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भारतीय टाटा संयंत्र से पहली चिप दिसंबर 2026 में जारी की जाएगी: केंद्रीय मंत्री
भारतीय टाटा संयंत्र से पहली चिप दिसंबर 2026 में जारी की जाएगी: केंद्रीय मंत्री
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सेमीकंडक्टर्स का पहला सेट दिसंबर 2026 में भारतीय शहर धोलेरा में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्लांट में उत्पादित किया जाएगा, केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा।
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भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 मार्च को तीन चिप कारखानों यानी दो टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की और तीसरी सीजी पावर की आधारशिला रखी, जिनमें कुल निवेश 1.26 ट्रिलियन रुपये (15 बिलियन डॉलर से अधिक) है।इसके अलावा उन्होंने कहा कि टाटा का धोलेरा प्लांट 28, 50, 55 नैनोमीटर नोड्स के साथ चिप्स का उत्पादन करेगा। भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग स्थापित करने के प्रयास 1962 से चल रहे हैं, लेकिन अब जाकर उन्हें सफलता मिली है। दरअसल टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स का देश का पहला हाई-टेक चिप विनिर्माण संयंत्र गुजरात के धोलेरा के विशेष औद्योगिक क्षेत्र में ताइवान के पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्प के साथ साझेदारी में स्थापित किया जा रहा है। संयंत्र की क्षमता प्रति माह 50,000 चिप्स का उत्पादन करने की होगी और इसके लिए 910 अरब रुपये (10 अरब डॉलर से अधिक) के निवेश की आवश्यकता होगी।दिसंबर 2021 में, सरकार ने 76,000 करोड़ रुपये की चिप प्रोत्साहन योजना शुरू की थी, जिसके तहत एक संयंत्र की पूंजीगत व्यय लागत की आधी राशि सब्सिडी के रूप में देने की पेशकश की गई थी। इन सभी संयंत्रों को केंद्र से उनकी पूंजीगत व्यय का 50 प्रतिशत प्राप्त होगा।गौरतलब है कि भारत में निर्मित और उन्नत प्रौद्योगिकियों पर आधारित चिप्स का उपयोग दूरसंचार, रक्षा, ऑटोमोटिव और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स सहित कई क्षेत्रों में किया जाएगा।
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भारतीय टाटा संयंत्र से पहली चिप दिसंबर 2026 में जारी की जाएगी: केंद्रीय मंत्री
सेमीकंडक्टर्स का पहला सेट दिसंबर 2026 में भारतीय शहर धोलेरा में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स संयंत्र में उत्पादित किया जाएगा, केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 मार्च को तीन चिप कारखानों यानी दो टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की और तीसरी सीजी पावर की आधारशिला रखी, जिनमें कुल निवेश 1.26 ट्रिलियन रुपये (15 बिलियन डॉलर से अधिक) है।
"धोलेरा संयंत्र से पहली चिप दिसंबर 2026 में जारी की जाएगी, और माइक्रोन संयंत्र से चिप दिसंबर 2024 तक जारी की जाएगी," केंद्रीय मंत्री ने कहा।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि टाटा का धोलेरा प्लांट 28, 50, 55 नैनोमीटर नोड्स के साथ चिप्स का उत्पादन करेगा। भारत में
सेमीकंडक्टर उद्योग स्थापित करने के प्रयास 1962 से चल रहे हैं, लेकिन अब जाकर उन्हें सफलता मिली है।
"2029 तक, भारत दुनिया के शीर्ष पाँच सबसे बड़े चिप पारिस्थितिकी तंत्रों में से एक होगा," मंत्री ने टाटा समूह और सीजी पावर के चिप विनिर्माण संयंत्रों के शिलान्यास समारोह में बोलते हुए कहा।
दरअसल टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स का देश का पहला
हाई-टेक चिप विनिर्माण संयंत्र गुजरात के धोलेरा के विशेष औद्योगिक क्षेत्र में ताइवान के पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्प के साथ साझेदारी में स्थापित किया जा रहा है। संयंत्र की क्षमता प्रति माह 50,000 चिप्स का उत्पादन करने की होगी और इसके लिए 910 अरब रुपये (10 अरब डॉलर से अधिक) के निवेश की आवश्यकता होगी।
दिसंबर 2021 में, सरकार ने 76,000 करोड़ रुपये की चिप प्रोत्साहन योजना शुरू की थी, जिसके तहत एक संयंत्र की पूंजीगत व्यय लागत की आधी राशि सब्सिडी के रूप में देने की पेशकश की गई थी। इन सभी संयंत्रों को केंद्र से उनकी पूंजीगत व्यय का 50 प्रतिशत प्राप्त होगा।
गौरतलब है कि भारत में निर्मित और उन्नत प्रौद्योगिकियों पर आधारित
चिप्स का उपयोग दूरसंचार, रक्षा, ऑटोमोटिव और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स सहित कई क्षेत्रों में किया जाएगा।