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G-20 शिखर सम्मेलन में नई दिल्ली घोषणा पत्र को अपनाया गया: भारतीय प्रधानमंत्री
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भारतीय प्रधान मंत्री और G20 के मेजबान नरेंद्र मोदी ने शनिवार (9 अगस्त) को कहा कि G20 समूह के सदस्य देश के नेताओं ने संयुक्त विज्ञप्ति पर आम सहमति बनाई है। इसे अपनाने की घोषणा की गई है।
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हाल ही में पश्चिमी मीडिया में यह बात सामने आई कि G-20 नेताओं की संयुक्त विज्ञप्ति में सभी देशों की "क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता" के लिए समर्थन सम्मिलित है।ज्ञात हुआ है कि इस सूत्रीकरण का उपयोग पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन में रूसी विशेष सैन्य अभियान की निंदा करने के लिए किया गया है। साथ ही, यह मास्को के हित में है जो लगातार रूसी क्षेत्र पर यूक्रेनी सेना द्वारा आक्रमणों के बारे में बात कर रहा है।G-20 विज्ञप्ति के प्रमुख बिन्दु:संयुक्त विज्ञप्ति में यह भी कहा गया, "हालांकि G-20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है, और भू-राजनीतिक और सुरक्षा मुद्दों को हल करना इसका उद्देश्य नहीं है, हम स्वीकार करते हैं कि इन मुद्दों के वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण परिणाम हो सकते हैं"।भारत 1 सितंबर 2022 से G-20 की अध्यक्षता कर रहा है। G-20 नेताओं का 18वां शिखर सम्मेलन आज नई दिल्ली में हो रहा है। इसमें ग्रुप ऑफ ट्वेंटी के देशों के साथ और 9 देशों के प्रतिनिधि सम्मिलित हैं – बांग्लादेश, मिस्र, स्पेन, मॉरीशस, नाइजीरिया, नीदरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान और सिंगापुर।
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g20 नेताओं की संयुक्त विज्ञप्ति, g-20 शिखर सम्मेलन, एशिया और यूरोप के सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के नेता, वैश्विक नेताओं की बैठक के समापन पर एक संयुक्त विज्ञप्ति, जी-20 शिखर सम्मेलन, यूक्रेन के संकट पर बातचीत, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (imf), आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (oecd), संयुक्त राष्ट्र, बहुपक्षीय राजनय, बहुध्रुवीय दुनिया, वैश्विक आर्थिक स्थिरता
g20 नेताओं की संयुक्त विज्ञप्ति, g-20 शिखर सम्मेलन, एशिया और यूरोप के सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के नेता, वैश्विक नेताओं की बैठक के समापन पर एक संयुक्त विज्ञप्ति, जी-20 शिखर सम्मेलन, यूक्रेन के संकट पर बातचीत, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (imf), आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (oecd), संयुक्त राष्ट्र, बहुपक्षीय राजनय, बहुध्रुवीय दुनिया, वैश्विक आर्थिक स्थिरता
G-20 शिखर सम्मेलन में नई दिल्ली घोषणा पत्र को अपनाया गया: भारतीय प्रधानमंत्री
15:47 09.09.2023 (अपडेटेड: 20:12 09.09.2023) भारतीय प्रधान मंत्री और G20 के मेजबान नरेंद्र मोदी ने शनिवार (9 अगस्त) को कहा कि G20 समूह के सदस्य देश के नेताओं ने संयुक्त विज्ञप्ति पर आम सहमति बनाई है और इसे अपनाने की घोषणा की गई है।
हाल ही में पश्चिमी मीडिया में यह बात सामने आई कि G-20 नेताओं की संयुक्त विज्ञप्ति में सभी देशों की "क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता" के लिए समर्थन सम्मिलित है।
मीडिया में कहा गया है, "यूक्रेन से संबंधित विज्ञप्ति के अनुभाग में कहा गया है कि सभी देशों को “किसी भी राज्य की क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता या राजनीतिक स्वतंत्रता के विरुद्ध कार्यों से परहेज करना चाहिए”।
ज्ञात हुआ है कि इस सूत्रीकरण का उपयोग पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन में रूसी
विशेष सैन्य अभियान की निंदा करने के लिए किया गया है। साथ ही, यह मास्को के हित में है जो लगातार रूसी क्षेत्र पर यूक्रेनी सेना द्वारा आक्रमणों के बारे में बात कर रहा है।
G-20 विज्ञप्ति के प्रमुख बिन्दु:
G-20 देश वैश्विक खाद्य सुरक्षा को प्रबल करने और सभी के लिए लागत प्रभावी पोषण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं;
यूक्रेनी विवाद पर घोषणा पत्र में G-20 देश: इस स्थिति को लेकर अलग-अलग विचार और मूल्यांकन हैं;
जी20 परमाणु हथियारों के उपयोग या इससे संबंधित किसी भी संकट का दृढ़ता से विरोध करता है;;
G-20 नेताओं ने विश्व व्यापार संगठन में सुधार का आह्वान किया;
G-20 नेताओं ने "शांतिपूर्ण संघर्ष समाधान और संवाद" के महत्व पर बल दिया;
G-20 नेताओं ने सभी राज्यों से "क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता" सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों का सम्मान करने का आह्वान किया;
अगले G-20 शिखर सम्मेलन ब्राजील (2024), दक्षिण अफ्रीका (2025) और संयुक्त राज्य अमेरिका (2026) में आयोजित किए जाएंगे।
G-20 नेताओं की संयुक्त विज्ञप्ति में कहा गया, "जहां तक कि यूक्रेन युद्ध का संबंध है (…) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और संयुक्त राष्ट्र महासभा में जो राष्ट्रीय रवैया और प्रस्ताव (A/RES/ES-11/1 और A/RES/ES-11/6) अपनाए गए थे, हमने उनको दोहराया और इस बात पर ज़ोर दिया कि सभी राज्यों को संयुक्त राष्ट्र अधिकारपत्र के उद्देश्यों और सिद्धांतों के अनुरूप कार्य करना चाहिए"।
संयुक्त विज्ञप्ति में यह भी कहा गया, "हालांकि G-20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है, और भू-राजनीतिक और सुरक्षा मुद्दों को हल करना इसका उद्देश्य नहीं है, हम स्वीकार करते हैं कि इन मुद्दों के वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण परिणाम हो सकते हैं"।
भारत 1 सितंबर 2022 से
G-20 की अध्यक्षता कर रहा है। G-20 नेताओं का
18वां शिखर सम्मेलन आज नई दिल्ली में हो रहा है। इसमें ग्रुप ऑफ ट्वेंटी के देशों के साथ और 9 देशों के प्रतिनिधि सम्मिलित हैं – बांग्लादेश, मिस्र, स्पेन, मॉरीशस, नाइजीरिया, नीदरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान और सिंगापुर।