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'अमेरिका मत आओ, तुम्हारे सपने चकनाचूर हो जाएंगे', भारतीय अप्रवासी ने छात्रों को चेताया
'अमेरिका मत आओ, तुम्हारे सपने चकनाचूर हो जाएंगे', भारतीय अप्रवासी ने छात्रों को चेताया
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यह साल का वह समय है जब छात्र अपने सपनों को पूरा करने के लिए सही कॉलेज चुनने में व्यस्त रहते हैं।
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ऐसे छात्रों को एक भारतीय मूल के सॉफ्टवेयर डेवलपर सुरेन, जिसके पास दो दशकों से अधिक का अनुभव है, उनकी यह कड़ी चेतावनी अवश्य सुननी चाहिए।दरअसल वे अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी के उस पोस्ट का जवाब दे रहे थे, जिसमें उन्होंने भारतीय छात्रों और अभिभावकों को आमंत्रित करते हुए उनसे भारत भर में आगामी एजुकेशनयूएसए मेलों में भाग लेने का आग्रह किया था।ज्ञात है कि विगत कुछ वर्षों में अमेरिका और कनाडा में भारतीय छात्रों के विरुद्ध सबसे अधिक हिंसा की घटनाएं हुई हैं। 2024 में अब तक अमेरिका में भारतीय या भारतीय मूल के कम से कम 11 छात्रों की हत्याएं या रहस्यमय परिस्थितियों में मौत के मामले सामने आ चुके हैं।
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'अमेरिका मत आओ, तुम्हारे सपने चकनाचूर हो जाएंगे', भारतीय अप्रवासी ने छात्रों को चेताया
18:20 09.08.2024 (अपडेटेड: 18:21 09.08.2024) यह साल का वह समय है जब छात्र अपने सपनों को पूरा करने के लिए सही कॉलेज चुनने में व्यस्त रहते हैं। हालाँकि, कई छात्र भारी भरकम लोन लेकर गलत ट्रैप में फंस जाते हैं।
ऐसे छात्रों को एक भारतीय मूल के सॉफ्टवेयर डेवलपर सुरेन, जिसके पास दो दशकों से अधिक का अनुभव है, उनकी यह कड़ी चेतावनी अवश्य सुननी चाहिए।
"कृपया अमेरिका न आएं। ये झूठ है। मेरी बात पर यकीन नहीं होता? पिछले दशक में यहाँ
पढ़ने आए किसी भी व्यक्ति से बात करें। आपके सपने चकनाचूर हो जाएंगे। आपकी शिक्षा समाप्त होने के बाद कोई भविष्य नहीं है। आपका पूरा करियर H1B वीजा की तलाश में ही गुजर जाएगा। भारत में जन्मे लोगों के लिए ग्रीन कार्ड के लिए प्रतीक्षा अवधि 100 साल है," सुरेन ने एक्स पर लिखा।
दरअसल वे अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी के उस पोस्ट का जवाब दे रहे थे, जिसमें उन्होंने
भारतीय छात्रों और अभिभावकों को आमंत्रित करते हुए उनसे भारत भर में आगामी एजुकेशनयूएसए मेलों में भाग लेने का आग्रह किया था।
"और कनाडा भी मत आना। तुम्हें नागरिकता मिल जाएगी। लेकिन अब यह पूरी तरह से महंगा हो गया है और बहुत से लोग बिना नौकरी के हैं और हम सभी कानून और व्यवस्था की स्थिति जानते हैं," एक अन्य यूजर ने कहा।
ज्ञात है कि विगत कुछ वर्षों में अमेरिका और कनाडा में भारतीय छात्रों के विरुद्ध सबसे अधिक हिंसा की घटनाएं हुई हैं। 2024 में अब तक अमेरिका में भारतीय या भारतीय मूल के कम से कम 11
छात्रों की हत्याएं या रहस्यमय परिस्थितियों में मौत के मामले सामने आ चुके हैं।