Sputnik मान्यता
भारतीय और विदेशी विशेषज्ञों द्वारा प्रदान किया गया क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाओं का गहन विश्लेषण पढ़ें - राजनीति और अर्थशास्त्र से लेकर विज्ञान-तकनीक और स्वास्थ्य तक।

ज़ेलेंस्की भारत और शेष ग्लोबल साउथ से पूरी तरह से अलग हो चुके हैं: विशेषज्ञ

Zelensky is completely disconnected from India and the rest of the Global South
Zelensky is completely disconnected from India and the rest of the Global South - Sputnik भारत, 1920, 29.10.2024
सब्सक्राइब करें
हाल ही में कज़ान में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन और भारत-रूस संबंधों की वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की की आलोचना ने भारत के रणनीतिक समुदाय के सदस्यों की नाराजगी को आकर्षित किया है, जिन्होंने उन्हें "भ्रमित" बताया है।
ज़ेलेंस्की ने इस सप्ताह टाइम्स ऑफ इंडिया को इंटरव्यू देते हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को "विफल" बताया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी "युद्ध की समाप्ति को प्रभावित करने" के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहे हैं।
इस बीच, ब्रिक्स और भारत-रूस संबंधों पर ज़ेलेंस्की और भारत के रुख के बीच अंतर को उजागर करते हुए पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री के सहयोगी सुधीन्द्र कुलकर्णी ने Sputnik India को बताया कि ज़ेलेंस्की वर्तमान वैश्विक वास्तविकताओं को अच्छी तरह से नहीं समझते हैं।

कुलकर्णी ने कहा, "सच कहूं तो वोलोडिमर ज़ेलेंस्की भ्रम में हैं। टाइम्स ऑफ़ इंडिया को दिए गए उनके लंबे साक्षात्कार से पता चलता है कि वह सामान्य रूप से विश्व की राजनीतिक वास्तविकताओं से तथा विशेष रूप से भारत और शेष ग्लोबल साउथ से पूरी तरह से अलग हो चुके हैं। ज़ेलेंस्की द्वारा ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को "विफलता" बताना यह दर्शाता है कि उन्हें अपने झूठ पर विश्वास करना पसंद है।"

उन्होंने आगे कहा कि रूस में हाल ही में संपन्न ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को ब्रिक्स के इतिहास में सबसे सफल शिखर सम्मेलन माना जा रहा है। चर्चा में शामिल हर प्रमुख मुद्दे पर पूर्ण सर्वसम्मति थी। ब्रिक्स में सम्मिलित होने के इच्छुक ग्लोबल साउथ के देशों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।

कुलकर्णी ने कहा कि ज़ेलेंस्की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रूसी अर्थव्यवस्था, रूस के "सस्ते" ऊर्जा संसाधनों, रक्षा-औद्योगिक परिसर को अवरुद्ध करने के लिए कहने में अवास्तविक हैं, जिससे "हमारे विरुद्ध युद्ध छेड़ने की मास्को की क्षमता में कमी आएगी"। ज़ेलेंस्की यह भूल जाता है कि रूस रूस, हर अच्छे-बुरे समय में भारत का परखा हुआ मित्र है।

कुलकर्णी ने साथ ही कहा कि रूस के साथ भारत का आर्थिक और रक्षा सहयोग हमारी महत्वपूर्ण राष्ट्रीय आवश्यकताओं और हितों से प्रेरित है।

कुलकर्णी ने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा, "अमेरिका के पक्षपातपूर्ण हितों से प्रेरित एक आत्म-भ्रामक मार्ग पर चलने के बजाय ज़ेलेंस्की को नाटो सदस्यता के सपने को त्याग देना चाहिए और रूस के साथ एक सम्मानजनक शांति समझौते पर पहुँचाना चाहिए। भारत निश्चित रूप से ऐसे कदम का समर्थन करेगा।"

Церемония совместного фотографирования глав делегаций стран БРИКС в рамках XVI саммита БРИКС в Казани - Sputnik भारत, 1920, 28.10.2024
विश्व
ब्रिक्स 'एशियाई शताब्दी' की शुरुआत में सहायता कर सकता है: शीर्ष थाई राजनयिक
न्यूज़ फ़ीड
0
loader
चैट्स
Заголовок открываемого материала