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भारतीय नौसेना की नई ताक़त, 28 मई को रूस से मिलेगा नया युद्धपोत तमाल: रक्षा सूत्र
भारतीय नौसेना की नई ताक़त, 28 मई को रूस से मिलेगा नया युद्धपोत तमाल: रक्षा सूत्र
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रूस के यांतर शिपयार्ड में बन रहे तलवार श्रेणी के तीसरे बैच का दूसरा युद्धपोत तमाल 28 मई को भारतीय नौसेना को मिल जाएगा। इसे जून में भारतीय नौसेना को सौंपा जाएगा।
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इस श्रेणी का पहला युद्धपोत आईएनएस तुशील दिसंबर में भारतीय नौसेना में शामिल हुआ था और इस समय अरब सागर में तैनात है। तमाल भी एक स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट है यानी दुश्मन के रडार के लिए इसे पकड़ पाना बहुत मुश्किल है।भारत और रूस के बीच 2018 में तलवार श्रेणी के तीसरे बैच के चार युद्धपोतों के निर्माण का समझौता हुआ था। इनमें से दो का निर्माण रूस में और दो का भारत में गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में होना है। भारत में तलवार क्लास के युद्धपोतों का भारतीय नौसेना में शामिल होना 2003 से शुरू हो गया था और इस श्रेणी के 7 जंगी जहाज़ तलवार, त्रिशूल, तबर, तेग, तरकश, त्रिकंड और तुशील इस समय भारतीय नौसेना में सेवारत हैं। इस गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट को ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस किया गया है, जिससे इसे दुश्मन के जहाज़ों और ज़मीनी ठिकानों पर हमला करने की ज़बरदस्त शक्ति मिलती है। इनकी अधिकतम रफ्तार 30 नॉटिकल मील प्रति घंटे की है और इस रफ्तार से ये एक बार में 3000 किमी तक की दूरी तय कर सकते हैं।समुद्र की सतह पर नज़र रखने के लिए लगाए गए रडार और पानी के अंदर तलाश करने के लिए लगाए गए सोनार अत्याधुूनिक हैं। जहाज़ में लगा कॉम्बेट मैनेजमेंट सिस्टम हर हथियार को कम समय में कारगर ढंग से इस्तेमाल करने में मदद करता है।
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भारतीय नौसेना की नई ताक़त, 28 मई को रूस से मिलेगा नया युद्धपोत तमाल: रक्षा सूत्र
19:58 05.05.2025 (अपडेटेड: 12:47 06.05.2025) रूस के यांतर शिपयार्ड में बन रहे तलवार श्रेणी के तीसरे बैच का दूसरा युद्धपोत तमाल 28 मई को भारतीय नौसेना को मिल जाएगा, रक्षा सूत्रों ने Sputnik India को बताया। पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि इसे जून में भारतीय नौसेना को सौंपा जाएगा।
इस श्रेणी का पहला युद्धपोत आईएनएस तुशील दिसंबर में भारतीय नौसेना में शामिल हुआ था और इस समय अरब सागर में तैनात है। तमाल भी एक स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट है यानी दुश्मन के रडार के लिए इसे पकड़ पाना बहुत मुश्किल है।
भारत और रूस के बीच 2018 में तलवार श्रेणी के तीसरे बैच के चार युद्धपोतों के निर्माण का समझौता हुआ था। इनमें से दो का निर्माण रूस में और दो का भारत में गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में होना है। भारत में तलवार क्लास के युद्धपोतों का भारतीय नौसेना में शामिल होना 2003 से शुरू हो गया था और इस श्रेणी के 7 जंगी जहाज़ तलवार, त्रिशूल, तबर, तेग, तरकश, त्रिकंड और तुशील इस समय भारतीय नौसेना में सेवारत हैं।
तलवार श्रेणी के ये सभी युद्धपोत इस समय अरब सागर में तैनात हैं। इनमें से से चार को लंबी दूरी तक मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस किया जा चुका है जबकि बाकी दो को जल्द ही ब्रह्मोस से लैस कर दिया जाएगा।
इस गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट को
ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस किया गया है, जिससे इसे दुश्मन के जहाज़ों और ज़मीनी ठिकानों पर हमला करने की ज़बरदस्त शक्ति मिलती है। इनकी अधिकतम रफ्तार 30 नॉटिकल मील प्रति घंटे की है और इस रफ्तार से ये एक बार में 3000 किमी तक की दूरी तय कर सकते हैं।
इसमें हवाई हमले से सुरक्षा के लिए मध्यम दूरी तक मार करने वाली श्टिल और कम दूरी पर सुरक्षा के लिए इगला मिसाइल सिस्टम लगाए गए हैं। दुश्मन की सबमरीन से निबटने के लिए जहाज़ में एंटी सबमरीन रॉकेट्स और टॉरपीडो लगाए गए हैं।
समुद्र की सतह पर नज़र रखने के लिए लगाए गए रडार और पानी के अंदर तलाश करने के लिए लगाए गए सोनार अत्याधुूनिक हैं। जहाज़ में लगा कॉम्बेट मैनेजमेंट सिस्टम हर हथियार को कम समय में कारगर ढंग से इस्तेमाल करने में मदद करता है।