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सुप्रीम कोर्ट के अनुच्छेद 370 को लेकर दिए निर्णय पर सभी पक्षों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
सुप्रीम कोर्ट के अनुच्छेद 370 को लेकर दिए निर्णय पर सभी पक्षों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
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भारत के सर्वोच्च अदालत ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू और कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को खत्म करने वाले केंद्र सरकार के 2019 के फैसले को बरकरार रखा है।
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इसके आगे फैसले में कहा कि जम्मू-कश्मीर राज्य की कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं थी और भारतीय संविधान को जम्मू-कश्मीर राज्य में लागू करने के लिए राज्य सरकार की सहमति की आवश्यकता भी नहीं थी।न्यायालय ने भारत के चुनाव आयोग को अगले साल 30 सितंबर तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव कराने के लिए कदम उठाने का निर्देश भी जारी किया।सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश के सत्तारूढ़ और विपक्षी नेताओ ने अपनी अपनी राय इसपर जाहीर की। जहां देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताया, वहीं जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ग़ुलाम नबी आजाद ने इसपर निराशा जताई।Sputnik ने अदालत के इस फैसले को लेकर भारत के पक्ष और विपक्ष और इस मामले के बड़े बड़े जानकारों की राय को एक साथ रखा। पीएम मोदी ने इस मौके पर जम्मू कश्मीर के लोगों को कहा कि वह उनके सपनों को पूरा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि इसका लाभ समाज के सबसे कमजोर और हाशिए पर रहने वाले वर्गों तक भी पहुंचे, जिन्हें अनुच्छेद 370 के कारण नुकसान उठाना पड़ा।जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती धारा 370 को निरस्त करने को सुप्रीम कोर्ट द्वारा वैध ठहराए जाने पर महबूबा मुफ्ती ने कहा की इस निर्णय के बाद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी है। भारतीय सेना से जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए जनरल वेद प्रकाश मलिक ने एक्स पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा जम्मू कश्मीर को लिए गए सरकार के फैसले को सही ठहराये जाने पर खुशी जताई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व महाराजा हरि सिंह के बेटे करण सिंह ने जम्मू और कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को खत्म करने वाले केंद्र सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरकरार रखे जाने वाले फैसले का स्वागत किया।
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भारत की सर्वोच्च अदालत, संविधान का अनुच्छेद 370, जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जे, राजनीतिज्ञों की मिली जुली प्रतिक्रिया, प्रधानमंत्री मोदी, supreme court of india, article 370 of the constitution, special status of jammu and kashmir, mixed reaction from politicians, prime minister modi
भारत की सर्वोच्च अदालत, संविधान का अनुच्छेद 370, जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जे, राजनीतिज्ञों की मिली जुली प्रतिक्रिया, प्रधानमंत्री मोदी, supreme court of india, article 370 of the constitution, special status of jammu and kashmir, mixed reaction from politicians, prime minister modi
सुप्रीम कोर्ट के अनुच्छेद 370 को लेकर दिए निर्णय पर सभी पक्षों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
14:48 11.12.2023 (अपडेटेड: 15:00 11.12.2023) भारत के सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू और कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को खत्म करने वाले केंद्र सरकार के 2019 के फैसले को बरकरार रखा है।अदालत ने अपने फैसले में माना कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था।
इसके आगे फैसले में कहा कि जम्मू-कश्मीर राज्य की कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं थी और भारतीय संविधान को जम्मू-कश्मीर राज्य में लागू करने के लिए राज्य सरकार की सहमति की आवश्यकता भी नहीं थी।
न्यायालय ने भारत के
चुनाव आयोग को अगले साल 30 सितंबर तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव कराने के लिए कदम उठाने का निर्देश भी जारी किया।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश के सत्तारूढ़ और विपक्षी नेताओ ने अपनी अपनी राय इसपर जाहीर की। जहां देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताया, वहीं
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ग़ुलाम नबी आजाद ने इसपर निराशा जताई।
Sputnik ने अदालत के इस फैसले को लेकर भारत के पक्ष और विपक्ष और इस मामले के बड़े बड़े जानकारों की राय को एक साथ रखा। पीएम मोदी ने इस मौके पर जम्मू कश्मीर के लोगों को कहा कि वह उनके सपनों को पूरा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि इसका लाभ समाज के सबसे कमजोर और हाशिए पर रहने वाले वर्गों तक भी पहुंचे, जिन्हें अनुच्छेद 370 के कारण नुकसान उठाना पड़ा।
"अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर आज का सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है और 5 अगस्त 2019 को भारत की संसद द्वारा लिए गए फैसले को संवैधानिक रूप से बरकरार रखता है। यह जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में हमारी बहनों और भाइयों के लिए आशा, प्रगति और एकता की एक शानदार घोषणा है। न्यायालय ने अपने गहन ज्ञान से एकता के उस सार को मजबूत किया है जिसे हम भारतीय होने के नाते बाकी सभी चीजों से ऊपर मानते हैं और संजोते हैं," प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती धारा 370 को निरस्त करने को सुप्रीम कोर्ट द्वारा वैध ठहराए जाने पर महबूबा मुफ्ती ने कहा की इस निर्णय के बाद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी है।
"हिम्मत नहीं हारे, उम्मीद न छोड़े, जम्मू-कश्मीर ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। सुप्रीम कोर्ट का आज का फैसला यह एक मुश्किल पड़ाव है, यह मंजिल नहीं है... हमारे विरोधी चाहते हैं कि हम उम्मीद छोड़कर इस शिकस्त को स्वीकार करें... यह हमारी हार नहीं, यह देश के धैर्य की हार है...," मुफ्ती ने कहा।
भारतीय सेना से जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए जनरल वेद प्रकाश मलिक ने एक्स पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा जम्मू कश्मीर को लिए गए सरकार के फैसले को सही ठहराये जाने पर खुशी जताई।
"अनुच्छेद 370 के अंत को देखकर खुशी हुई। निहित स्वार्थों द्वारा अक्सर इसकी गलत व्याख्या की गई। भारत के राष्ट्रीय हित और सुरक्षा में बाधक बन गया," वी पी मलिक ने बताया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व महाराजा
हरि सिंह के बेटे
करण सिंह ने जम्मू और कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को खत्म करने वाले केंद्र सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरकरार रखे जाने वाले फैसले का स्वागत किया।
''मैं इसका स्वागत करता हूं। अब यह स्पष्ट हो गया है कि जो कुछ भी हुआ, वह संवैधानिक रूप से वैध है...मैं पीएम मोदी से राज्य का दर्जा जल्द बहाल करने का अनुरोध करता हूं...'' उन्होंने कहा।