व्यापार और अर्थव्यवस्था

महंगाई से निपटने के लिए भारत 12 अरब डॉलर पुन: आवंटित करेगा: रिपोर्ट

CC BY 2.0 / Harsh Agrawal / Indian rupee
Indian rupee  - Sputnik भारत, 1920, 18.08.2023
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धन का यह संभावित पुनर्आवंटन पिछले वर्ष किए गए इसी प्रकार के लिए गए निर्णयों के बाद हुआ है जब जनता पर बढ़ती कीमतों के प्रभाव को कम करने के लिए 26 अरब डॉलर की योजना की घोषणा की गई थी।
भारतीय अधिकारी खाद्य और ईंधन की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए मंत्रालय के बजट से 12 बिलियन डॉलर का पुन:आवंटन करने पर विचार कर रहे हैं, सूत्रों के माध्यम से मीडिया ने रिपोर्ट की।
रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पेट्रोल की लागत कम करने और खाना पकाने के तेल और गेहूं जैसी आवश्यक वस्तुओं पर आयात शुल्क को कम करने के संभावित उपायों के संबंध में आगामी हफ्तों में निर्णय लेंगे। ये कदम मुद्रास्फीति की निरन्तर चुनौती की प्रतिक्रिया के रूप में उठाए गए हैं और इनका उद्देश्य उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करना है।
दरअसल ऐसे उपायों पर विचार केंद्रीय बैंक द्वारा स्थिर उधार शुल्क बनाए रखने के तात्कालिक निर्णय के अनुरूप है, जो एशिया में सबसे अधिक है। हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक ने मुद्रास्फीति के दबावों को दूर करने की आवश्यकता पर बल देते हुए, बढ़ती कीमतों से उत्पन्न संभावित जोखिमों को रेखांकित किया था।
An Indian woman laborer plucks tea leaves at a tea garden in Kaziranga, in the northeastern Indian state of Assam, Thursday, Oct. 11, 2018. - Sputnik भारत, 1920, 28.05.2023
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ज्ञात है कि भारत में बजटीय पुनर्आवंटन नया नहीं है, केंद्रीय बैंक से उच्च लाभांश और देश की प्रबल आर्थिक वृद्धि से प्रेरित लगातार कर संग्रह का संयोजन संभावित समायोजन के लिए स्थान प्रदान करता है। अनुमान बताते हैं कि मार्च 2024 तक वित्तीय वर्ष के बजट के लगभग 2 प्रतिशत के बराबर जो कि लगभग एक ट्रिलियन रुपये होते है, ऐसे उद्देश्यों के लिए जारी किए जा सकते हैं। वास्तव में अधिकारियों पर बढ़ती महंगाई से निपटने का दबाव है, जो पिछले महीने 15 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
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