https://hindi.sputniknews.in/20230910/globl-saauth-ne-yuukren-ko-g-20-men-prmukh-vishy-bnaane-ke-pshchim-ke-pryaason-ko-riok-diyaa-lvriov-4163495.html
ग्लोबल साउथ ने यूक्रेन को G-20 में प्रमुख विषय बनाने के पश्चिम के प्रयासों को रोक दिया: लवरोव
ग्लोबल साउथ ने यूक्रेन को G-20 में प्रमुख विषय बनाने के पश्चिम के प्रयासों को रोक दिया: लवरोव
Sputnik भारत
G-20 समिट में रूस का प्रतिनिधित्व राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बजाय विदेश मंत्री सर्गे लवरोव कर रहे हैं। बदलती वैश्विक व्यवस्था को लेकर लवरोव ने पत्रकारों को दिए भाषण में कुछ बातें कहीं।
2023-09-10T14:05+0530
2023-09-10T14:05+0530
2024-03-05T17:23+0530
नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन
जी20
भारत
दिल्ली
सर्गे लवरोव
व्लादिमीर पुतिन
रूसी विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय
रूस
बहुपक्षीय राजनय
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/09/09/4140489_0:0:1280:721_1920x0_80_0_0_2e02cb65b62e0fa82743baac8d0fa9fa.jpg
G-20 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रूसी विदेश मंत्री सेर्गे लवरोव ने कहा कि ग्लोबल साउथ की समेकित स्थिति ने यूक्रेन को G-20 में प्रमुख विषय बनाने के पश्चिम के प्रयासों को रोक दिया। उन्होंने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा कि यूक्रेन संकट का उल्लेख केवल उसी संदर्भ में किया गया है कि दुनिया भर में जो क्षेत्रीय विवाद चल रहे हैं, उन्हें संयुक्त राष्ट्र अधिकारपत्र के अंतर्गत ही सुलझाने की आवश्यकता है।G-20 में ग्लोबल साउथ की भूमिका और उसके बढ़ते महत्व को रेखांकित करते हुए लवरोव ने कहा कि G-20 शिखर सम्मेलन सफल रहा, G-20 आंतरिक सुधार के दौर से गुजर रहा है। काला सागर अनाज निर्यात समझौते को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि रूस संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रयासों की सराहना करता है, लेकिन अगर पश्चिम टूटे हुए वादे करता रहेगा, तो ये प्रयास बर्बाद हो जाएंगे।लवरोव ने यह भी कहा, G-20 शिखर सम्मेलन के परिणाम अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), विश्व व्यापार संगठन (WTO) के सुधार प्रयासों को सकारात्मक प्रोत्साहन देंगे।भारत की G-20 अध्यक्षता की सराहना करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, "पिछले कई सालों में पहली बार ऐसा हुआ है जब ग्लोबल साउथ के सदस्य देश वास्तव में एकजुट हुए हैं।"लवरोव ने साक्षात्कार में कहा, "रूस और भारत के बीच जो समझौते बनाए गए थे, विशेषतः सैन्य-तकनीकी क्षेत्र में, वे सब पूर्णतः क्रियान्वित किये जायेंगे। G-20 शिखर सम्मेलन में लवरोव की भागीदारीG-20 शिखर सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखता है, क्योंकि वहां एशिया और यूरोप के सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के नेता इकट्ठे होते हैं। इस बार यह आयोजन भारत में हो रही है।लवरोव ने मार्च 2023 में दिल्ली में हुई G-20 के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया था। उस समय संयुक्त विज्ञप्ति जारी करने की वर्षों से चली आ रही परंपरा को यूक्रेन के सवाल पर मतभेदों कें कारण संभव नहीं हो पाई।उस बैठक में यूक्रेन संकट पर बातचीत इतने सक्रिय ढंग से होती रही कि सर्गे लवरोव ने यह जरूरी समझा कि यूरोपीय देशों के व्यवहार के लिए मेजबान देश से क्षमा मांगी जाए। यूरोपीय प्रतिनिधिमंडलों के बुरे व्यवहार के लिए भारतीय अध्यक्ष के सामने क्षमा मांगते हुए उन्होंने कहा कि यूरोपीय अपनी आर्थिक नीतियों की असफलता के लिए रूस को उत्तरदायी ठहराने का प्रयास कर रहे हैं और उल्टी-सीधी बातें कर रहे हैं।G-20 की स्थापना 2008 में हुई थी। इसमें यूरोपीय संघ और दुनिया की 19 सब से बड़ी अर्थव्यवस्थाएं सम्मिलित हैं। प्रारंभ में G-20 समूह आर्थिक विषयों पर ही केंद्रित हुआ करता था, पर बाद में इसकी कार्यसूची विस्तार करते हुए इसमें अन्य बातों के साथ जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, पर्यावरण, भ्रष्टाचार-विरोध इत्यादि को सम्मिलित किया गया।
https://hindi.sputniknews.in/20230909/g-20-smit-men-piiem-modii-ke-saamne-bharat-nemplet-soshl-miidiyaa-sensaishn-4157502.html
भारत
दिल्ली
रूस
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
2023
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
खबरें
hi_IN
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/09/09/4140489_56:0:1193:853_1920x0_80_0_0_2b4fd4cbc724b70084cbfda9ed238649.jpgSputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
g-20 शिखर सम्मेलन, g-20 शिखर सम्मेलन, एशिया और यूरोप के सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के नेता, वैश्विक नेताओं की बैठक के समापन पर एक संयुक्त विज्ञप्ति, ग्लोबल साउथ की आवाज, g-20 के विदेश मंत्रियों की बैठक, g-20 की स्थापना, जी-20 शिखर सम्मेलन, यूक्रेन के संकट पर बातचीत, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (imf), आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (oecd), संयुक्त राष्ट्र, बहुपक्षीय राजनय, बहुध्रुवीय दुनिया, वैश्विक आर्थिक स्थिरता
g-20 शिखर सम्मेलन, g-20 शिखर सम्मेलन, एशिया और यूरोप के सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के नेता, वैश्विक नेताओं की बैठक के समापन पर एक संयुक्त विज्ञप्ति, ग्लोबल साउथ की आवाज, g-20 के विदेश मंत्रियों की बैठक, g-20 की स्थापना, जी-20 शिखर सम्मेलन, यूक्रेन के संकट पर बातचीत, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (imf), आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (oecd), संयुक्त राष्ट्र, बहुपक्षीय राजनय, बहुध्रुवीय दुनिया, वैश्विक आर्थिक स्थिरता
ग्लोबल साउथ ने यूक्रेन को G-20 में प्रमुख विषय बनाने के पश्चिम के प्रयासों को रोक दिया: लवरोव
14:05 10.09.2023 (अपडेटेड: 17:23 05.03.2024) दिल्ली में G-20 शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ। रूस का प्रतिनिधित्व राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बजाय विदेश मंत्री सर्गे लवरोव ने किया है। बदलती वैश्विक व्यवस्था को लेकर लवरोव ने पत्रकारों को दिए भाषण में कुछ बातें कहीं।
G-20 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रूसी विदेश मंत्री सेर्गे लवरोव ने कहा कि ग्लोबल साउथ की समेकित स्थिति ने यूक्रेन को G-20 में प्रमुख विषय बनाने के पश्चिम के प्रयासों को रोक दिया।
उन्होंने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा कि यूक्रेन संकट का उल्लेख केवल उसी संदर्भ में किया गया है कि दुनिया भर में जो क्षेत्रीय विवाद चल रहे हैं, उन्हें संयुक्त राष्ट्र अधिकारपत्र के अंतर्गत ही सुलझाने की आवश्यकता है।
G-20 में
ग्लोबल साउथ की भूमिका और उसके बढ़ते महत्व को रेखांकित करते हुए लवरोव ने कहा कि G-20 शिखर सम्मेलन सफल रहा, G-20 आंतरिक सुधार के दौर से गुजर रहा है।
लवरोव ने कहा, “शिखर सम्मेलन भारतीय अध्यक्षता, हम सब की असंदिग्ध सफलता है। G-20 आंतरिक सुधार के दौर से गुजर रहा है। यह वैश्विक दक्षिण से G-20 सदस्यों की महत्वपूर्ण सक्रियता में प्रकट हुआ।"
काला सागर अनाज निर्यात समझौते को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि रूस संयुक्त राष्ट्र के महासचिव
एंटोनियो गुटेरेस के प्रयासों की सराहना करता है, लेकिन अगर पश्चिम टूटे हुए वादे करता रहेगा, तो ये प्रयास बर्बाद हो जाएंगे।
उन्होंने कहा, “हम उन प्रयासों की सराहना करते हैं जो एंटोनियो गुटेरेस कर रहे हैं... लेकिन ये सभी प्रयास उस स्थिति में बर्बाद हैं जब पश्चिम केवल वादा ही करता है।"
लवरोव ने यह भी कहा, G-20 शिखर सम्मेलन के परिणाम अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), विश्व व्यापार संगठन (WTO) के सुधार प्रयासों को सकारात्मक प्रोत्साहन देंगे।
लवरोव ने कहा, "[G-20] घोषणापत्र में IMF और WTO में सुधार के उद्देश्यों को निश्चित किया गया है, जहां यह सुनिश्चित करना लंबे समय से आवश्यक है कि सभी देशों को वोट देने का समान अधिकार है।"
भारत की G-20 अध्यक्षता की सराहना करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, "पिछले कई सालों में पहली बार ऐसा हुआ है जब ग्लोबल साउथ के सदस्य देश वास्तव में एकजुट हुए हैं।"
लवरोव ने साक्षात्कार में कहा, "रूस और भारत के बीच जो समझौते बनाए गए थे, विशेषतः सैन्य-तकनीकी क्षेत्र में, वे सब पूर्णतः क्रियान्वित किये जायेंगे।
G-20 शिखर सम्मेलन में लवरोव की भागीदारी
G-20 शिखर सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखता है, क्योंकि वहां एशिया और यूरोप के सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के नेता इकट्ठे होते हैं। इस बार यह आयोजन भारत में हो रही है।
लवरोव ने मार्च 2023 में दिल्ली में हुई
G-20 के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया था। उस समय संयुक्त विज्ञप्ति जारी करने की वर्षों से चली आ रही परंपरा को यूक्रेन के सवाल पर मतभेदों कें कारण संभव नहीं हो पाई।
उस बैठक में यूक्रेन संकट पर बातचीत इतने सक्रिय ढंग से होती रही कि सर्गे लवरोव ने यह जरूरी समझा कि यूरोपीय देशों के व्यवहार के लिए मेजबान देश से क्षमा मांगी जाए। यूरोपीय प्रतिनिधिमंडलों के बुरे व्यवहार के लिए भारतीय अध्यक्ष के सामने क्षमा मांगते हुए उन्होंने कहा कि यूरोपीय अपनी आर्थिक नीतियों की असफलता के लिए रूस को उत्तरदायी ठहराने का प्रयास कर रहे हैं और उल्टी-सीधी बातें कर रहे हैं।
G-20 की स्थापना 2008 में हुई थी। इसमें यूरोपीय संघ और दुनिया की 19 सब से बड़ी अर्थव्यवस्थाएं सम्मिलित हैं। प्रारंभ में G-20 समूह आर्थिक विषयों पर ही केंद्रित हुआ करता था, पर बाद में इसकी कार्यसूची विस्तार करते हुए इसमें अन्य बातों के साथ जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, पर्यावरण, भ्रष्टाचार-विरोध इत्यादि को सम्मिलित किया गया।