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भारतीय सेना को अपाचे की एक साल से प्रतीक्षा, अमेरिका से नहीं आया एक भी हेलीकॉप्टर
भारतीय सेना को अपाचे की एक साल से प्रतीक्षा, अमेरिका से नहीं आया एक भी हेलीकॉप्टर
Sputnik भारत
भारतीय सेना इस समय अमेरिका से आने वाले अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर्स की प्रतीक्षा कर रही है। इन लड़ाकू हेलीकॉप्टर्स के आने में एक साल की देरी हो चुकी है और अब यह... 16.06.2025, Sputnik भारत
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फरवरी 2020 को भारतीय सेना के लिए अमेरिका से 600 मिलियन डॉलर में 6 अपाचे हेलीकॉप्टर्स का सौदा हुआ था। 3 हेलीकॉप्टर का पहला बैच मई-जून 2024 में भारतीय सेना को मिल जाना था। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार इस देरी का कारण भी सप्लाई चेन में विलंब बताया जा रहा है। यही कारण भारत के पहले स्वदेशी लड़ाकू जेट तेजस मार्क1(A) में लगने वाले GE F-404 इंजन के मिलने में साल भर से ज्यादा की देरी का भी बताया गया है।रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ 83 नए तेजस मार्क1(A) खरीदने का सौदा किया है जो 2024 में ही भारतीय वायुसेना को मिलने प्रारंभ हो जाने थे लेकिन अब तक उनकी सप्लाई सुनिश्चित नहीं हो पाई है, क्योंकि अमेरिका ने इंजन की आपूर्ति नहीं की है।भारतीय सेना के पास रूसी मूल के पुराने MI-25/35 लड़ाकू हेलीकॉप्टर्स के अलावा स्वदेशी एएलएच ध्रुव पर शस्त्र लगाकर बनाए गए रुद्र हेलीकॉप्टर हैं। भारतीय सेना ने 5 स्वदेशी लड़ाकू हेलीकॉप्टर प्रचंड भी खरीदे हैं और उन्हें पूर्व में मिसामारी में तैनात किया गया है। लेकिन पश्चिमी सीमा पर अभी भी टैंक रोधी हेलीकॉप्टर की कमी बनी हुई है।
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भारत, भारतीय रक्षा मंत्रालय, भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना, पाकिस्तान, अमेरिकी, रूस, लड़ाकू हेलीकॉप्टर
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भारतीय सेना को अपाचे की एक साल से प्रतीक्षा, अमेरिका से नहीं आया एक भी हेलीकॉप्टर
भारतीय सेना इस समय अमेरिका से आने वाले अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर्स की प्रतीक्षा कर रही है। इन लड़ाकू हेलीकॉप्टर्स के आने में एक साल की देरी हो चुकी है और अब यह भी तय नहीं है कि इनका आना कब से प्रारंभ होगा।
फरवरी 2020 को भारतीय सेना के लिए अमेरिका से 600 मिलियन डॉलर में 6 अपाचे हेलीकॉप्टर्स का सौदा हुआ था। 3 हेलीकॉप्टर का पहला बैच मई-जून 2024 में भारतीय सेना को मिल जाना था।
भारतीय सेना ने मार्च 2024 को राजस्थान के जोधपुर में अपाचे हेलीकॉप्टर्स की पहली स्क्वाड्रन भी बना दी। लेकिन एक साल बाद भी भारतीय सेना को एक भी अपाचे नहीं मिल पाया है साथ ही इनके मिलने की कोई समय सीमा भी स्पष्ट नहीं है।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार इस देरी का कारण भी सप्लाई चेन में विलंब बताया जा रहा है। यही कारण भारत के पहले
स्वदेशी लड़ाकू जेट तेजस मार्क1(A) में लगने वाले GE F-404 इंजन के मिलने में साल भर से ज्यादा की देरी का भी बताया गया है।
रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ 83 नए तेजस मार्क1(A) खरीदने का सौदा किया है जो 2024 में ही भारतीय वायुसेना को मिलने प्रारंभ हो जाने थे लेकिन अब तक उनकी सप्लाई सुनिश्चित नहीं हो पाई है, क्योंकि अमेरिका ने इंजन की आपूर्ति नहीं की है।
भारतीय सेना के पास रूसी मूल के पुराने MI-25/35 लड़ाकू हेलीकॉप्टर्स के अलावा
स्वदेशी एएलएच ध्रुव पर शस्त्र लगाकर बनाए गए रुद्र हेलीकॉप्टर हैं। भारतीय सेना ने 5 स्वदेशी लड़ाकू हेलीकॉप्टर प्रचंड भी खरीदे हैं और उन्हें पूर्व में मिसामारी में तैनात किया गया है। लेकिन पश्चिमी सीमा पर अभी भी टैंक रोधी हेलीकॉप्टर की कमी बनी हुई है।