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रूस-भारत के बीच शिक्षा संबंधों को मिलेगा बढ़ावा, पहले दोहरी डिग्री कार्यक्रम पर हुआ समझौता

© AFP 2023 ALEXANDRA ROBINSONAn AFP journalist views an example of a "deepfake" video manipulated using artificial intelligence, by Carnegie Mellon University researchers, from his desk in Washington, DC January 25, 2019.
An AFP journalist views an example of a deepfake video manipulated using artificial intelligence, by Carnegie Mellon University researchers, from his desk in Washington, DC January 25, 2019. - Sputnik भारत, 1920, 10.04.2024
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रूस और भारत के विश्वविद्यालय पहली बार एक दोहरी डिग्री कार्यक्रम को लागू करने जा रहे हैं, जिससे दोनों देशों के बीच शिक्षा के संबंधों को और बढ़ावा मिलेगा।
सेंट पीटर्सबर्ग स्टेट इलेक्ट्रोटेक्निकल यूनिवर्सिटी (LETI) और कोच्चि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (CUSAT) के बीच माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में दोहरी डिग्री कार्यक्रम लागू करने के लिए समझौता हुआ है।
छात्रों को रूस और भारत में पढ़ने और दोनों विश्वविद्यालय से डिप्लोमा पाने का मौका मिलेगा, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अंतर-सांस्कृतिक शैक्षणिक अनुभव और माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में व्यापक परिप्रेक्ष्य भी मिलेंगे।
सेंट पीटर्सबर्ग के विश्वविद्यालय की अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों की उपाध्यक्ष अनास्तासिया मिनिना ने रूसी मीडिया को बताया कि समझौते के अनुसार, भारतीय छात्रों को पहले CUSAT में और फिर LETI में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
रूस के श्रेष्ठ तकनीकी विश्वविद्यालयों में से एक LETI ने शिक्षकों के लिए भी अतिरिक्त शिक्षा कार्यक्रम विकसित करने के लिए CUSAT के साथ सहयोग किया है।
कोच्चि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग, तकनीकी, कानून और प्रबंधन विषयों पर डिग्री प्रदान करता है और मई 2024 में CUSAT के सात शिक्षक सेंट पीटर्सबर्ग के "इलेक्ट्रॉनिक घटक आधार की नई पीढ़ी" कार्यक्रम में एक प्रशिक्षण में भाग लेंगे।
दोनों विश्वविद्यालयों का दूसरा प्रोग्राम ‘फोटोनिक्स और क्वांटम इलेक्ट्रॉनिक्स’ अभी विकसित हो रहा है।

मिनिना ने साथ ही कहा, "मेरा मानना है कि इस कदम से हमारे विश्वविद्यालयों और हमारे देशों को लाभ मिलेगा और उच्च शिक्षा और शैक्षणिक सहयोग के अंतर्राष्ट्रीयकरण की प्रक्रिया को बढ़ावा मिलेगा। इस प्रोग्राम को रूस के शिक्षा मंत्रालय और रूसी राज्य परमाणु निगम की मदद से विकसित और प्रारंभ किया जा रहा है।"

इस परियोजना से अकादमिक सहयोग बढ़ता चला जाएगा। रूस और भारत के छात्रों को शिक्षा का अनुभव प्राप्त होगा तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आपसी समझ को बढ़ावा मिलेगा।
Igla - Sputnik भारत, 1920, 08.04.2024
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