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जुलाई तक तेजस मार्क 1(A) के परीक्षण होंगे पूरे, इसी साल वायुसेना को मिलने की आशा
जुलाई तक तेजस मार्क 1(A) के परीक्षण होंगे पूरे, इसी साल वायुसेना को मिलने की आशा
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हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) स्वदेशी लड़ाकू जेट तेजस मार्क 1(A) के पहले एयरक्राफ्ट के सभी परीक्षण जुलाई तक पूरे कर लेगा। HAL के सूत्रों ने Sputnik... 17.06.2025, Sputnik भारत
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इस जेट को 100 किमी से ज्यादा दूर तक हवा से हवा में प्रहार करने वाली स्वदेशी Astra mark 1 के अलावा 25 किमी तक हवा से हवा में मार करने वाली Advanced Short Range Air-to-Air Missile (ASRAAM) से सुसज्जित किया गया है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर के लिए आधुनिक प्रबंध किए गए हैं और बेहतर रडार लगाया गया है। तेजस के इस अत्याधुनिक संस्करण तेजस मार्क 1(A) के इस साल के अंत तक भारतीय वायुसेना को मिल जाने की आशा है। इस जेट की भारतीय वायुसेना को बहुत लंबे समय से प्रतीक्षा है।पहले स्वदेशी लड़ाकू जेट तेजस मार्क 1(A) को वायुसेना को सौंपे जाने में अब तक एक साल से ज्यादा की देरी हो चुकी है। इसका कारण अमेरिका से GE F-404 इंजनों का न आना है और इसके कारण भारतीय वायुसेना को लड़ाकू विमानों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन अब अमेरिका ने भरोसा दिलाया है कि इंजन की सप्लाई सुचारू रूप से होगी। अमेरिका से पहला इंजन अप्रैल में HAL को मिल गया है, दो अन्य के जुलाई में मिलने की संभावना है। अमेरिका ने अगस्त से दिसंबर तक शेष इंजन भेजने का आश्वासन दिया है।भारतीय वायुसेना इस समय लड़ाकू स्क्वाड्रन की कमी से जूझ रही है। दो मोर्चों पर युद्ध के लिए स्वीकृत 42 स्क्वाड्रन के स्थान पर उसके पास केवल 31 स्क्वाड्रन बचे हैं। इनमें भी चार दशक से ज्यादा पुराने मिग-21 और जेगुआर की स्क्वाड्रन हैं जिन्हें सेवा से हटाना है। भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने HAL के साथ 2021 में 48000 करोड़ रुपए में 83 तेजस मार्क 1(A) का सौदा किया था। 97 अतिरिक्त तेजस मार्क 1(A) के सौदे की कार्रवाई भी जारी है इस तरह भारतीय वायुसेना के लिए HAL 180 तेजस मार्क 1(A) बनाएगा।
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जुलाई तक तेजस मार्क 1(A) के परीक्षण होंगे पूरे, इसी साल वायुसेना को मिलने की आशा
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) स्वदेशी लड़ाकू जेट तेजस मार्क 1(A) के पहले एयरक्राफ्ट के सभी परीक्षण जुलाई तक पूरे कर लेगा। HAL के सूत्रों ने Sputnik इंडिया को बताया है कि लड़ाकू जेट के लगभग सभी परीक्षण पूरे हो चुके हैं केवल इसमें लगी मिसाइलों के कुछ उन्नत परीक्षण बचे हैं जिन्हें अगले महीने तक पूरा कर लिया जाएगा।
इस जेट को 100 किमी से ज्यादा दूर तक हवा से हवा में प्रहार करने वाली स्वदेशी Astra mark 1 के अलावा 25 किमी तक हवा से हवा में मार करने वाली Advanced Short Range Air-to-Air Missile (ASRAAM) से सुसज्जित किया गया है।
इसमें इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर के लिए आधुनिक प्रबंध किए गए हैं और बेहतर रडार लगाया गया है। तेजस के इस अत्याधुनिक संस्करण तेजस मार्क 1(A) के इस साल के अंत तक भारतीय वायुसेना को मिल जाने की आशा है। इस जेट की भारतीय वायुसेना को बहुत लंबे समय से प्रतीक्षा है।
पहले स्वदेशी लड़ाकू जेट तेजस मार्क 1(A) को वायुसेना को सौंपे जाने में अब तक एक साल से ज्यादा की देरी हो चुकी है। इसका कारण अमेरिका से GE F-404 इंजनों का न आना है और इसके कारण भारतीय वायुसेना को लड़ाकू विमानों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
लेकिन अब अमेरिका ने भरोसा दिलाया है कि इंजन की सप्लाई सुचारू रूप से होगी। अमेरिका से पहला इंजन अप्रैल में HAL को मिल गया है, दो अन्य के जुलाई में मिलने की संभावना है। अमेरिका ने अगस्त से दिसंबर तक शेष इंजन भेजने का आश्वासन दिया है।
भारतीय वायुसेना इस समय लड़ाकू स्क्वाड्रन की कमी से जूझ रही है। दो मोर्चों पर युद्ध के लिए स्वीकृत 42 स्क्वाड्रन के स्थान पर उसके पास केवल 31 स्क्वाड्रन बचे हैं। इनमें भी चार दशक से ज्यादा पुराने मिग-21 और जेगुआर की स्क्वाड्रन हैं जिन्हें सेवा से हटाना है।
भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने HAL के साथ 2021 में 48000 करोड़ रुपए में 83 तेजस मार्क 1(A) का सौदा किया था। 97 अतिरिक्त तेजस मार्क 1(A) के सौदे की कार्रवाई भी जारी है इस तरह भारतीय वायुसेना के लिए HAL 180 तेजस मार्क 1(A) बनाएगा।