https://hindi.sputniknews.in/20250107/did-false-claims-against-india-force-trudeau-to-resign-8633409.html
क्या भारत के खिलाफ झुठे दावों के चलते ट्रूडो को इस्तीफा देना पड़ा?
क्या भारत के खिलाफ झुठे दावों के चलते ट्रूडो को इस्तीफा देना पड़ा?
Sputnik भारत
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा पिछले एक साल में दिए गए बयान और उनके द्वारा लिए गए निर्णय सवालों के घेरे में रहे जिसकी वजह से उन पर इस्तीफा देने के लिए दवाब लगातार बढ़ता जा रहा था, और उन्होंने अपने पद से इस्तीफे के घोषणा कर दी।
2025-01-07T16:01+0530
2025-01-07T16:01+0530
2025-01-07T18:29+0530
sputnik स्पेशल
भारत
भारत सरकार
भारत का विकास
दिल्ली
कनाडा
कनाडा के प्रधानमंत्री
भारत-कनाडा विवाद
जस्टिन ट्रूडो
नरेन्द्र मोदी
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/09/14/4349745_0:0:3074:1730_1920x0_80_0_0_25940dbeaa55593f86331977759f453c.jpg
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा पिछले एक साल में दिए गए बयान और उनके द्वारा लिए गए निर्णय सवालों के घेरे में रहे जिसकी वजह से उन पर इस्तीफा देने के लिए दवाब लगातार बढ़ता जा रहा था और उन्होंने अपने पद से इस्तीफे की घोषणा कर दी।पिछले कई महीनों से पार्टी के अंदर ट्रूडो की लगातार आलोचना की जा रही थी, जिसके कारण उन्हें राजनीतिक रूप से अलग-थलग कर दिया गया। इसके अलावा उनके इस पतन के पीछे का एक कारण खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने जैसे विवादास्पद आरोपों को माना जा रहा है।भारत के पूर्व राजनयिक और राजदूत रहे के.पी. फैबियन ने Sputnik इंडिया को बताया कि भारत के खिलाफ दिए गए प्रधानमंत्री ट्रूडो के आरोपों का समर्थन फाइव आईज देशों में से चार देशों - संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूके और न्यूजीलैंड ने किया। हालांकि, इससे कनाडा के अन्य देशों के साथ संबंधों पर कोई खास असर नहीं पड़ा। लेकिन उनके बयानों का असली असर कनाडा की अर्थव्यवस्था पर पड़ा, जो लगभग विनाशकारी रूप से प्रभावित हुई।जब विदेशी मामलों के जानकार से पूछा गया कि ट्रूडो के इस्तीफे के पीछे भारत के खिलाफ उनके बयान और भारतीय छात्रों को लक्षित करने वाली उनकी रणनीतियां रहीं तो उन्होंने कहा कि हमें उनके इस्तीफे की व्यापक तस्वीर पर विचार करने की आवश्यकता है। एक साल से अधिक समय से उनकी लोकप्रियता में मुख्य रूप से आवास की बढ़ती कीमतों और मुद्रास्फीति के कारण गिरावट आ रही थी।भारत के खिलाफ ट्रूडो के झुठे दावों के बारे में पूर्व राजदूत के.पी. फैबियन कहते हैं कि वह इसे सीधे तौर पर एक रणनीतिक गलती नहीं कहेंगे, लेकिन यह कहना उचित है कि उनका राजनीतिक अस्तित्व न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थन पर निर्भर था, जिसने उनसे भारत की खुले तौर पर आलोचना करने की अपेक्षा की थी।
https://hindi.sputniknews.in/20241203/trump-suggests-canada-become-51-us-state-governed-by-trudeau-reports-8489345.html
भारत
दिल्ली
कनाडा
अमेरिका
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
2025
धीरेंद्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/135790_0:0:719:720_100x100_80_0_0_8e4e253a545aa4453ae659b236312d73.jpg
धीरेंद्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/135790_0:0:719:720_100x100_80_0_0_8e4e253a545aa4453ae659b236312d73.jpg
खबरें
hi_IN
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/09/14/4349745_257:0:2988:2048_1920x0_80_0_0_17db8b42ff802a2d54284cb85e9305d4.jpgSputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
धीरेंद्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/135790_0:0:719:720_100x100_80_0_0_8e4e253a545aa4453ae659b236312d73.jpg
कनाडा का प्रधानमंत्री, जस्टिन ट्रूडो, जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा, जस्टिन ट्रूडो के भारत के खिलाफ बयान, जस्टिन ट्रूडो पर इस्तीफे का दवाब,canadian prime minister, justin trudeau, justin trudeau's resignation, justin trudeau's statement against india, pressure on justin trudeau to resign,
कनाडा का प्रधानमंत्री, जस्टिन ट्रूडो, जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा, जस्टिन ट्रूडो के भारत के खिलाफ बयान, जस्टिन ट्रूडो पर इस्तीफे का दवाब,canadian prime minister, justin trudeau, justin trudeau's resignation, justin trudeau's statement against india, pressure on justin trudeau to resign,
क्या भारत के खिलाफ झुठे दावों के चलते ट्रूडो को इस्तीफा देना पड़ा?
16:01 07.01.2025 (अपडेटेड: 18:29 07.01.2025) प्रधानमंत्री ट्रूडो द्वारा सोमवार को इस्तीफे की घोषणा के बाद Sputnik इंडिया ने पूर्व राजनयिक और विदेशी मामलों के जानकार से इसके पीछे के कारणों का विश्लेषण किया।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा पिछले एक साल में दिए गए बयान और उनके द्वारा लिए गए निर्णय सवालों के घेरे में रहे जिसकी वजह से उन पर इस्तीफा देने के लिए दवाब लगातार बढ़ता जा रहा था और उन्होंने अपने पद से इस्तीफे की घोषणा कर दी।
कनाडाई नेता ने अपने फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि जैसे ही उनकी पार्टी एक नया नेता चुनती है, वे पद छोड़ देंगे, क्योंकि चुनावों में गिरावट और आंतरिक विभाजन ने उन्हें प्रभावित किया है।
पिछले कई महीनों से पार्टी के अंदर ट्रूडो की लगातार आलोचना की जा रही थी, जिसके कारण उन्हें राजनीतिक रूप से अलग-थलग कर दिया गया। इसके अलावा उनके इस पतन के पीछे का एक कारण खालिस्तानी आतंकवादी
हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने जैसे विवादास्पद आरोपों को माना जा रहा है।
भारत के पूर्व राजनयिक और
राजदूत रहे के.पी. फैबियन ने Sputnik इंडिया को बताया कि भारत के खिलाफ दिए गए प्रधानमंत्री ट्रूडो के आरोपों का समर्थन फाइव आईज देशों में से चार देशों - संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूके और न्यूजीलैंड ने किया। हालांकि, इससे कनाडा के अन्य देशों के साथ संबंधों पर कोई खास असर नहीं पड़ा। लेकिन उनके बयानों का असली असर
कनाडा की अर्थव्यवस्था पर पड़ा, जो लगभग विनाशकारी रूप से प्रभावित हुई।
पूर्व राजदूत के.पी. फैबियन ने बताया, "कनाडा जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में भारी कमी आई और इससे पहले भी कई भारतीय और अन्य अंतरराष्ट्रीय छात्र आवास खोजने के लिए संघर्ष कर रहे थे। चूंकि कनाडा की उच्च शिक्षा प्रणाली भारतीय छात्रों की बड़ी संख्या पर निर्भर करती है, इसलिए इस स्थिति का कनाडा पर महत्वपूर्ण आर्थिक प्रभाव पड़ा।"
जब विदेशी मामलों के जानकार से पूछा गया कि ट्रूडो के इस्तीफे के पीछे
भारत के खिलाफ उनके बयान और भारतीय छात्रों को लक्षित करने वाली उनकी रणनीतियां रहीं तो उन्होंने कहा कि हमें उनके इस्तीफे की व्यापक तस्वीर पर विचार करने की आवश्यकता है। एक साल से अधिक समय से उनकी लोकप्रियता में मुख्य रूप से आवास की बढ़ती कीमतों और मुद्रास्फीति के कारण गिरावट आ रही थी।
उन्होंने बताया, "राष्ट्रपति ट्रम्प की चुनावी जीत ने इस गिरावट को और बढ़ा दिया। ट्रूडो के साथ उनका विवादास्पद रात्रिभोज, जिसके बाद ट्रम्प ने उन्हें एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर "गवर्नर जस्टिन ट्रूडो" के रूप में संदर्भित किया, जिसका अर्थ था कि कनाडा एक अमेरिकी राज्य है, ने उनकी चुनौतियों को और बढ़ा दिया। आम धारणा थी कि ट्रूडो कनाडा पर उच्च टैरिफ लगाने की ट्रम्प की धमकियों से उत्पन्न संकट को संभालने में असमर्थ थे।"
भारत के खिलाफ
ट्रूडो के झुठे दावों के बारे में पूर्व राजदूत के.पी. फैबियन कहते हैं कि वह इसे सीधे तौर पर एक रणनीतिक गलती नहीं कहेंगे, लेकिन यह कहना उचित है कि उनका राजनीतिक अस्तित्व न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थन पर निर्भर था, जिसने उनसे भारत की खुले तौर पर आलोचना करने की अपेक्षा की थी।
पूर्व राजदूत के.पी. फैबियन ने जोर देकर कहा, "यह सच है कि भारतीय प्रवासी, विशेष रूप से हिंदू समुदाय, ट्रूडो की आलोचना करता था। उनके खिलाफ विरोध और आंदोलन हुए और भारतीय मूल के राजनीतिक नेताओं ने भी अपना असंतोष व्यक्त किया। हालांकि, ये आरोप उनके पतन में योगदान देने वाली बड़ी ताकतों का एक हिस्सा मात्र थे। यद्यपि उन्होंने भूमिका निभाई, लेकिन वे उनके इस्तीफे का निर्णायक कारक नहीं थे।"