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भारतीय विदेश मंत्री का सिंगापुर व्यवसियों को भारतीय सेमीकंडक्टर क्षेत्र में निवेश का आमंत्रण
भारतीय विदेश मंत्री का सिंगापुर व्यवसियों को भारतीय सेमीकंडक्टर क्षेत्र में निवेश का आमंत्रण
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जयशंकर ने नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एशियन स्टडीज में 300 से अधिक सिंगापुर के व्यापारिक नेताओं को सेमीकंडक्टर विनिर्माण के क्षेत्र में भारत की प्रगति और निवेश निवेश की संभावनाएं पर जोर दिया।
2024-03-24T16:11+0530
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भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में सिंगापुर के व्यापारिक समुदाय के साथ बैठक के दौरान उसके नेताओं को भारत के विस्तृत होते हुए सेमीकंडक्टर विनिर्माण क्षेत्र में निवेश के अवसरों पर ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित किया।उन्होंने हाल ही में विनिर्माण उपकरणों के अधिग्रहण और देश की पहली तीन सेमीकंडक्टर सुविधाओं की स्थापना को लेकर भारत की प्रगति पर बल दिया।इसके साथ जयशंकर ने इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन जैसी पहलों के माध्यम से विनिर्माण क्षेत्र में चुनौतियों को हल करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।साथ ही जयशंकर ने भारत के स्थायी आर्थिक लक्ष्यों पर भी जोर देते हुए हितधारकों से देश के उभरते विकास पथ में सक्रिय रूप से भाग लेने और लाभ उठाने का आग्रह किया।इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर रक्षा तक विभिन्न क्षेत्रों में सेमीकंडक्टर एक महत्वपूर्ण घटक है। हालांकि वर्तमान में भारत सेमीकंडक्टर आयात पर निर्भर है, इसके उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया जाता है। इसे प्राप्त करने हेतु भारत सरकार ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 'डिजिटल इंडिया' और 'मेक इन इंडिया' जैसी पहलें आरंभ की हैं।
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भारतीय विदेशमंत्री, एस जयशंकर, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (एनयूएस) के इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एशियन स्टडीज (आईएसएएस), institute of south asian studies, isas, the national university of singapore, nus, सिंगापुर, भारत में निवेश, सेमीकंडक्टर विनिर्माण, डिजिटल इंडिया, digital india, make in india, मेक इन इंडिया, भारत सरकार, semiconductor manufacturing sector
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भारतीय विदेश मंत्री का सिंगापुर व्यवसियों को भारतीय सेमीकंडक्टर क्षेत्र में निवेश का आमंत्रण
16:11 24.03.2024 (अपडेटेड: 18:52 24.03.2024) सेमीकंडक्टर विनिर्माण में भारत की प्रगति और उद्योग में निवेश के अवसरों पर प्रकाश डालते हुए, जयशंकर ने नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ सिंगापुर (NUS) के दक्षिण एशियाई अध्ययन संस्थान (ISAS) में 300 से अधिक सिंगापुर के व्यापारिक नेताओं को संबोधित किया।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में सिंगापुर के व्यापारिक समुदाय के साथ बैठक के दौरान उसके नेताओं को भारत के विस्तृत होते हुए सेमीकंडक्टर विनिर्माण क्षेत्र में निवेश के अवसरों पर ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने हाल ही में विनिर्माण उपकरणों के अधिग्रहण और देश की पहली तीन
सेमीकंडक्टर सुविधाओं की स्थापना को लेकर भारत की प्रगति पर बल दिया।
इंटरैक्टिव सत्र के दौरान जयशंकर ने विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र में भारत के विकास पथ पर अपना विश्वास व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने वैश्विक निर्माताओं के मध्य उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन योजना (PLI) के सकारात्मक प्रभाव पर प्रकाश डाला।
इसके साथ जयशंकर ने इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन जैसी पहलों के माध्यम से
विनिर्माण क्षेत्र में चुनौतियों को हल करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
जयशंकर ने निकट भविष्य में सेमीकंडक्टर विनिर्माण क्षेत्र में 85,000 नई नौकरियां उत्पन्न करने के लक्ष्य के साथ विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग के माध्यम से सेमीकंडक्टर विशेषज्ञता विकसित करने के भारत के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही जयशंकर ने भारत के स्थायी आर्थिक लक्ष्यों पर भी जोर देते हुए हितधारकों से देश के उभरते विकास पथ में सक्रिय रूप से भाग लेने और लाभ उठाने का आग्रह किया।
इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर रक्षा तक विभिन्न क्षेत्रों में सेमीकंडक्टर एक महत्वपूर्ण घटक है। हालांकि वर्तमान में भारत सेमीकंडक्टर आयात पर निर्भर है, इसके उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया जाता है। इसे प्राप्त करने हेतु भारत सरकार ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 'डिजिटल इंडिया' और 'मेक इन इंडिया' जैसी पहलें आरंभ की हैं।