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यूक्रेन और उसके सहयोगी रूस के साथ शांति नहीं चाहते: विशेषज्ञ
यूक्रेन और उसके सहयोगी रूस के साथ शांति नहीं चाहते: विशेषज्ञ
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पश्चिमी नेता रूस के विरुद्ध नाटो के छद्म-युद्ध को बढ़ावा दे रहे हैं, जिसके उनके लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।
2024-06-15T13:03+0530
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इस सप्ताहांत स्विटज़रलैंड के बर्गनस्टॉक रिज़ॉर्ट में यूक्रेन संघर्ष के बारे में एक शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है जिसमें यूक्रेन के वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की और उनके पश्चिमी सहयोगी भाग लेंगे।बर्गनस्टॉक रिज़ॉर्ट विश्व के शीर्ष लक्जरी रिसॉर्ट्स में से एक है और उसके मेहमानों के लिए कई 5 स्टार होटल, अल्पाइन लैंडस्केप का सुंदर दृश्य, स्पा और बढ़िया भोजन उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त बर्गनस्टॉक रिज़ॉर्ट राजनेताओं, विख्यात हस्तियों सहित वरिष्ठ मेहमानों के मध्य अत्यंत लोकप्रिय माना जाता है।इस बीच कवरट एक्शन पत्रिका के प्रबंध संपादक जेरेमी कुजमारोव ने कहा कि जैसे-जैसे पश्चिमी नेता स्वयं को भव्यता में लिप्त करते जा रहे हैं, ज़ेलेंस्की के आक्रमण के लिए उनका निरंतर समर्थन उन्हें विश्व मंच पर और अपने ही लोगों से अलग-थलग कर रहा है। कुजमारोव ने शुक्रवार को Sputnik से यूक्रेन के वारे में ‘शांति समिट’ पर चर्चा करते हुए रूस के प्रतिनिधियों को सम्मिलित नहीं करने पर जोर दिया।कुजमारोव ने कहा, "वास्तव में युद्ध में दो पक्ष संलग्न हैं और शांति सम्मेलन करना असंभव है, जब एक पक्ष इस सम्मलेन में उपस्थित नहीं है। इसका कोई परिणाम नहीं निकलेगा। इसलिए यह मात्र एक दिखावा है जिससे ऐसा प्रतीत हो कि यूक्रेन शांति चाहता है जबकि वास्तव में वह ऐसा नहीं चाहता।"ज़ेलेंस्की ने 2019 में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ते समय मिन्स्क समझौतों को लागू करने का वादा किया, लेकिन अंततः रूस विरोधी नीति के समर्थकों के दबाव में समझौते को अस्वीकार कर दिया। पर्यवेक्षकों का अनुमान यह है कि ज़ेलेंस्की यूक्रेन में चरमपंथी अर्धसैनिकों की सत्ता से डरते हैं, जिन्होंने 2014 में पूर्व राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच की सत्ता को पलटा था।कुज्मारोव ने स्विटजरलैंड में होने वाली बैठक के बारे में कहा, "यह वास्तव में एक दिखावा है और मुझे लगता है कि यूक्रेन विश्व समुदाय में अधिक से अधिक अलग-थलग होता जा रहा है। यूरोप में अभी विरोध हो रहा है और हम मतदान में इसका प्रभाव देख रहे हैं कि बहुत से यूरोपीय नागरिक युद्ध का समाप्त करना चाहते हैं और अपने देश और रूस के मध्य बेहतर संबंध चाहते हैं।"हाल ही में किए गए मतदान के अनुसार, यूरोप में ज़ेलेंस्की के सबसे मज़बूत समर्थकों को जनता द्वारा तेजी से प्रतिकूल रूप से देखा जा रहा है। केवल 21 प्रतिशत ब्रिटिश लोग ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का समर्थन करते हैं, जबकि जर्मन चांसलर ओलाफ़ स्कोल्ज़ की अप्रूवल रेटिंग केवल 20 प्रतिशत है।हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण से यह पता चला है कि एक चौथाई से भी कम मतदाता "फ्रांस के सामने आने वाली समस्याओं से निपटने के लिए [फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल] मैक्रोन पर भरोसा करते हैं।"
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यूक्रेन और उसके सहयोगी रूस के साथ शांति नहीं चाहते: विशेषज्ञ
पश्चिमी नेता रूस के विरुद्ध नाटो के छद्म-युद्ध को बढ़ावा दे रहे हैं, जिसके उनके लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।
इस सप्ताहांत स्विटज़रलैंड के बर्गनस्टॉक रिज़ॉर्ट में यूक्रेन संघर्ष के बारे में एक शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है जिसमें यूक्रेन के वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की और उनके पश्चिमी सहयोगी भाग लेंगे।
बर्गनस्टॉक रिज़ॉर्ट विश्व के शीर्ष लक्जरी रिसॉर्ट्स में से एक है और उसके मेहमानों के लिए कई 5 स्टार होटल, अल्पाइन लैंडस्केप का सुंदर दृश्य, स्पा और बढ़िया भोजन उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त बर्गनस्टॉक रिज़ॉर्ट राजनेताओं, विख्यात हस्तियों सहित वरिष्ठ मेहमानों के मध्य अत्यंत लोकप्रिय माना जाता है।
इस बीच कवरट एक्शन पत्रिका के प्रबंध संपादक जेरेमी कुजमारोव ने कहा कि जैसे-जैसे पश्चिमी नेता स्वयं को भव्यता में लिप्त करते जा रहे हैं, ज़ेलेंस्की के आक्रमण के लिए उनका निरंतर समर्थन उन्हें विश्व मंच पर और अपने ही लोगों से अलग-थलग कर रहा है। कुजमारोव ने शुक्रवार को Sputnik से यूक्रेन के वारे में ‘शांति समिट’ पर चर्चा करते हुए रूस के प्रतिनिधियों को सम्मिलित नहीं करने पर जोर दिया।
कुजमारोव ने कहा, "वास्तव में युद्ध में दो पक्ष संलग्न हैं और
शांति सम्मेलन करना असंभव है, जब एक पक्ष इस सम्मलेन में उपस्थित नहीं है। इसका कोई परिणाम नहीं निकलेगा। इसलिए यह मात्र एक दिखावा है जिससे ऐसा प्रतीत हो कि यूक्रेन शांति चाहता है जबकि वास्तव में वह ऐसा नहीं चाहता।"
उन्होंने आगे कहा, "विशेष सैन्य अभियान से पहले ही मिंस्क शांति समझौते से लेकर शांति स्थापित करने के बहुत अवसर थे। जर्मनी के चांसलर एंजेला मर्केल ने स्वीकार किया कि यूक्रेन ने इस समझौते पर इसलिए हस्ताक्षर किए थे, क्योंकि वह अपनी सैन्य क्षमता के निर्माण के लिए अतिरिक्त समय प्राप्त करना चाहता था। उन्होंने साथ ही कहा कि यूक्रेन ने बार-बार इस समझौते का उल्लंघन किया।"
ज़ेलेंस्की ने 2019 में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ते समय मिन्स्क समझौतों को लागू करने का वादा किया, लेकिन अंततः रूस विरोधी नीति के समर्थकों के दबाव में समझौते को अस्वीकार कर दिया। पर्यवेक्षकों का अनुमान यह है कि ज़ेलेंस्की यूक्रेन में चरमपंथी अर्धसैनिकों की सत्ता से डरते हैं, जिन्होंने
2014 में पूर्व राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच की सत्ता को पलटा था।
कुज्मारोव ने स्विटजरलैंड में होने वाली बैठक के बारे में कहा, "यह वास्तव में एक दिखावा है और मुझे लगता है कि यूक्रेन विश्व समुदाय में अधिक से अधिक अलग-थलग होता जा रहा है। यूरोप में अभी विरोध हो रहा है और हम मतदान में इसका प्रभाव देख रहे हैं कि बहुत से यूरोपीय नागरिक युद्ध का समाप्त करना चाहते हैं और अपने देश और रूस के मध्य बेहतर संबंध चाहते हैं।"
विश्लेषक ने आगे कहा, "वे समझते हैं कि रूसियों के साथ अच्छे आर्थिक संबंध रखना लाभदायक है और इस युद्ध ने उन्हें रूस से अलग कर दिया है। और वे मतदान में अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। इसलिए, उदाहरण के लिए, यूरोप में यूक्रेन के साथ गठबंधन करने वाली ये सरकारें अपने ही लोगों के बीच बहुत अलोकप्रिय हैं।"
हाल ही में किए गए मतदान के अनुसार, यूरोप में ज़ेलेंस्की के सबसे मज़बूत समर्थकों को जनता द्वारा तेजी से प्रतिकूल रूप से देखा जा रहा है। केवल 21 प्रतिशत ब्रिटिश लोग ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का समर्थन करते हैं, जबकि जर्मन चांसलर ओलाफ़ स्कोल्ज़ की अप्रूवल रेटिंग केवल 20 प्रतिशत है।
हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण से यह पता चला है कि एक चौथाई से भी कम मतदाता "फ्रांस के सामने आने वाली समस्याओं से निपटने के लिए [फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल] मैक्रोन पर भरोसा करते हैं।"