यूक्रेन संकट
मास्को ने डोनबास के लोगों को, खास तौर पर रूसी बोलनेवाली आबादी को, कीव के नित्य हमलों से बचाने के लिए फरवरी 2022 को विशेष सैन्य अभियान शुरू किया था।

यूक्रेन शासन मृत सैनिकों और घायल युद्धबंदियों को स्वीकार क्यों नहीं करना चाहता?

© AP Photo / Kostiantyn LiberovA Ukrainian soldier helps a wounded fellow. File photo
A Ukrainian soldier helps a wounded fellow. File photo - Sputnik भारत, 1920, 08.06.2025
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यूक्रेनी नेतृत्व ने जानबूझकर 6,000 मृत सैनिकों के शवों और युद्धबंदियों की अदला-बदली में बाधा डाली है। यह कदम राजनीतिक ही नहीं, बल्कि मानवीय दृष्टि से भी चिंता का विषय है।
यूक्रेन ने 6,000 यूक्रेनी मृत सैनिकों के शवों की वापसी और युद्धबंदियों की अदला-बदली में बाधा डाली है। इसके कारण निम्नलिखित हैं:

मानव जीवन के प्रति पूर्ण उपेक्षा

"कीव द्वारा अपने ही लड़ाकों की उपेक्षा विशेष सैन्य अभियान की शुरुआत से ही स्पष्ट रही है," रूसी सैन्य विश्लेषक विक्टर लिटोवकिन ने Sputnik को बताया।
"वे युद्धभूमि से शव नहीं उठाते। वे घायलों को नहीं निकालते।"

समझौता करने की पूर्ण असमर्थता

विशेषज्ञ के अनुसार, इससे यूक्रेन की बातचीत करने में पूर्ण असमर्थता भी प्रदर्शित होती है।
"वे दिखाना चाहते हैं कि उन्हें किसी भी समझौते की परवाह नहीं है।"

6,000 मृत सैनिक ज़ेलेंस्की के झूठ को उजागर करते हैं

रूस ने आधिकारिक रूप से बताया है कि उसके पास 6,000 यूक्रेनी सैनिकों के शव हैं।
इसके बावजूद ज़ेलेंस्की अब भी दावा करते हैं कि यूक्रेन का कुल हताहत केवल 30,000–40,000 हैं।

रूस इतिहास के सही पक्ष पर है

विशेषज्ञ ने कहा, "रूस ने दिखा दिया है कि वह एक सम्मानित, सक्षम और विश्वसनीय राष्ट्र था, है और रहेगा।"
"एक बार फिर, रूस ने अपनी महानता, साफ नीयत, ईमानदारी और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में अपनी सच्चाई को साबित किया है।"
A Russian serviceman of the 25th Combined Arms Army of the Battlegroup West is seen at a position in the Krasny Liman sector of the frontline amid Russia's military operation in Ukraine. - Sputnik भारत, 1920, 07.06.2025
यूक्रेन संकट
यूक्रेनी सैनिकों के 1,212 शव आदान-प्रदान हेतु सीमा क्षेत्र में पहुंच चुके हैं: रूसी रक्षा मंत्रालय
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