डिफेंस
भारतीय सेना, इसके देशी और विदेशी भागीदारों और प्रतिद्वन्द्वियों की गरमा गरम खबरें।

चार साल बाद भारतीय सैनिकों ने डेपसांग मैदान में की गश्त

© AP Photo / Mukhtar KhanAn Indian army helicopter hovers over the town of Leh, Ladakh, India, Thursday, Sept. 15, 2022.
An Indian army helicopter hovers over the town of Leh, Ladakh, India, Thursday, Sept. 15, 2022.  - Sputnik भारत, 1920, 05.11.2024
सब्सक्राइब करें
भारत और चीन के मध्य नियंत्रण रेखा यानि एलएसी पर गश्त लगाने पर हुए समझौते के बाद 4 नवंबर को भारतीय सेना ने पहली बार डेपसांग मैदान के एक पेट्रोलिंग प्वाइंट पर गश्त लगाई।
भारतीय सेना की लेह स्थित 14वीं कोर ने एक्स पर यह जानकारी देते हुए बताया कि सैनिकों ने गई घंटों तक गश्त लगाई और अपना निर्धारित रास्ता पूरा किया। समझौते के अनुसार, चीनी सेना को गश्ती दल की संख्या, समय और उनके मार्ग के बारे में पूर्व सूचना दे दी गई।
भारतीय सेना के गश्ती दल में 15 सैनिक थे और उन्होंने बताया है कि गश्त के दौरान उन्हें किसी प्रकार की रुकावट का सामना नहीं करना पड़ा है।
डेपसांग मैदान में पांच पेट्रोलिंग प्वाइंट पीपी10, पीपी 11, पीपी 11 ए, पीपी 12 और पीपी 13 हैं। इन सभी पेट्रोलिंग प्वाइंट्स पर मई 2020 के बाद से पेट्रोलिंग नहीं हुई है। रूस में होने वाली ब्रिक्स बैठक के ठीक पहले दोनों देशों के मध्य लद्दाख के डेमचौक और डेपसांग मैदानों में सैनिकों की वापसी और गश्त लगाने का कार्य आरंभ करने का समझौता हुआ था।
5 मई 2020 को भारतीय और चीनी सेनाओं के मध्य पूर्वी लद्दाख में तनाव उत्पन्न हो गया था। दोनों ही देशों ने 50-50 हज़ार सैनिक आमने-सामने नियुक्त कर दिए थे। तनाव को समाप्त करने के लिए सैनिक और कूटनीतिक दोनों ही स्तर पर चर्चाएँ चल रही थीं।

21 अक्टूबर को हुए समझौते के अनुसार डेपसांग मैदान के पाँच, डेमचौक के दो स्थानों से सैनिकों की वापसी और गश्त पुनः आरंभ करने पर समझौता हुआ था। सैनिकों की वापसी 31 अक्टूबर तक पूरी हो गई थी और दोनों ही जगहों पर ज़मीन पर जाकर इसकी पुष्टि के लिए होने वाली गश्त पिछले सप्ताह ही कर ली गई थी। चीनी सैनिकों ने डेमचौक में एक बार गश्त कर ली है परंतु अभी उन्होंने डेपसांग मैदान में गश्त नहीं की है।

समझौते के अनुसार, दोनों सेनाएँ गश्त के बारे में कम से कम एक दिन पहले सूचना देंगी जिससे कि किसी प्रकार के टकराव की आशंका न हो। पूर्वी लद्दाख में गलवान, पेंगांग झील के उत्तरी किनारे, हॉट स्प्रिंग, गोगरा में पहले हुए समझौते के अनुसार बफर ज़ोन बनाए गए हैं जहां कोई सेना गश्त नहीं करती। संभावना है कि यहाँ पर गश्त करने के बारे में दोनों देश भविष्य में चर्चा द्वारा समझौते करने का प्रयास करेंगे।
Indian army vehicles move in a convoy in the cold desert region of Ladakh, India - Sputnik भारत, 1920, 30.10.2024
डिफेंस
लद्दाख में सेना की वापसी पूरी, सीमा पर मिठाई बांटकर मनाई जाएगी दीवाली
न्यूज़ फ़ीड
0
loader
चैट्स
Заголовок открываемого материала