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भारत-यूएई का 100 अरब डॉलर का गैर-तेल व्यापार लक्ष्य महत्वाकांक्षी, पर प्राप्त होने योग्य: सीआईआई

© AFP 2023 GIUSEPPE CACACEAn Airbus aircraft operated by India's flag carrier airline Air India flies near the landmark Burj Khalifa skyscraper, the world’s tallest building, above the Dubai skyline on February 13, 2024.
An Airbus aircraft operated by India's flag carrier airline Air India flies near the landmark Burj Khalifa skyscraper, the world’s tallest building, above the Dubai skyline on February 13, 2024. - Sputnik भारत, 1920, 03.03.2024
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2022-2023 में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के मध्य द्विपक्षीय व्यापार 84.9 अरब डॉलर पर पहुंच गया है, जिसके परिणामस्वरूप भारत यूएई का गैर-तेल व्यापार को लेकर मुख्य भागीदार बन गया।
मीडिया सूत्रों के अनुसार भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के अध्यक्ष आर दिनेश का कहना है कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात के मध्य 2030 तक 100 अरब अमेरिकी डॉलर के गैर-तेल व्यापार का लक्ष्य महत्वाकांक्षी है, परंतु इसे प्राप्त किया जा सकता है।
सीआईआई के अध्यक्ष इस पर ध्यान दिया कि दोनों देशों के मध्य कपड़ा, आभूषण और फार्मास्युटिकल्स जैसे क्षेत्रों में व्यापार बढ़ाने के बड़े अवसर हैं।
दिनेश ने मई 2022 में लागू मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के सकारात्मक परिणामों पर जोर दिया जिनमें से द्विपक्षीय व्यापार और निवेश में हुई वृद्धि है।
दिनेश ने वैश्विक निवेशकों के कार्यक्रम ‘इन्वेस्टोपिया’ और विश्व व्यापार संगठन के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भाग लेते हुए दोनों देशों की आर्थिक संभावनाओं के बारे में आशावाद व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, "भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच गैर-तेल व्यापार का 100 अरब डॉलर का लक्ष्य महत्वाकांक्षी है, लेकिन मेरा मानना ​​है कि इसे हासिल किया जा सकता है। इस संबंध में हाल के घटनाक्रम उत्साहजनक हैं।"

उन्होंने कहा कि यह एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते के रूप में जाना जाता है जिसमें आभूषण, कपड़ा, परिधान, चमड़ा, फार्मास्युटिकल्स, चिकित्सा उपकरण और कई इंजीनियरिंग उत्पादों जैसे श्रम-गहन क्षेत्रों में शुल्क मुक्त प्रवेश उपलब्ध है।

उन्होंने आगे कहा, "भारत का विशाल उपभोक्ता आधार और बढ़ती विनिर्माण क्षमता संयुक्त अरब अमीरात के उत्पादों के लिए इसे एक आकर्षक बाजार है, जबकि संयुक्त अरब अमीरात की स्थिति वैश्विक व्यापार केंद्र के रूप में भारतीय निर्यात को अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच की सुविधा प्रदान करती है।"

इस समझौते के परिवर्तनकारी लक्ष्य के बारे में बताते हुए दिनेश ने कहा कि यह समझौता दूरसंचार, निर्माण, शिक्षा, पर्यावरण, वित्तीय क्षेत्र, स्वास्थ्य सेवाओं, पर्यटन, फिल्म, आतिथ्य और समुद्री और हवाई परिवहन सेवाओं सहित अन्य सेवाओं में व्यवसायों के लिए अवसर प्रदान करता है।
साथ ही यह समझौता वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भारतीय और संयुक्त अरब अमीरात की कंपनियों के मध्य सहयोग के लिए मंच तैयार करता है, जिससे दोनों देशों में विनिर्माण को बढ़ाने का अवसर मिलेगा।
दिनेश ने बताया कि 2022 में संयुक्त अरब अमीरात से 3.35 अरब डॉलर की वृद्धि भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफपीआई) देखी गई है। वे "मेक इन इंडिया" और "मेड इन एमिरेट्स" पहल के लिए इस विकास का लाभ उठाने का सुझाव देते हैं, क्योंकि उनके विचार से उत्पादन बढ़ाने, उद्योगों में विविधता लाने और मूल्य जोड़ने के लिए संयुक्त उद्यमों और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से सहयोगात्मक क्षमता का विकास हो सकता है।
Indian Prime Minister Modi, who is on a two-day visit to the UAE, held delegation-level and one-on-one talks with President Mohamed bin Zayed Al Nahyan in Abu Dhabi on Tuesday. - Sputnik भारत, 1920, 13.02.2024
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