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संप्रभु शक्ति भारत और पश्चिमी उपनिवेश यूक्रेन का अंतर देखें: पूर्व यूक्रेनी सांसद

© AP Photo / Markus SchreiberVolodymyr Zelensky delivers his speech at the Annual Meeting of World Economic Forum in Davos, Switzerland, Tuesday, Jan. 16, 2024.
Volodymyr Zelensky delivers his speech at the Annual Meeting of World Economic Forum in Davos, Switzerland, Tuesday, Jan. 16, 2024. - Sputnik भारत, 1920, 23.08.2024
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इससे पहले भारतीय सेना में डायरेक्टर जनरल (इंफेंट्री) के पद पर काम कर चुके अनुभवी सैनिक ले. जनरल संजय कुलकर्णी (सेवानिवृत्त) ने Sputnik India को बताया था कि यह समय ज़ेलेंस्की को अहंकार छोड़ने का है, तब शांति संभव होगी।
पोलैंड के दो दिन का दौरा समाप्त कर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को यूक्रेन पहुँचे जहाँ उन्होंने वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से भेंट की।
नरेंद्र मोदी पहले यूक्रेन संकट को लेकर रूस और यूक्रेन से शांति स्थापित करने की अपील कर चुके हैं। इसके साथ वैश्विक दक्षिण के कई देशों ने मध्यस्थता करने और संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान खोजने में मदद की पेशकश की है। लेकिन कई विशेषज्ञों का मानना है कि ज़ेलेंस्की से शांति प्रस्ताव पर सकारात्मक प्रतिक्रिया मुश्किल है।
यूक्रेनी राजनेता और वेरखोव्ना राडा (यूक्रेनी संसद) के पूर्व सदस्य वोलोडिमिर ओलेनिक ने Sputnik India को बताया कि "संप्रभु शक्ति भारत" और "पश्चिमी उपनिवेश यूक्रेन" का अंतर देखना चाहिए।

"यदि भारत एक औपनिवेशिक देश से संप्रभुता की ओर बढ़ा है और आज उसके पास संप्रभुता का बहुत उच्च स्तर है, तो इसके विपरीत यूक्रेन स्वतंत्रता और स्वाधीनता के देश से उपनिवेशों की ओर बढ़ रहा है," यूक्रेनी राजनेता ने कहा।

वोलोडिमिर ओलेनिक ने आगे भारतीय राजनीतिक और यूक्रेन के ताजा हालातों पर बात करते हुए कहा कि भारतीय संसद तो राजनैतिक व्यवस्था, चुनाव, मतदाता आदि पर निर्भर करती है, पर यूक्रेन में 70%, यहाँ तक कि 80% लोग सोरोस फाउंडेशन से जुड़े हुए हैं, इसका अर्थ है कि उन्हें वहाँ से पैसे मिलते हैं।
ज़ेलेंस्की के बारे में यूक्रेन के पूर्व राजनयिक ने कहा कि ज़ेलेंस्की को "मज़ाक के लिए राष्ट्रपति चुना गया था।" ओलेनिक के अनुसार, यूक्रेनी लोगों ने "ज़ेलेंस्की के लिए नहीं, बल्कि पोरोशेंको [पूर्व यूक्रेनी राष्ट्रपति] के विरुद्ध वोट दिया था।"

"यूक्रेन के लोग कड़वे आंसू बहा रहे हैं। और सभी ने सोचा था, वह [ज़ेलेंस्की] सक्षम नहीं है, एक यहूदी परिवार का लड़का, युद्ध के लिए सक्षम नहीं हैं। लेकिन वह एक भयानक व्यक्ति निकले," वोलोडिमिर ओलेनिक ने कहा।

मास्को और नई दिल्ली के संबंधों पर बात करते हुए विशेषज्ञ ने बताया कि भारतीय घरेलू और विदेश नीति इस देश के हितों पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि "उदाहरण के लिए, मोदी ने अपने पुनः चुनाव के बाद मास्को का दौरा किया। क्यों? क्योंकि भारत और रूस के रणनीतिक हित एक दूसरे से मिलते-जुलते हैं।"

"वे दूसरे विकल्प की ओर बढ़ रहे हैं, वह ब्रिक्स है। भारत आर्थिक निर्णय लेता है, जिसमें अपने स्वयं हितों के आधार पर प्रतिबंधों, निषेधों, धमकियों के बावजूद निर्णय लेना सम्मिलित है। लेकिन यूक्रेन आर्थिक हितों के विषय में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अधीन है," पूर्व यूक्रेनी सांसद ने अंत में कहा।

Maria Zakharova, official representative of the Russian Ministry of Foreign Affairs, during a briefing in Moscow. - Sputnik भारत, 1920, 13.09.2023
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