यूक्रेन संकट
मास्को ने डोनबास के लोगों को, खास तौर पर रूसी बोलनेवाली आबादी को, कीव के नित्य हमलों से बचाने के लिए फरवरी 2022 को विशेष सैन्य अभियान शुरू किया था।

यूक्रेन ने रूस पर 68 ड्रोन छोड़े, रूस ने सभी को एक रात में मार गिराया

© Sputnik / Алексей Мальгавко / मीडियाबैंक पर जाएंКомплекс ПВО С-400 "Триумф" заступил на боевое дежурство в Севастополе
Комплекс ПВО С-400 Триумф заступил на боевое дежурство в Севастополе - Sputnik भारत, 1920, 27.04.2024
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यूक्रेन रूस के शहरों पर आतंकवादी हमले जारी रखे हुए है। इन बर्बर हमलों के लिए यूक्रेनी सेना ऐसे ड्रोन इस्तेमाल कर रही है, जिनमें हवाई बम लडे होते हैं।
लेकिन वे ड्रोन न रूसी जनता को और न ही रूसी शहरों को कोई नुकसान पहुंचा पा रहे हैं। वायु रक्षा बल उन्हें हवा में ही उड़ा देते हैं। शुक्रवार-शनिवार रात भी ऐसा ही हुआ।

रूस के रक्षा मंत्रालय ने बताया, बीती रात रूस पर यूक्रेन के कुछ प्लेन टाइप ड्रोनों ने आतंकवादी हमला किया, जिन्हें वायु रक्षा बलों ने विफल कर दिया। कुछ ड्रोनों को नीचे उतार लिया गया और बाकी को हवा में ही नष्ट कर दिया गया।

रक्षा मंत्रालय की सूचना के अनुसार इनमें से 66 ड्रोनों को क्रास्नोडार के इलाके में उड़ाया गया। और दो ड्रोनों को क्रीमिया प्रायद्वीप के ऊपर नष्ट किया गया। स्थानीय अधिकारियों ने बताया है कि जो नुकसान हुआ है उसे अंका जा रहा है।

इन ड्रोन हमलों का मतलब क्या है?

आम तौर पर यूक्रेन दो स्थितियों में ड्रोनों का इस्तेमाल करता है। एक तो तब, जब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की और उनके सहयोगी पश्चिमी देशों से हथियारों, गोला-बारूद और आर्थिक सहायता की मांग करते हैं।
वे अमेरिका और यूरोप के अधिकारियों के सामने यह सिद्ध करना चाहते हैं कि उनकी मदद यूक्रेन के बहुत काम आ रही है। वे दिखाना चाहते हैं कि रूसी शहरों और रूस के बाशिंदों पर बर्बर हमले यूक्रेन के पक्ष में हैं।
दूसरे तब, जब युद्ध के मोर्चे पर यूक्रेन की सेना हार रही होती है। यूक्रेन अपनी विजय का कोई सबूत नहीं दे पाता है, तो वह इन आतंकवादी कार्रवाइयों से अपनी सक्रियता का सबूत देता है। यूक्रेन कई महीनों से ऐसा कर रहा है — उस समय से जब उसने क्रीमिया पुल को उड़ाया था।
हालांकि पश्चिमी राजनीतिज्ञ और विशेषज्ञ खुलकर यह बात कह रहे हैं कि रूस के साथ इस युद्ध में यूक्रेन हार रहा है। और रूसी रक्षा मंत्रालय भी युद्ध के बारे में हर दिन पेश की जाने वाली अपनी रिपोर्टों में इससे जुड़ी जानकारियां देता है।

ऊर्जा प्रतिष्ठानों पर हमलों में वृद्धि

पहले अमेरिका के अधिकारी यूक्रेन को यह निर्देश देते थे कि वह रूसी ऊर्जा ठिकानों पर हमले नहीं करे, क्योंकि उन्हें डर था कि रूस भी जवाबी हमले करेगा और दुनिया में तेल की क़ीमतें बहुत बढ़ जाएंगी। यूक्रेन की सरकार ने अमेरिकी निर्देशों को मानने से इनकार कर दिया और इस बात पर ज़ोर दिया कि वे खुद उन ठिकानों को चुनते हैं जहां पर यूक्रेन हमला करता है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने रूसी तेल शोधन कारखानों पर यूक्रेनी हमलों की सफ़ाई देते हुए कहा कि यूक्रेनी ऊर्जा ठिकानों पर रूस के हमलों के बाद यह फ़ैसला किया गया। यूक्रेन के पास ऐसे वायु रक्षा साधन नहीं हैं जो उसे रूसी हमलों से बचा पाते। हालांकि ब्रिटिश पत्रिका द इकोनॉमिस्ट के अनुसार अमेरिकी अधिकारियों ने यूक्रेन को यह इशारा दे दिया था कि यूक्रेन की रणनीति भरोसेमंद है और वह ठीक रास्ते पर चल रहा है।
यूक्रेनी हमलों पर चर्चा करते हुए रूसी राष्ट्रपति के प्रेस सचिव दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि रूसी सेना सतर्क है और वह सब कुछ कर रही है जिसकी ज़रूरत है। मसलन, रूसी सेना यूक्रेन के ड्रोन भंडारणों पर हमले कर रही है।
आठ अप्रैल को रूसी सेना के मिसाइल इस्कंदर ने यूक्रेन के ड्रोन भंडार पर हमला करके उसे नष्ट कर दिया और ज़पोरोज्ये के ड्रोन कारख़ाने को भी तबाह कर दिया।
इसके अलावा, इस महीने के शुरू में रूसी सेना ने यूक्रेनी ड्रोन भंडारण और उत्पादन के एक अन्य ठिकाने को भी बर्बाद कर दिया था।
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