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यूरोपीय परिषद आर्मेनिया के सशस्त्र बलों में मानवाधिकारों के मुद्दे को संबोधित करेगी

© AFP 2023 JOHN THYSUS President Joe Biden (L) walks alongside European Council President Charles Michel as he arrives for a European Union (EU) summit one month to the day following Russia's invasion of the Ukraine at EU Headquarters in Brussels on March 24, 2022.
US President Joe Biden (L) walks alongside European Council President Charles Michel as he arrives for a European Union (EU) summit one month to the day following Russia's invasion of the Ukraine at EU Headquarters in Brussels on March 24, 2022.  - Sputnik भारत, 1920, 28.09.2023
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रूसी मीडिया आउटलेट RT ने बताया की यूरोपीय परिषद सैन्य क्षेत्र में मानवाधिकार, समाजशास्त्र और मनोविज्ञान के 45 विशेषज्ञों को नियुक्त करने की योजना बना रही है, जो परामर्श सेवाएं प्रदान करेंगे।
यूरोपीय परिषद (EC) ने आर्मेनिया के सशस्त्र बलों में मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए एक परियोजना को लागू करने में सहायता करने के लिए विशेषज्ञों की खोज की घोषणा की है। EC को आशा है कि कार्यक्रम के परिणामस्वरूप सैन्य कर्मी और कानून प्रवर्तन एजेंसियां ​​अपने कार्य में "यूरोपीय मानकों" को लागू करेंगी।

निविदा विवरण में कहा गया, “रक्षा मंत्रालय, मानवाधिकार रक्षक का कार्यालय, न्यायपालिका और कानून प्रवर्तन एजेंसियां, यूरोपीय परिषद के विशेषज्ञों के साथ सशस्त्र बलों में मानव अधिकारों के उल्लंघन की रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए प्रासंगिक नीतियों, कानूनी और नियामक ढांचे की समीक्षा कर रही हैं।

ज्ञात हुआ है कि इस परियोजना के लिए 6 लाख यूरो आवंटित किए गए हैं, जिनमें से 5,5 लाख यूरो तक सलाहकारों की सेवाओं पर खर्च किए जाएंगे।
इतना ही नहीं, यूरोपीय परिषद ने आर्मेनिया में तथाकथित यूरोपीय मानकों को लागू करने के लिए कई और पहलें पेश की हैं। इस प्रकार, एक परियोजना के अंतर्गत आर्मेनिया में न्यायिक सुधार का "समर्थन" करने के लिए जून में सलाहकार सेवाओं के लिए एक निविदा जारी की गई थी।
दस्तावेज़ में कहा गया है, "परियोजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि आर्मेनिया में आम जनता यूरोपीय मानकों के अनुसार अपने अधिकारों का आनंद ले और पेशेवर न्यायिक प्रणाली से लाभ प्राप्त करे”।
इसके अतिरिक्त, मई में यूरोपीय परिषद "आर्मेनिया में लोकतांत्रिक विकास, विकेंद्रीकरण और सुशासन" परियोजना के अंतर्गत सहायता प्रदान करने में सक्षम ठेकेदारों की खोज कर रही थी।
इसका उद्देश्य आर्मेनिया के "यूरोपीय मानकों और नए क्षेत्रीय और प्रशासनिक मानचित्र के अनुरूप" स्थानीय सरकार के लिए एक संशोधित विधायी ढांचे को अपनाने को बढ़ावा देना था। इस उद्देश्य के लिए यूरोपीय परिषद 11 लाख यूरो आवंटित करने को तैयार थी।
रूसी विज्ञान अकादमी के एक शोधकर्ता कॉन्स्टेंटिन ब्लोखिन के अनुसार यूरोपीय परिषद आर्मेनिया को पश्चिम की ओर धकेलने और रूस की ओर किसी भी बहाव से उसकी "रक्षा" करने का प्रयास कर रही है।

विशेषज्ञ ने RT को बताया, “[आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल] पशिन्यान अब खुले स्तर पर अमेरिकी समर्थक रुख अपनाते हैं। स्पष्ट है कि पश्चिम के कार्यकर्ताओं ने आर्मेनिया के तात्कालिक अधिकारियों में अपनी क्षमताएँ देखीं और इन क्षमताओं की रक्षा करने का प्रयास कर रहे हैं जीससे अंततः रूस समर्थक ताकतों को विजय प्राप्त न हो।"

ब्लोखिन ने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा कि यूरोपीय विशेषज्ञ देश की राजनीति पर प्रभाव डालने का प्रयास करेंगे। इसके अतिरिक्त, उनका मुख्य उद्देश्य रूस को आर्मेनिया और दक्षिण काकेशस से पूर्णतः बाहर निकालना और वहां तनाव की परिस्थिति बनाना है।
इससे पूर्व अंतरराष्ट्रीय विकास के लिए अमेरिकी एजेंसी (USAID) के प्रमुख सहित कई उच्च अमेरिकी अधिकारियों के आर्मेनिया में आने की सूचना मिली थी।
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