षा बलों ने एक इंडियन रिजर्व बटालियन (IRB) जवान समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। ये गिरफ्तारियां इंफाल पूर्वी जिले में एक तलाशी अभियान के दौरान की गईं।
हथियार तस्करों के एक गिरोह की मौजूदगी के संबंध में एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए इंफाल के पूर्वी जिला कमांडो, हेइनगांग पुलिस और 16वीं जाट रेजिमेंट की एक संयुक्त टीम ने कैरांग अवांग लीकाई, खोमिदोक और हेइख्रुमाखोंग में तलाशी अभियान चलाया। तलाशी के दौरान हथियार और गोला-बारूद, 2.5 लाख रुपये नकद, मोबाइल फोन और दो चार-पहिया वाहन बरामद किए गए।
पिछले कुछ दिनों में राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों के संयुक्त तलाशी अभियान के दौरान लगभग 1100 हथियार, 13,702 गोला-बारूद और विभिन्न प्रकार के 250 बम बरामद किए गए हैं।
Indian Army and police personnel patrol during a combing operation at Kanto Sabal village near Imphal - Sputnik भारत, 1920, 27.06.2023
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मणिपुर की महिलाएं सुरक्षा बलों के ऑपरेशन में बाधा डाल रही हैं: भारतीय सेना
गौरतलब है कि पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में मैतै और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। दरअसल मैतै समुदाय की अनुसूचित जनजाति (ST) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किए जाने के बाद 3 मई को पहली बार झड़पें हुईं। बता दें कि मणिपुर की आबादी में मैतै समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। वहीं आदिवासी समुदायों नागा और कुकी का कुल आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा है और वे पहाड़ी जिलों में रहते हैं।
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