डिफेंस
भारतीय सेना, इसके देशी और विदेशी भागीदारों और प्रतिद्वन्द्वियों की गरमा गरम खबरें।

इस साल भारतीय सेना को मिलेंगी 70000 स्वदेशी AK-203 राइफलें

© Photo : YouTube/ Kalashnikov Group AK-203 Assault Rifle
AK-203 Assault Rifle - Sputnik भारत, 1920, 05.02.2025
सब्सक्राइब करें
भारतीय सेना को 2025 में भारत में निर्मित कुल 70,000 AK-203 राइफलें मिल जाएंगी और इनमें 30 प्रतिशत पुर्ज़े स्वदेशी होंगे, सूत्र ने कहा।
उच्च पदस्थ रक्षा सूत्र ने Sputnik India को बताया है कि 2026 में एक लाख AK-203 राइफलें सेना को सौंपने का लक्ष्य है जिसमें स्वदेशीकरण का हिस्सा 50 प्रतिशत होगा।

2024 में सेना को 35,000 AK-203 दे दी गई हैं जिनका प्रयोग भारतीय सैनिक कर रहे हैं। AK-203 भारत और रूस का साझा उत्पादन है जिसे उत्तरप्रदेश के अमेठी के पास कोरवा के प्लांट में बनाया जा रहा है। अभी कुल 670,000 राइफलें बनाने का समझौता किया गया है। इन राइफलों को भारतीय सेना के अलावा नौसेना और वायुसेना को भी दिया जाएगा।

भारतीय सेनाएं लंबे समय से AK सीरीज़ की राइफलें इस्तेमाल करती रही हैं खास तौर पर आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों और स्पेशल फोर्सेज़ के ऑपरेशनों में। लेकिन अब भारतीय सेना इन राइफलों को अपने स्टैंडर्ड इश्यू वैपन के तौर पर इस्तेमाल करने की तैयारी में है।
90 के दशक से भारतीय सेना स्टैंडर्ड इश्यू वैपन के तौर पर स्वदेशी 5.56mm कैलिबर की इंसास (INSAS) राइफलें इस्तेमाल करती है। 400 मीटर तक की रेंज वाली इंसास राइफलों में 20 राउंड की मैगज़ीन है लेकिन ब्रस्ट फ़ायर की सुविधा नहीं है।
AK-203 का कैलिबर 7.62mm है और इसकी रेंज 400 से 800 मीटर की है। इसमें 30 राउंड की मैगज़ीन लगती है जिसे ज़रूरत के मुताबिक बढ़ाकर 50 राउंड का किया जा सकता है। इसमें कई तरह की साइट्स लगाकर इसे दिन और रात हर समय काम करने के लिए कारगर बनाया जा सकता है।
AK सीरीज़ की राइफलों की मज़बूती, इस्तेमाल में आसानी और विश्वसनीयता के कारण ये भारतीय सुरक्षा बलों का पसंदीदा हथियार है।
AK-19 assault rifle presented by Kalashnikov during the ARMY-2020 exhibition in Kubinka, a suburb of Moscow, Russia. - Sputnik भारत, 1920, 27.01.2025
रूस की खबरें
रूसी ब्रैन्ड कलाश्निकोव ने AK-12 के दो नए मॉडल पेश किए
न्यूज़ फ़ीड
0
loader
चैट्स
Заголовок открываемого материала