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मोदी की टिप्पणियों के बाद चीन ने भारत के साथ स्थिर संबंधों का किया समर्थन
मोदी की टिप्पणियों के बाद चीन ने भारत के साथ स्थिर संबंधों का किया समर्थन
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2020 में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं। नई दिल्ली और बीजिंग संबंधों को स्थिर बनाने पर जोर देते हैं।
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चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने शुक्रवार को कहा कि मजबूत और स्थिर संबंध चीन और भारत दोनों के हित में है। यह बयान ऐसे समय सामने आया, जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चीन के साथ रिश्ते भारत के लिए महत्वपूर्ण हैं।गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच मई 2020 से लंबे समय से सीमा गतिरोध चल रहा है।जबकि पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट सहित पूर्वी लद्दाख के कई क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी हुई है, सैन्य स्तर और राजनयिक वार्ता के कई दौर के बावजूद कम से कम तीन घर्षण बिंदु अनसुलझे हैं।इसको लेकर मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत और चीन दोनों को जल्द से जल्द "सीमा स्थिति" को सुलझाने की जरूरत है।साथ ही, मोदी ने कहा कि सीमा पर शांति दो एशियाई दिग्गजों के मध्य स्वस्थ संबंधों का मार्ग प्रशस्त कर सकती है, जो उनके अनुसार न मात्र भारत और चीन, बल्कि पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है ।
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मोदी की टिप्पणियों के बाद चीन ने भारत के साथ स्थिर संबंधों का किया समर्थन
13:18 13.04.2024 (अपडेटेड: 14:36 13.04.2024) 2020 में भारत और चीन के सैनिकों के मध्य हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं। नई दिल्ली और बीजिंग अब द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर बनाने पर जोर देते हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने शुक्रवार को कहा कि मजबूत और स्थिर संबंध चीन और भारत दोनों के हित में है। यह बयान ऐसे समय सामने आया, जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चीन के साथ रिश्ते भारत के लिए महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने कहा, "हमें आशा है कि भारत द्विपक्षीय संबंधों में सीमा प्रश्न को उचित रूप से रखने और इसे ठीक से प्रबंधित करने के लिए चीन के साथ काम करेगा, और रिश्ते को एक मजबूत और स्थिर रास्ते पर लाएगा।"
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच मई 2020 से लंबे समय से
सीमा गतिरोध चल रहा है।
जबकि पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट सहित पूर्वी लद्दाख के कई क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी हुई है, सैन्य स्तर और राजनयिक वार्ता के कई दौर के बावजूद कम से कम तीन घर्षण बिंदु अनसुलझे हैं।
इसको लेकर मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत और चीन दोनों को जल्द से जल्द "सीमा स्थिति" को सुलझाने की जरूरत है।
मोदी ने एक अमेरिकी प्रकाशन के साथ एक साक्षात्कार में कहा, "मेरा मानना है कि हमें अपनी सीमाओं पर लंबे समय से चल रही स्थिति को तत्काल संबोधित करने की आवश्यकता है ताकि हमारी द्विपक्षीय बातचीत में असामान्यता को पीछे छोड़ा जा सके।"
साथ ही, मोदी ने कहा कि सीमा पर शांति दो एशियाई दिग्गजों के मध्य स्वस्थ संबंधों का मार्ग प्रशस्त कर सकती है, जो उनके अनुसार न मात्र
भारत और चीन, बल्कि पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है ।
उन्होंने कहा, "भारत और चीन के मध्य स्थिर और शांतिपूर्ण संबंध न केवल हमारे दोनों देशों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र और दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं।"