भारत-रूस संबंध
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रूस ने भारत को उर्वरकों की आपूर्ति डेढ़ गुना बढ़ाई

© AP Photo / Rafiq MaqboolE. B. Manohar farmer sprays natural fertilizer on his crop at his farm in Khairevu village in Anantapur district in the southern Indian state of Andhra Pradesh, India, Wednesday, Sept. 14, 2022.
E. B. Manohar farmer sprays natural fertilizer on his crop at his farm in Khairevu village in Anantapur district in the southern Indian state of Andhra Pradesh, India, Wednesday, Sept. 14, 2022. - Sputnik भारत, 1920, 06.06.2024
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विश्व में हर छह टन उर्वरक में से एक टन रूस से आयात किया जाता है। रूसी उर्वरक निर्माता संघ (RAFP) के अध्यक्ष आंद्रेई गुरयेव ने SPIEF में संवाददाताओं को बताया कि रूसी उर्वरकों के निर्यात की मात्रा साल 2021 में उर्वरकों के निर्यात की रिकॉर्ड मात्रा के स्तर पर फिर पहुंच गया है।
"2023 में निर्यात के नतीजे काफी अच्छे रहे। हमारा देश 18% की हिस्सेदारी के साथ खनिज उर्वरकों के विश्व व्यापार में सबसे बड़े भागीदारों में से एक बना हुआ है। यानी दुनिया का हर छठा टन रूस से आयात किया जाता है। 2021 में निर्यात की मात्रा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी। मुझे पूरा भरोसा है कि 2024 के अंत तक हम इस आंकड़े को पार कर लेंगे," उन्होंने कहा।

RAFP के प्रमुख के अनुसार, घरेलू उर्वरकों की आपूर्ति में सबसे उल्लेखनीय वृद्धि भारत में देखी गई। 2023 में वहां निर्यात की मात्रा बढ़कर 5.4 मिलियन टन हो गई, जो 2022 की तुलना में 1.5 गुना अधिक और 2021 की तुलना में लगभग 5 गुना अधिक है।

"भारत के अतिरिक्त, हम लैटिन अमेरिकी देशों और विशेष रूप से ब्राजील को रूसी उर्वरकों के निर्यात में लगभग 20% की वृद्धि देख रहे हैं, जो रिकॉर्ड 9.4 मिलियन टन तक पहुंच गई है। अफ्रीकी देश भी प्राथमिकता वाले बाजारों में से एक हैं। इस महाद्वीप को आपूर्ति 5 साल में दोगुनी हो गई, पिछले साल की आपूर्ति 1.6 मिलियन टन थी," गुरयेव ने कहा।

सामान्य तौर पर, पिछले दो वर्षों में रूस के मित्र देशों को रूसी उर्वरकों की आपूर्ति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, और इन देशों की हिस्सेदारी कुल निर्यात में 2019 में 69% के मुकाबले 2023 में 78% तक बढ़ गई।

वैश्विक बाजार और कीमतों के बारे में बोलते हुए, RAFP के अध्यक्ष ने कहा कि हर जगह फॉस्फेट और नाइट्रोजन उर्वरकों दोनों के उत्पादन की लागत में वृद्धि हुई है, और इसलिए 2017-2020 की तुलना में उच्च मूल्य स्तर का अनुमान है।
बता दें कि सेंट पीटर्सबर्ग अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मंच (SPIEF) का आयोजन 5 से 8 जून तक हो रहा है।
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व्यापार और अर्थव्यवस्था
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