लद्दाख स्टैन्डॉर्फ
भारत और चीन की सेनाओं के बीच 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बड़ी झड़पें हुईं। तभी से, दोनों पड़ोसियों के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं।

भारत, चीन ने लद्दाख गतिरोध के तत्काल समाधान का आह्वान किया

© AP Photo / Dar YasinIndian army soldiers keep guard on top of their vehicle as their convoy moves on the Srinagar- Ladakh highway at Gagangeer, northeast of Srinagar, Indian-controlled Kashmir, Wednesday, Sept. 9, 2020.
Indian army soldiers keep guard on top of their vehicle as their convoy moves on the Srinagar- Ladakh highway at Gagangeer, northeast of Srinagar, Indian-controlled Kashmir, Wednesday, Sept. 9, 2020. - Sputnik भारत, 1920, 13.09.2024
सब्सक्राइब करें
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने गुरुवार को रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में ब्रिक्स एनएसए स्तरीय बैठक के दौरान चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ वार्ता की।
भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच गुरुवार को हुई बैठक के विवरण के अनुसार, भारत और चीन पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में शेष टकराव वाले बिंदुओं से सैनिकों की पूर्ण वापसी के लिए "तत्परता से काम करने और प्रयासों को दोगुना करने" पर सहमत हुए हैं।

"एनएसए ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द तथा वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) का सम्मान द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति के लिए आवश्यक है। दोनों पक्षों को दोनों सरकारों द्वारा अतीत में किए गए प्रासंगिक द्विपक्षीय समझौतों, प्रोटोकॉल और सहमतियों का पूरी तरह से पालन करना चाहिए," विदेश मंत्रालय की ओर से गुरुवार शाम जारी एक बयान में कहा गया।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि डोभाल और वांग के बीच बैठक ने दोनों पक्षों को LAC पर शेष मुद्दों का जल्द समाधान खोजने की दिशा में हाल के प्रयासों की समीक्षा करने का अवसर दिया, जिससे द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर और पुनर्निर्माण करने के लिए स्थितियां बनेंगी। दोनों की आखिरी मुलाकात जुलाई 2023 में जोहान्सबर्ग में हुई थी।

डोभाल और वांग दोनों इस बात पर सहमत हुए कि भारत-चीन संबंध न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि क्षेत्र और विश्व के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।

बैठक के दौरान दोनों उच्चस्तरीय प्रतिनिधियों ने वैश्विक और क्षेत्रीय स्थिति पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।
डोभाल और वांग यी के बीच यह महत्वपूर्ण बैठक लद्दाख गतिरोध को हल करने में हुई प्रगति की पृष्ठभूमि में हुई है। दोनों देशों ने 2020 से अब तक कॉर्प कमांडर स्तर की 29 दौर की वार्ता के साथ-साथ लद्दाख सीमा गतिरोध पर भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (WMCC) की कई दौर की बैठकें की हैं।

आधिकारिक बयानों के अनुसार, परिणामस्वरूप, भारतीय सेना और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी और दक्षिणी तट तथा गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र से सैनिकों को पीछे हटाने में सफल रही है। 29 अगस्त को बीजिंग में आयोजित WMCC की हालिया बैठक में दोनों देशों ने "जमीन पर शांति और सौहार्द बनाए रखने का संयुक्त रूप से निर्णय लिया।"

इस बीच, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को जिनेवा सेंटर फॉर सिक्योरिटी पॉलिसी (GCSP) को बताया कि नई दिल्ली और बीजिंग के बीच लगभग "75% विघटन समस्याएं" अब तक सुलझ गई हैं।
गौरतलब है कि जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद से भारत और चीन के बीच उच्च स्तरीय संपर्कों में तेज़ी आई है। हाल के महीनों में जयशंकर ने वांग से दो बार मुलाक़ात की है, जिसमें दोनों शीर्ष राजनयिकों का ध्यान लद्दाख गतिरोध को हल करने पर रहा।
Indian army soldiers on T-90 Bhishma battle tanks take part in India’s 75th Republic Day parade in New Delhi on January 26, 2024. - Sputnik भारत, 1920, 09.09.2024
डिफेंस
भारतीय सेना ने शुरू की भविष्य के टैंक की तलाश
न्यूज़ फ़ीड
0
loader
चैट्स
Заголовок открываемого материала