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भारत को UNSC की सीट अवश्य मिल जाएगी, परंतु यह इतनी सहजता से नहीं होगा: जयशंकर
भारत को UNSC की सीट अवश्य मिल जाएगी, परंतु यह इतनी सहजता से नहीं होगा: जयशंकर
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भारत जरूर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनेगा, लेकिन आसानी से नहीं। ऑस्ट्रेलियाई शहर पर्थ में भारतीय प्रवासी से बातचीत करके सब्रह्मण्यम जयशंकर ने इसके बारे में बताया।
2024-02-10T20:06+0530
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जयशंकर ने बिना देश का नाम लिए कहा, "कुछ हमें ब्लॉक करने की कोशिश करेंगे, उस रास्ते को कठिन बना देंगे या किसी तरह की बाधाएं या तर्क डाल देंगे। लेकिन मुझे विश्वास है कि हम वहां पहुंचेंगे।"वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 15 सदस्य देश होते हैं जिनमें से पांच देश स्थाई सदस्य हैं – रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका। इन स्थाई सदस्यों को सुरक्षा परिषद में वीटो का अधिकार हासिल है।बता दें कि संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के ज्यादातर देश सुरक्षा परिषद में सुधार का समर्थन करते हैं। रूसी विदेश मंत्री सर्गे लवरोव ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का विस्तार पश्चिमी देशों से नहीं, बल्कि एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के प्रतिनिधियों से विस्तार किया जाना चाहिए।
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भारत को UNSC की सीट अवश्य मिल जाएगी, परंतु यह इतनी सहजता से नहीं होगा: जयशंकर
20:06 10.02.2024 (अपडेटेड: 20:09 10.02.2024) भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज 10 फरवरी को ऑस्ट्रेलिया के पर्थ शहर में भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की सीट अवश्य मिल जाएगी।
राजनयिक ने कहा, हम वहां अवश्य पहुंचेंगे। मुझे शत प्रतिशत विश्वास है कि हम वहां पहुंचेंगे। परंतु मैं नीतिपरायणता से आपको यह भी बता दूं कि इसकी प्राप्ती हमारे लिए हम इतनी भी सहज नहीं होगी क्योंकि विश्व प्रतिस्पर्धा से परिपूर्ण है।"
जयशंकर ने बिना देश का नाम लिए कहा, "कुछ हमें ब्लॉक करने की कोशिश करेंगे, उस रास्ते को कठिन बना देंगे या किसी तरह की बाधाएं या तर्क डाल देंगे। लेकिन मुझे विश्वास है कि हम वहां पहुंचेंगे।"
वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 15 सदस्य देश होते हैं जिनमें से
पांच देश स्थाई सदस्य हैं – रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका। इन स्थाई सदस्यों को सुरक्षा परिषद में वीटो का अधिकार हासिल है।
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के ज्यादातर देश
सुरक्षा परिषद में सुधार का समर्थन करते हैं। रूसी विदेश मंत्री सर्गे लवरोव ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का विस्तार पश्चिमी देशों से नहीं, बल्कि एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के प्रतिनिधियों से विस्तार किया जाना चाहिए।