https://hindi.sputniknews.in/20230829/laatviyaa-riuusii-jaatii-ke-logon-ko-khdednaa-chaahtaa-hai-un-euco-auri-osce-ko-milii-shikaayt-3901677.html
लातविया रूसी जाती के लोगों को खदेड़ना चाहता है, UN, EUCO और OSCE को मिली शिकायत
लातविया रूसी जाती के लोगों को खदेड़ना चाहता है, UN, EUCO और OSCE को मिली शिकायत
Sputnik भारत
रूसी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने लगभग 6,000 रूसी निवासियों को निष्कासित करने के लातविया के फैसले की निंदा की है, जो लातविया में निवास परमिट के साथ रह रहे हैं और लातवियाई भाषा की परीक्षा नहीं दी है।
2023-08-29T13:29+0530
2023-08-29T13:29+0530
2023-08-29T13:33+0530
विश्व
रूस
रूसी भाषा
रूसी दुनिया
संस्कृति संरक्षण
रूसी संस्कृति
संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र महासचिव
यूरोपीय सुरक्षा एवं सहयोग संगठन
लातविया
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/08/1d/3903732_0:114:3072:1842_1920x0_80_0_0_d9fa67d9020687c8c2c5620e2ee883be.jpg
रूस ने इसे लेकर आपत्ति जताई है। रूसी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क, यूरोपीय परिषद की मानवाधिकार आयुक्त दुन्या मिजाटोविक और यूरोपीय सुरक्षा एवं सहयोग संगठन (OSCE) के राष्ट्रीय अल्पसंख्यकों पर उच्चायुक्त कैरात अब्द्रखमानोव को एक शिकायत भेजी।आज लातविया में करीब 6 हज़ार रूसी लोग निवास परमिट के आधार पर देश में रहते हैं। अब उनपर देश से निकालने का खतरा मंडराता है क्योंकि उन्होंने 2023 में पारित हुए एक कानून के तहत लातवियाई भाषा परीक्षा नहीं दी।रूस के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने अपने पत्र में इस बात पर भी बल दिया है कि जिन लोगों को विस्थापित होने का खतरा आया, वे मुख्य तौर पर बुजुर्ग लोग हैं जो सोवियत काल से ही लातविया में रह रहे हैं। लातविया के आर्थिक आधार को तैयार करने के लिए उन्होंने भारी मशक्कत की है। पहले लातवियाई सरकार ने रूसी लोगों से लातवियाई भाषा की परीक्षा पास करने की मांग कभी नहीं की थी। इतना ही नहीं, देश में रहने का उनका दीर्घकालिक अनुभव साबित करता है कि रूसी भाषा इस देश में जीवन के लिए काफी है।
https://hindi.sputniknews.in/20230820/sputnik-ne-griiib-deshon-ko-khaady-kii-aapuuriti-ko-lekri-briks-forim-men-rikhaa-prstaav-3718504.html
रूस
लातविया
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
2023
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
खबरें
hi_IN
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/08/1d/3903732_341:0:3072:2048_1920x0_80_0_0_de67f850f83bd3200552ca497a8747b3.jpgSputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
लातविया से रूसी लोगों का निकालना, रूसी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने शिकायत की, यूरोपीय परिषद, यूरोपीय सुरक्षा एवं सहयोग संगठन (osce), संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क, संयुक्त राष्ट्र के नागरिक और राजनीतिक अधिकारों पर अंतरराष्ट्रीय अनुबंध, लातविया के आर्थिक आधार के लिए भारी मशक्कत, लातवियाई भाषा की परीक्षा, रूसी लोगों के खिलाफ भेदभाव, जातीय भेदभाव
लातविया से रूसी लोगों का निकालना, रूसी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने शिकायत की, यूरोपीय परिषद, यूरोपीय सुरक्षा एवं सहयोग संगठन (osce), संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क, संयुक्त राष्ट्र के नागरिक और राजनीतिक अधिकारों पर अंतरराष्ट्रीय अनुबंध, लातविया के आर्थिक आधार के लिए भारी मशक्कत, लातवियाई भाषा की परीक्षा, रूसी लोगों के खिलाफ भेदभाव, जातीय भेदभाव
लातविया रूसी जाती के लोगों को खदेड़ना चाहता है, UN, EUCO और OSCE को मिली शिकायत
13:29 29.08.2023 (अपडेटेड: 13:33 29.08.2023) रूसी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने लगभग 6,000 रूसी निवासियों को निष्कासित करने के लातविया के फैसले की निंदा की है, जो लातविया में निवास परमिट के साथ रह रहे हैं और लातवियाई भाषा की परीक्षा नहीं दी है। निष्कासन की प्रक्रिया 1 सितंबर 2023 से शुरू होगी।
रूस ने इसे लेकर आपत्ति जताई है। रूसी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क, यूरोपीय परिषद की मानवाधिकार आयुक्त दुन्या मिजाटोविक और यूरोपीय सुरक्षा एवं सहयोग संगठन (OSCE) के राष्ट्रीय अल्पसंख्यकों पर उच्चायुक्त कैरात अब्द्रखमानोव को एक शिकायत भेजी।
शिकायत पत्र में कहा गया, कि "लातवियाई अधिकारियों ने जो फैसला किया, वह संयुक्त राष्ट्र के नागरिक और राजनीतिक अधिकारों पर अंतरराष्ट्रीय अनुबंध, मानव अधिकारों पर यूरोपीय कन्वेंशन का उल्लंघन करता है। हम आपसे देश से लातवियाई निवासियों के जबरन निष्कासन को रोकने का आग्रह करते हैं।"
आज लातविया में करीब 6 हज़ार रूसी लोग निवास परमिट के आधार पर देश में रहते हैं। अब उनपर देश से निकालने का खतरा मंडराता है क्योंकि उन्होंने 2023 में पारित हुए एक कानून के तहत लातवियाई भाषा परीक्षा नहीं दी।
“5 हज़ार से 6 हज़ार तक रूसी नागरिक (…), जिन्होंने परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की है, उन्हें लातविया छोड़ने के लिए आधिकारिक सूचना पत्र प्राप्त होगा,” लातवियाई संसद में नागरिकता से जुड़े मामलों के आयोग का प्रमुख इंगमार्स लिडाक ने कहा।
रूस के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने अपने पत्र में इस बात पर भी बल दिया है कि जिन लोगों को विस्थापित होने का खतरा आया, वे मुख्य तौर पर बुजुर्ग लोग हैं जो
सोवियत काल से ही लातविया में रह रहे हैं। लातविया के
आर्थिक आधार को तैयार करने के लिए उन्होंने भारी मशक्कत की है।
पहले लातवियाई सरकार ने रूसी लोगों से लातवियाई भाषा की परीक्षा पास करने की मांग कभी नहीं की थी। इतना ही नहीं, देश में रहने का उनका दीर्घकालिक अनुभव साबित करता है कि रूसी भाषा इस देश में जीवन के लिए काफी है।