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डोनेटस्क पर क्लस्टर बमों की तेज़ गोलाबारी से क्या यूक्रेन को मिली है कोई बढ़त?
डोनेटस्क पर क्लस्टर बमों की तेज़ गोलाबारी से क्या यूक्रेन को मिली है कोई बढ़त?
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क्लस्टर हथियारों की गिनती दुनिया के सबसे घातक हथियारों में की जाती है। यूक्रेन के लिए डोनेट्स्क पर इस गोलाबारी का क्या उपयोगिता है?
2023-08-18T17:14+0530
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रूस के विरुद्ध यूक्रेन के प्रतिउत्तरी आक्रमण को लगभग 3 महीने हुए हैं। रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार इस अंतराल यूक्रेन की सेना किसी भी दिशा में सफल नहीं हो पाई। यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने भी स्वीकार किया है कि प्रतिउत्तरी आक्रमण की प्रगति ‘आकांक्षाओं धीमी’ है। इसके बीच यूक्रेन के सशस्त्र बल क्लस्टर हथियारों से डोनेट्स्क पर बमबारी तेज़ करते जा रहे हैं।कितना घातक है क्लस्टर बम?क्लस्टर बम वास्तव में सैकड़ों छोटे-छोटे बमों का संग्रह होता है। जब इन बमों को दागा जाता है तब ये बीच हवा में फटकर बहुत बड़े इलाके में कई छोटे विस्फोटकों को छोड़ते हैं। इससे टारगेट के आसपास भी भारी नुक़सान पहुंचता है। इसका उपयोग मूख्यः अधिकतर इंफेंट्री यूनिट या दुश्मन देश की सेना के जमावड़े, हलके बख़्तरबंद वोहनों को नष्ट करने के साथ-साथ रनवे और बिजली लाइनों को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जाता है।क्लस्टर हथियार नागरिक जनसंख्या के लिए इतना घातक हथियार माना जाता है कि 100 से भी अधिक देशों ने इस पर प्रतिबंध लगा रखा है।इन बमों का प्रयोग को लेकर संयुक्त राष्ट्र सहित कई अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने आपत्ति व्यक्त की है, क्योंकि क्लस्टर बम द्वारा गिराए गए छोटे विस्फोटक सटीकता में विफल रहते हैं। इस प्रकार बम धरती पर गिरते हैं और बारूदी सुरंगों के रूप में कार्य करते हैं, जो वर्षों धरती में दबे रहने पर भी दशकों के बाद विस्फोटित होकर आम नागरिकों को मारने में सक्षम होते हैं।यूक्रेन के पास क्लस्टर हथियार कहां से है?जुलाई में पश्चिमी मीडिया में यह बात सामने आई थी कि अमेरिकी रूस द्वारा चलाए जा रहे विशेष सैन्य अभियान में यूक्रेन के समर्थन करने के लिए सैन्य सहायता पैकेज के स्तर पर यूक्रेन को क्लस्टर हथियार भेजेगा।हालांकि यूके, जर्मनी और कनाडा जैसे नाटो सदस्यों सहित अधिकतर देश अमेरिका के इस निर्णय का विरोध किया है। अमेरिका के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि यूक्रेन क्लस्टर बमों का प्रयोग देश और नागरिकों की रक्षा के लिए करेगा, जिससे आम नागरिकों को कम से कम क्षति हो।क्लस्टर बमों को प्राप्त करने के बाद कीव शासन ने इन हथियार की विनाशकारी शक्ति को रूसी क्षेत्रों के निवासियों के विरुद्ध प्रयोग किया है। इसी प्रकार यूक्रेन के सशस्त्र बल डोनेट्स्क पर क्लस्टर हथियारों से लगातार गोलाबारी करते जा रहे हैं।यूक्रेन के लिए डोनेट्स्क पर इस गोलाबारी का क्या उपयोगिता है?सैन्य विशेषज्ञों मानना है कि यूक्रेन द्वारा अमेरिकी क्लस्टर बमों का उपयोग यूक्रेन के सशस्त्र बलों को युद्ध के मैदान पर रणनीतिक लाभ नहीं दिला सकता है। रूसी सेना इससे कोई क्षति लगभग नहीं हुई। इतना ही नहीं, सैन्य औचित्य की अगर बात की जाए तो डोनेतस्क पर क्लस्टर वाली गोलाबारी निरर्थक है।क्लस्टर हथियारों के माध्यम से यूक्रेन के नव-नाज़ी और राष्ट्रवादी डोनेट्स्क पीपुल्य रिपब्लिक (डीपीआर) के नागरिकों ही के विरूद्ध दंडात्मक युद्ध लड़ रहे हैं। इस प्रकार के आक्रमणों का एकमात्र उद्देश्य उन लोगों को डराना है जिन्होंने रूस के पक्ष में अपनी पसंद बनाई है।निराशा से कीव शासन आतंकवादी आक्रमणों की रणनीति की ओर मुड़ गया। हालांकि प्रतिउत्तरी आक्रमण में यूक्रेनी सेना की कारर्वाइयों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता, यूक्रेन नागरिक ठिकानों पर इस प्रकार के आक्रमणों का प्रयोग मीडिया के विषयों में मोर्चे पर विफलताओं को छिपाने के प्रयास के अंतर्गत कर रहा है।
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डोनेटस्क पर क्लस्टर बमों की तेज़ गोलाबारी से क्या यूक्रेन को मिली है कोई बढ़त?
क्लस्टर हथियारों की गिनती दुनिया के सबसे घातक हथियारों में की जाती है। ब्रिटन, फ़्रांस और जर्मनी सहित 100 से अधिक देशों ने इसे ग़ैरक़ानूनी घोषित कर दिया है। फिर भी अमेरिका जुलाई में यूक्रेन में क्लस्टर बमों का हस्तांतरण को मंज़ूरी दी थी।
रूस के विरुद्ध यूक्रेन के प्रतिउत्तरी आक्रमण को लगभग 3 महीने हुए हैं। रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार इस अंतराल यूक्रेन की सेना किसी भी दिशा में सफल नहीं हो पाई। यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने भी स्वीकार किया है कि प्रतिउत्तरी आक्रमण की प्रगति ‘आकांक्षाओं धीमी’ है। इसके बीच यूक्रेन के सशस्त्र बल क्लस्टर हथियारों से डोनेट्स्क पर बमबारी तेज़ करते जा रहे हैं।
कितना घातक है क्लस्टर बम?
क्लस्टर बम वास्तव में सैकड़ों छोटे-छोटे बमों का संग्रह होता है। जब इन बमों को दागा जाता है तब ये बीच हवा में फटकर बहुत बड़े इलाके में कई छोटे विस्फोटकों को छोड़ते हैं। इससे टारगेट के आसपास भी भारी नुक़सान पहुंचता है। इसका उपयोग मूख्यः अधिकतर इंफेंट्री यूनिट या दुश्मन देश की सेना के जमावड़े, हलके बख़्तरबंद वोहनों को नष्ट करने के साथ-साथ रनवे और बिजली लाइनों को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जाता है।
क्लस्टर हथियार नागरिक जनसंख्या के लिए इतना घातक हथियार माना जाता है कि 100 से भी अधिक देशों ने इस पर प्रतिबंध लगा रखा है।
इन बमों का प्रयोग को लेकर
संयुक्त राष्ट्र सहित कई अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने आपत्ति व्यक्त की है, क्योंकि क्लस्टर बम द्वारा गिराए गए छोटे विस्फोटक सटीकता में विफल रहते हैं। इस प्रकार बम धरती पर गिरते हैं और बारूदी सुरंगों के रूप में कार्य करते हैं, जो वर्षों धरती में दबे रहने पर भी दशकों के बाद विस्फोटित होकर
आम नागरिकों को मारने में सक्षम होते हैं।
यूक्रेन के पास क्लस्टर हथियार कहां से है?
जुलाई में पश्चिमी मीडिया में यह बात सामने आई थी कि अमेरिकी रूस द्वारा चलाए जा रहे
विशेष सैन्य अभियान में यूक्रेन के समर्थन करने के लिए
सैन्य सहायता पैकेज के स्तर पर यूक्रेन को क्लस्टर हथियार भेजेगा।
हालांकि यूके, जर्मनी और कनाडा जैसे नाटो सदस्यों सहित अधिकतर देश अमेरिका के इस निर्णय का विरोध किया है। अमेरिका के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि यूक्रेन क्लस्टर बमों का प्रयोग देश और नागरिकों की रक्षा के लिए करेगा, जिससे आम नागरिकों को कम से कम क्षति हो।
क्लस्टर बमों को प्राप्त करने के बाद
कीव शासन ने इन हथियार की विनाशकारी शक्ति को रूसी क्षेत्रों के निवासियों के विरुद्ध प्रयोग किया है। इसी प्रकार यूक्रेन के सशस्त्र बल डोनेट्स्क पर क्लस्टर हथियारों से लगातार गोलाबारी करते जा रहे हैं।
यूक्रेन के लिए डोनेट्स्क पर इस गोलाबारी का क्या उपयोगिता है?
सैन्य विशेषज्ञों मानना है कि यूक्रेन द्वारा अमेरिकी क्लस्टर बमों का उपयोग यूक्रेन के सशस्त्र बलों को युद्ध के मैदान पर रणनीतिक लाभ नहीं दिला सकता है।
रूसी सेना इससे कोई क्षति लगभग नहीं हुई। इतना ही नहीं, सैन्य औचित्य की अगर बात की जाए तो डोनेतस्क पर क्लस्टर वाली गोलाबारी निरर्थक है।
क्लस्टर हथियारों के माध्यम से यूक्रेन के नव-नाज़ी और राष्ट्रवादी
डोनेट्स्क पीपुल्य रिपब्लिक (डीपीआर) के
नागरिकों ही के विरूद्ध दंडात्मक युद्ध लड़ रहे हैं। इस प्रकार के आक्रमणों का एकमात्र उद्देश्य उन लोगों को डराना है जिन्होंने रूस के पक्ष में अपनी पसंद बनाई है।
निराशा से कीव शासन
आतंकवादी आक्रमणों की रणनीति की ओर मुड़ गया। हालांकि प्रतिउत्तरी आक्रमण में यूक्रेनी सेना की कारर्वाइयों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता, यूक्रेन नागरिक ठिकानों पर इस प्रकार के आक्रमणों का प्रयोग मीडिया के विषयों में मोर्चे पर
विफलताओं को छिपाने के प्रयास के अंतर्गत कर रहा है।