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भारतीय नौसेना को मिला स्वदेशी युद्धपोत उदयगिरि

© X/@MazagonDockLtdMazagon Dock Shipbuilders Ltd. (MDL) delivered the INS Udaygiri, India's second Project 17A stealth frigate, to the Indian Navy
Mazagon Dock Shipbuilders Ltd. (MDL) delivered the INS Udaygiri, India's second Project 17A stealth frigate, to the Indian Navy - Sputnik भारत, 1920, 01.07.2025
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भारतीय नौसेना को 1 जुलाई को ही अपना दूसरा महत्वपूर्ण युद्धपोत मिला। स्वदेशी स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट उदयगिरि को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया। इस युद्धपोत का निर्माण मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने किया है और यह नीलगिरि श्रेणी (P-17A) का दूसरा युद्धपोत है।
पहला युद्धपोत आईएनएस नीलगिरि इसी वर्ष जनवरी में भारतीय नौसेना में शामिल हुआ था और इस श्रेणी के कुल 7 युद्धपोत भारत में बनाए जाने हैं। ये सभी युद्धपोत हर तरह की कार्रवाई के लिए तैयार हैं और गहरे समुद्र में परंपरागत या गैरपरंपरागत युद्ध में सक्षम हैं।
नीलगिरि श्रेणी के युद्धपोत ज्यादा अच्छे स्टेल्थ गुणों से लैस हैं यानी इन्हें रडार पर देख पाना बहुत कठिन है। इनका रडार सेक्शन बहुत कम है और यह बहुत कम इन्फ्रारेड विकिरण करते हैं। 149 मीटर लंबा उदयगिरि लगभग 6500 टन वजनी है और इसकी गति 32 नॉटिकल मील या 59 किमी प्रति घंटे हैं।
इसमें 226 नौसैनिक और अधिकारी तैनात रह सकते हैं जिनके साथ यह एक बार में 4600 किमी से लेकर 10000 किमी तक की दूरी समुद्र में तय कर सकता है। शत्रु के युद्धपोत या विमानों का पता लगाने के लिए इसमें अत्याधुनिक रडार लगे हुए हैं साथ ही सबमरीन का पता लगाने के लिए सोनार और इलेक्ट्रॉनिक वारफ़ेयर सूट लगाए गए हैं।

शत्रु के मिसाइल हमले को धोखा देने के लिए स्वदेशी कवच डेकॉय सिस्टम और टॉरपीडो से निपटने के लिए मारीच टॉरपीडो काउंटरमेज़र से इसे लैस किया गया है।

शत्रु के ज़मीनी ठिकानों या युद्धपोतों को नष्ट करने के लिए उदयगिरि में 8 ब्रह्मोस मिसाइलें तैनात की गई हैं। इसमें 32 बराक मिसाइलें इसमें लगी हैं जो शत्रु के विमानों को 20 किमी की ऊंचाई पर 70 से 100 किमी की दूरी पर नष्ट कर देगीं।
शत्रु की सबमरीन को नष्ट करने के लिए इसमें स्वदेशी वरुणास्त्र टॉरपीडो के अलावा रॉकेट लगाए गए हैं। पास के युद्ध के लिए इसमें 76 मिमी की मुख्य गन के अलावा 30 मिमी कैलिबर और 12.5 मिमी की दो-दो गन लगाई गई हैं। इसमें एक हेलीकॉप्टर तैनात किया जा सकता है।

नीलगिरि श्रेणी के बचे हुए पांच युद्धपोतों का निर्माण मुंबई और कोलकाता के डॉकयार्ड में किया जा रहा है और सभी के 2026 के अंत तक भारतीय नौसेना को मिल जाने की संभावना है।

INS TAMAL  - Sputnik भारत, 1920, 01.07.2025
भारत-रूस संबंध
रूस में निर्मित INS तमाल फ्रिगेट भारतीय नौसेना में शामिल हुआ है
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