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नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन
नई दिल्ली में 9-10 सितंबर तक होने वाला G-20 देशों के नेताओं का शिखर सम्मेलन भारत की G-20 अध्यक्षता को समाप्त करेगा। G-20 का मेजबान होने के नाते भारत को यूक्रेन संघर्ष के मुद्दे पर पश्चिमी दबाव का सामना करना पड़ा, लेकिन यह रूस के खिलाफ पश्चिम के प्रतिबंध युद्ध में शामिल होने से इनकार कर दिया है।

क्या है जी-20?

© AP Photo / Mast IrhamIndian Prime Minister Narendra Modi arrives during the G20 Summit in Nusa Dua, Bali, Indonesia, Tuesday Nov. 15, 2022.
Indian Prime Minister Narendra Modi arrives during the G20 Summit in Nusa Dua, Bali, Indonesia, Tuesday Nov. 15, 2022. - Sputnik भारत, 1920, 03.09.2023
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ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (G20) अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का एक मंच है। यह सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर वैश्विक संरचना और अधिशासन निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वर्तमान में भारत जी-20 का अध्यक्ष है, जी-20 का 2023 विषय इसके एजेंडे की परस्पर संबद्धता को दर्शाती है।
ग्रुप ऑफ़ ट्वेंटी (जी-20) परस्पर जुड़ी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और निर्णय लेने की प्रक्रिया के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरा है।
जी-20 की स्थापना 1999 में की गई थी। लगभग 25 सालों में इसने वैश्विक अर्थव्यवस्था को बहुत सारी दिक्कतों को पार करने में सहायता की। जी-20 समूह ने 2008 के वित्तीय संकट के दौरान वैश्विक वित्तीय प्रणाली को स्थिर करने में और प्रोत्साहन उपायों और सुधारों के समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे विश्व आर्थिक पतन को रोकने में सहायता मिली।
जी-20 की सबसे बड़े गुणों में से एक इसकी कूटनीतिक प्रबलता है। जी-20 के सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों का समूह अनौपचारिक रूप से काम करता है, जिससे नेताओं के बीच संवेदनशील संवाद और आम सहमति बनती हैं। यह प्रारूप समूह को वैश्विक मामलों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने में सक्षम बनाता है। विविध संस्कृतियों और राजनीतिक प्रणालियों से नेताओं को एक साथ लाने की इसकी क्षमता इसके प्रभाव को बढ़ाती ही है, जिससे यह वैश्विक एजेंडा को आकार देने में एक प्रमुख खिलाड़ी बन जाता है।
जी-20 की कार्यप्रणाली किस प्रकार काम करती है, यह अन्य बहुपक्षीय संगठनों के साथ कैसे सहयोग करता है और भारत की राजधानी नई दिल्ली में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन की क्या विशेषता है, Sputnik ने इस सब का पता लगाया है।

क्या है जी-20?

जी-20 एक बहुराष्ट्रीय मंच है जिसमें यूरोपीय संघ और दुनिया की 19 सब से बड़ी अर्थव्यवस्थाएं सम्मिलित हैं। यह एक वैश्विक प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करता है जो दुनिया भर की अग्रणी विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाओं को एकजुट करता है।
जी-20 समूह के सदस्‍य विश्‍व सकल घरेलू उत्‍पाद यानी जीडीपी का 85 प्रतिशत, व्‍यापार का 75 प्रतिशत और वैश्‍व की आबादी के दो-तिहाई हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं।
© Sandeep DattaNew Delhi prepares to host G-20 Summit
New Delhi prepares to host G-20 Summit - Sputnik भारत, 1920, 03.09.2023
New Delhi prepares to host G-20 Summit

जी-20 का गठन कब और क्यों किया गया?

जी-20 की स्थापना 1997-98 के एशियाई वित्तीय संकट के उत्तर में 1999 में की गई थी। यह वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों के लिए एक मंच के रूप में उभरा था ताकि वे मिलकर प्रभावी ढंग से विश्वव्यापी आर्थिक और वित्तीय विषयों पर विचार-विमर्श कर सकें।
जी-20 एक विशिष्ट अंतरराष्ट्रीय आर्थिक क्लब है जो सभी अंतरराष्ट्रीय आर्थिक चुनौतियों को लेकर वैश्विक संरचना और शासन को आकार देने और प्रबल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

जी-20 में कौन से सदस्य सम्मिलित हैं?

जी-20 के पास स्थायी सचिवालय या मुख्यालय नहीं होता। जी-20 का सभापति इसके सदस्यों के बीच हर साल बदलता है। अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए 19 देशों को 5 समूहों में विभाजित किया जाता है, प्रत्येक समूह में 4 देश से अधिक नहीं होते हैं।
आज जी-20 में 20 सदस्य सम्मिलित हैं: भारत, रूस, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका।
साथ ही जी-20 का प्रत्येक अध्यक्ष अन्य अतिथि देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को जी-20 समूह की बैठकों और सम्मेलनों में सम्मिलित होने के लिए आमंत्रित कर सकता है।
इस साल भारत ने अध्यक्ष होकर जिन देशों और संगठनों को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है, उनमें बांग्लादेश, ईजिप्ट, मॉरिशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन, संयुक्त अरब अमीरात, संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, विश्व स्वास्थ्य संगठन, अफ्रीकी संघ, एयूडीए-एनईपीएडी, आसियान वगैरह सम्मिलित हैं।

जी-20 कैसे काम करता है?

अध्यक्षता के अंतर्गत प्रत्येक वर्ष के लिए जी-20 एजेंडा का संचालन किया जाता है और शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाता है।
जी-20 में दो समानांतर ट्रैक होते हैं – वित्त ट्रैक और शेरपा ट्रैक। वित्त मंत्री और सेंट्रल बैंक के गवर्नर वित्त ट्रैक का नेतृत्व करते हैं जबकि शेरपा ट्रैक का नेतृत्व शेरपा करते हैं।
साथ ही जी-20 में ऐसे सम्पर्क समूह हैं जो जी-20 देशों के नागरिक समाजों, सांसदों, विचार मचों, महिलाओं, युवाओं, श्रमिकों, व्यवसायों और शोधकर्ताओं को एक साथ लाते हैं। इसका उद्देश्य वैश्विक समाधानों के डिजाइन में व्यापक समावेशन और भागीदारी को बढ़ावा देते हुए एक प्रबल सहयोगात्मक चर्चा को सक्षम करना है।
© Photo : India's Ministry of EducationThe 1st G20 Education Working Group Meeting in Chennai, Tamil Nadu in 2023
The 1st G20 Education Working Group Meeting in Chennai, Tamil Nadu in 2023 - Sputnik भारत, 1920, 03.09.2023
The 1st G20 Education Working Group Meeting in Chennai, Tamil Nadu in 2023

क्या है जी-20 शिखर सम्मेलन?

जी-20 एक ‘वित्‍तीय बाजारों एवं विश्‍व अर्थव्‍यवस्‍था पर शिखर सम्मेलन’ भी आयोजित करता है जो जी-20 सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों और राष्ट्राध्यक्षों जैसे प्रतिनिधियों की एक वार्षिक सभा है। इस साल भारत जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
नेताओं का कर्तव्य सामूहिक कार्रवाई के लिए सामंजस्य स्थापित करना है, जिसमें उनका ध्यान कई प्रमुख मुद्दों पर केंद्रित है।
दो दिवसीय सम्मेलन के समापन पर एक संयुक्त विज्ञप्ति बननी है, जो सभी प्रतिभागियों को साझा कार्रवाई के लिए प्रतिबद्धता दर्शाती है, भले ही इस वक्तव्य में कानूनी प्रवर्तनीयता का अभाव हो। ज्ञात है कि व्यक्तिगत बैठकें कभी-कभी औपचारिक बैठकों से अधिक प्राथमिकता ले सकती हैं।
2023 में भारत की G20 अध्‍यक्षता के विषय का नाम है वसुधैव कुटुम्बकम या "एक पृथ्वी · एक कुटुंब · एक भविष्य", जो महा उपनिषद के प्राचीन संस्कृत पाठ से लिया गया है।
2023 में 18वां जी-20 शिखर सम्मेलन 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में होने वाला है।

जी-20 में अंतरराष्ट्रीय संगठनों की भूमिका

जी-20 अध्यक्ष के आदेश पर प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठन अंतर्दृष्टि प्रदान करके और चर्चा को बढ़ाकर जी-20 सम्मेलनों में योगदान करते हैं। प्रत्येक जी-20 कार्य समूह की सभा में अंतरराष्ट्रीय बहुपक्षीय संगठन प्रतिभागियों के रूप में सम्मिलित होते हैं, वे डेटा वितरण में सहायता करते हैं और महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रस्ताव प्रकट करते हैं।
आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) प्रबल, स्थायी और न्यायसंगत विकास के लिए ढांचे के आवश्यक तत्वों के रूप में राष्ट्रीय विकास रणनीतियों और संरचनात्मक नीति एजेंडे पर सहयोग करता है।
अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ (आईएलओ) श्रम से संबंधित मुद्दों पर काम करता है।
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठन विकास की पहल प्रस्तुत करते हैं।
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी जीवाश्म ईंधन से संबंधित विषयों पर कार्य करती है।
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) और संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (अंकटाड) निवेश निगरानी, टैरिफ, व्यापार बाधाओं आदि पर ध्यान देते हैं।
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