https://hindi.sputniknews.in/20250610/afghanistan-announces-renewal-of-border-line-with-neighbouring-countries-9265160.html
अफगानिस्तान ने पड़ोसी देशों के साथ सीमा रेखा के नवीनीकरण की घोषणा की
अफगानिस्तान ने पड़ोसी देशों के साथ सीमा रेखा के नवीनीकरण की घोषणा की
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तालिबान के सीमा, जातीयता और जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने अफगानिस्तान के साथ सीमा साझा करने वाले देशों के साथ सीमा चिह्नों के पुनर्वास के प्रयासों की घोषणा की है।
2025-06-10T12:39+0530
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मंत्रालय के प्रवक्ता तस्लीमुल्लाह हक्कानी ने कि अफगानिस्तान के साथ आधिकारिक रूप से सीमा साझा करने वाले पड़ोसी देशों के साथ सीमा चिह्नों के नवीनीकरण और पुनर्निर्माण के संबंध में बातचीत चल रही है।साथ ही उन्होंने कहा कि "हम देश की सीमाओं को संरक्षित करने, जीरो लाइन को सटीक रूप से निर्धारित करने एवं जीरो लाइन के कुछ क्षेत्रों में हुए उल्लंघनों की जांच करने के लिए अपने साझेदार संस्थानों के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं।"बता दें कि अफ़गानिस्तान छह देशों ईरान, तुर्कमेनिस्तान, उज़बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा साझा करता है, किन्तु पाकिस्तान के साथ डूरंड रेखा दशकों से विवाद का विषय रही है और अफ़गानिस्तान इसे आधिकारिक सीमा के रूप में मान्यता नहीं देते हैं।*संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के अधीन
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तालिबान के मंत्रालय, अफगानिस्तान के साथ सीमा विवाद, अफगानिस्तान के साथ सीमा साझा करने वाले देश, सीमा चिह्नों के पुनर्वास, सीमा चिह्नों के नवीनीकरण, जीरो लाइन, क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा, डूरंड रेखा, डूरंड रेखा पर विवाद, आधिकारिक सीमा के रूप में मान्यता
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अफगानिस्तान ने पड़ोसी देशों के साथ सीमा रेखा के नवीनीकरण की घोषणा की
तालिबान* के सीमा, जातीयता और जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने अफगानिस्तान के साथ सीमा साझा करने वाले देशों के साथ सीमा चिह्नों के पुनर्वास के प्रयासों की घोषणा की है।
मंत्रालय के प्रवक्ता तस्लीमुल्लाह हक्कानी ने कि अफगानिस्तान के साथ आधिकारिक रूप से सीमा साझा करने वाले पड़ोसी देशों के साथ सीमा चिह्नों के नवीनीकरण और पुनर्निर्माण के संबंध में बातचीत चल रही है।
"हालांकि यह प्रक्रिया संवेदनशील और समय लेने वाली है, लेकिन मंत्रालय और आधिकारिक निकाय 'जीरो लाइन' को सटीक रूप से निर्धारित करने और देश की क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं, मंत्रालय के प्रवक्ता ने जोर देकर कहा।
साथ ही उन्होंने कहा कि "हम देश की सीमाओं को संरक्षित करने, जीरो लाइन को सटीक रूप से निर्धारित करने एवं जीरो लाइन के कुछ क्षेत्रों में हुए उल्लंघनों की जांच करने के लिए अपने साझेदार संस्थानों के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं।"
इसके अलावा हक्कानी ने कहा कि "इस्लामिक अमीरात ने पाकिस्तान के साथ डूरंड रेखा पर बसे अफगानों की समस्याओं के समाधान के लिए बजट आवंटित किया है।"
बता दें कि अफ़गानिस्तान छह देशों ईरान, तुर्कमेनिस्तान, उज़बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा साझा करता है, किन्तु पाकिस्तान के साथ डूरंड रेखा दशकों से
विवाद का विषय रही है और अफ़गानिस्तान इसे आधिकारिक सीमा के रूप में मान्यता नहीं देते हैं।
*संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के अधीन