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शक्तिशाली रूसी हथियार द्वारा यूक्रेन में नाटो हार्डवेयर का विनष्टीकरण

© Russian Ministry of DefenceA Smerch multiple-rocket launcher (MRL) firing on the targets of the Ukrainian forces.
A Smerch multiple-rocket launcher (MRL) firing on the targets of the Ukrainian forces. - Sputnik भारत, 1920, 15.09.2023
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पिछले तीन महीने से चल रहे यूक्रेनी "प्रतिउत्तरी आक्रमण" से अंततः ज्ञात हुआ है कि पश्चिमी सैन्य हार्डवेयर रूसी हथियार से उत्तम नहीं है।
नाटो देशों ने यूक्रेन को बड़ी मात्रा में वित्तीय और सैन्य सहायता दी है। पश्चिमी अधिकारियों को विश्वास था कि नाटो हथियारों के सहारे यूक्रेनी लड़ाकू ब्रिगेड रूसी रक्षा-पंक्तियों को तोड़ पाएंगे। इसके स्थान पर यूक्रेन के संवाददाता अब बड़ी उदासी से देखते हैं कि रूसी सेना ने युद्धक्षेत्र में कितने प्रभावी ढंग से यूक्रेनी सशस्त्र बलों को नष्ट कर रही है।
तो आइए जानते हैं अमेरिका सहित पश्चिमी देशों द्वारा समर्थित यूक्रेनी सेना को बार-बार निर्बल करने के लिए रूस किस उपकरण का उपयोग करता है?

वायु शक्ति

हालांकि पश्चिमी सैन्य अधिकारियों ने कहा था कि यूक्रेन के प्रतिउत्तरी आक्रमण की असफलता के लिए रूस का गुप्त हथियार यानी खरपतवार और झाड़ियां उत्तरदायी हैं, ऐसे विशेषज्ञ भी हैं जो रूस की वायु शक्ति को ध्यान देते हैं। विशेषतः Ka-52 लड़ाकू हेलीकॉप्टर (जिसे आमतौर पर "एलीगेटर" कहा जाता है) इसके लिए प्रसिद्ध है कि यूक्रेनी बलों पर आक्रमण करके वह शीघ्र शत्रु की दृष्टि से ओझल हो जाता है।
अगर हेलीकॉप्टर शत्रु की गोलीबारी की चपेट में आ भी जाए, तो भी इसकी सख्त बख्तरबंद परत के कारण यह दुर्घटनाग्रस्त होने से बच सकता है।
A screenshot of a video depicting a Ka-52 attack helicopter hitting Ukrainian positions.
A screenshot of a video depicting a Ka-52 attack helicopter hitting Ukrainian positions. - Sputnik भारत, 1920, 15.09.2023
A screenshot of a video depicting a Ka-52 attack helicopter hitting Ukrainian positions.
रूसी ड्रोन भी यूक्रेनी सैन्य ठिकानों को गंभीर क्षति पहुंचाने में अत्यंत कुशल सिद्ध हुए हैं। उदाहरण के लिए, रूसी लैंसेट-3 कामिकेज़ ड्रोन यूक्रेनी अफसरों के लिए एक सिरदर्द बन गए हैं, क्योंकि वे यूक्रेन के बख्तरबंद वाहनों, राडार स्टेशनों और यहां तक ​​कि वायु रक्षा प्रणालियों को सटीक निशाना लगाकर उन्हें मार गिरा सकते हैं।

बारूदी सुरंग

जब यूक्रेनी सशस्त्र बल रूस की पहली रक्षा-पंक्ति की ओर बढ़े, तो वे तत्काल बारूदी सुरंगों पर ठोकर खा गए, जिन्हें रूसी सेनाओं ने 'ज़ेमलेडेलिये' लैंड माइन प्रणाली के माध्यम से बिछाया था। इन बारूदी सुरंगों के कारणवश यूक्रेनी सैनिकों के लिए उनका प्रतिउत्तरी आक्रमण करना बहुत कठिन हो गया।
रूसी भाषा में 'ज़ेमलेडेलिये' का अर्थ होता है कृषि। सही मायनों में ज़ेमलेडेलिये प्रणाली एक ट्रक है जिस पर लॉन्चर लगे हुए हैं। ज़ेमलेडेलिये ऐसे बम दागता है जो बिना विस्फोट के जमीन पर गिरते हैं और बारूदी सुरंगों के रूप में कार्य करते हैं।
© Sputnik / Mikhail Golenkov / मीडियाबैंक पर जाएंUR-77 Meteorit mine clearing vehicle
UR-77 Meteorit mine clearing vehicle - Sputnik भारत, 1920, 15.09.2023
UR-77 Meteorit mine clearing vehicle
वहीं, जब रूसी सेनाओं को शत्रु के बारूदी सुरंग क्षेत्र को पार करने की आवश्यकता होती है, तभी UR-77 प्रणाली का प्रयोग करते हैं। यह प्रणाली ऐसे बम दाग सकती है, जो एक लंबी लाइन में जमीन पर गिरकर प्रभावी ढंग से बारूदी सुरंगों को नष्ट कर देते हैं।

आर्टिलरी

फ़रवरी 2022 में यूक्रेन में रूसी विशेष सैन्य अभियान आरंभ होने के बाद यूक्रेनी सशस्त्र बलों ने सबक सीखा कि रूसी तोपें कितनी हानिकारक होती हैं। रूसी आर्टिलरी की विनाशकारी ताकत यूक्रेनी "प्रतिउत्तरी आक्रमण" के दौरान विशेष रूप से स्पष्ट हो गई, जब जो यूक्रेनी सैनिक बारूदी सुरंगों वाले क्षेत्रों से निकलने में सफल रहे, उन्हें तोपों की गोलेबारी से नष्ट किया गया था।
© Sputnik / Evgeny BiyatovMSTA-S self-propelled howitzer during equipment demonstration at the International Military-Technical Forum “ARMY-2015” in Moscow region
MSTA-S self-propelled howitzer during equipment demonstration at the International Military-Technical Forum “ARMY-2015” in Moscow region - Sputnik भारत, 1920, 15.09.2023
MSTA-S self-propelled howitzer during equipment demonstration at the International Military-Technical Forum “ARMY-2015” in Moscow region
इन परिणामों को प्राप्त करने के लिए रूसी सेना में तरह-तरह के तोप सम्मिलित हैं, उदाहरण के लिए Msta-B और Giatsint-B हॉवित्जर, Akatsiya, Msta-C और Giatsint-C स्व-चालित हॉवित्जर, Tyulpan स्व-चालित मोर्टार। साथ ही रूसी सैनिक BM-21 Grad, Tornado-G, BM-27 Uragan, BM-31 Smerch प्रणालियों का प्रयोग करते हैं।
इसके बावजूद कि इनमें से अधिकांश प्रणालियां सोवियत काल के दौरान ही विकसित और अपनाई गई थीं, वे पश्चिमी सैन्य हार्डवेयर के विरुद्ध अत्यंत प्रभावी सिद्ध हुईं।
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